हरियाणा के बिजली इंजीनियर्स बनाएंगे बच्चों का करियर:9वीं से 12वीं तक की एकेडमिक मुश्किलें करेंगे हल; हर स्कूल से 3 स्टूडेंट्स करेंगे सिलेक्ट

हरियाणा के इंजीनियर्स राज्य के बोर्ड परीक्षार्थियों का करियर बनाएंगे। सरकारी स्कूलों में 9वीं से 12वीं तक के मेधावी विद्यार्थियों की एकेडमिक और करियर बनाने में मदद करेंगे। राज्य के बिजली निगमों ने इसका खाका तैयार कर लिया है। इंजीनियर्स अपने बिजली शेड्यूल से टाइम निकालकर स्कूलों से टॉप तीन बच्चों का चयन कर उन्हें उनकी इच्छा या योग्यता के अनुरुप आगे की दिशा दिखाएंगे। यह कार्य वह पूरे चार साल तक करेंगे, जब तक बच्चा 12वीं की परीक्षा पास न कर ले।

इसलिए लिया फैसला

हरियाणा बिजली निगमों के चेयरमैन पीके दास और आला-अफसरों की पहल पर नए साल में इसकी शुरुआत होने जा रही है। हरियाणा के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले मेधावी बच्चों जिनका डाक्टर, इंजीनियर बनना सपना है, साथ ही साधनों की कमी है।

इस तरह के विद्यार्थियों, खासतौर पर 9वीं कक्षा से लेकर 12 वीं तक के विद्यार्थियों की मदद करने के लिए सूबे के पावर हाउसों की जिम्मेदारी उठाने वाले एसडीओ स्तर के इंजीनियर्स इन बच्चों की फीजिक्स, केमिस्ट्री, गणित, अंग्रेजी जैसे विषयों में मदद करेंगे, इन विद्यार्थियों को नीट और इंजीनियर के जेईई, जेईई एडवांस परीक्षा की तैयारी कराने की दिशा में भी गाइड करेंगे।

फील्ड के 300 इंजीनियरों को मिलेगा टास्क

प्रदेश के अंदर गांवों में सीएसआर फंड से अब तक दो दर्जन लाइब्रेरी खोल चुके बिजली निगमों द्वारा नए साल में यह प्रस्तावित योजना को अमली जामा पहनाने की तैयारी है। खास बात यह है कि इस दिशा में दिशा निर्देश जारी कर दिए गए हैं। सूबे में लगभग 442 सब स्टेशन हैं, इनमें चार से पांच सब स्टेशनों पर एक एसडीओ की ड्यूटी है।

वैसे, एसडीओ स्तर के अधिकारी प्रदेश मुख्यालय बिजली कंपनियों में भी जमे हुए हैं, लेकिन फील्ड में काम करने वाले इंजीनियर्स भी तीन सौ से ज्यादा हैं। इनमें स्वेच्छा के साथ जो भी सरकारी स्कूलों के टाप 10 विद्यार्थियों की मदद करना चाहेंगे, उनकी सेवा इस सामाजिक पहल में ली जाएगी।

क्या बोले अफसर

पावर यूटिलिटी के चेयरमैन और पूर्व आईएएस अफसर पीके दास ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि हम ग्रामीण और सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले गरीब बच्चों को आगे बढ़ने में मदद करेंगे, लेकिन स्कूलों में मेधावी और आगे बढ़ने की इच्छा रखने वाले विद्यार्थियों को पहले चरण में लिया जाएगा ताकि उनके सपने को पूरा करने में आ रही दिक्कतों और विषय संबंधी समस्याओं का निवारण किया जा सके।

दास ने बताया कि हमारे पास पावर सेक्टर में होनहार और इन विषयों को लेकर पढ़े लिखे इंजीनियर्स हैं, जो दूसरों की मदद करने का काम करेंगे।