केजरीवाल का दिल्ली में अकेले चुनाव लड़ने का संकेत:बोले- लोग सातों सीट AAP को देंगे; पंजाब-चंडीगढ़ में भी गठबंधन से इनकार कर चुके

आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय संयोजक और सीएम अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली में लोकसभा चुनाव अकेले लड़ने के संकेत दिए हैं। AAP ने रविवार (11 फरवरी) को सोशल मीडिया मीडिया प्लेटफार्म X पर उनका एक वीडियो पोस्ट किया है, जिसमें वे कह रहे हैं- दिल्ली के लोगों ने 7 की 7 सीटें AAP को देने की ठान ली है।

केजरीवाल का ये वीडियो पंजाब का है। वे वहां एक जनसभा को संबोधित कर रहे थे। सूत्रों की माने तो दिल्ली के लिए I.N.D.I.A का हिस्सा कांग्रेस और AAP सीट-बंटवारे के लिए 4:3 फॉर्मूले पर चर्चा कर रही थी। इसमें कांग्रेस 4 और AAP के तीन सीटों पर चुनाव लड़ने की अटकलें थीं। 2019 में BJP ने सातों लोकसभा सीटों पर जीत दर्ज की थी।

एक दिन पहले पंजाब-चंडीगढ़ में भी अकेले लड़ने का ऐलान किया
केजरीवाल ने एक दिन पहले शनिवार (10 जनवरी) को पंजाब और चंडीगढ़ में कांग्रेस के साथ सीट शेयरिंग से इनकार किया था। पंजाब के लुधियाना में केजरीवाल ने कहा- पंजाब में AAP अकेले चुनाव लड़ेगी। 2 महीने बाद लोकसभा चुनाव हैं। पंजाब में 13 सीटें हैं और एक चंडीगढ़ की है। आने वाले 14-15 दिनों में इन 14 सीटों पर उम्मीदवार घोषित कर देंगे।

AAP ने असम-गुजरात में अपने उम्मीदवारों की घोषणा की
AAP ने कई बार इस बात पर जोर दिया है कि वह I.N.D.I.A के साथ है, लेकिन लोकसभा चुनाव के लिए अलग-अलग राज्यों में लगातार अपने उम्मीदवारों की घोषणा भी कर रही है। AAP ने पिछले हफ्ते 8 फरवरी को असम में तीन सीटों पर अपने उम्मीदवारों की घोषणा की थी।

इससे पहले केजरीवाल ने जनवरी में गुजरात यात्रा के दौरान राज्य की भरूच लोकसभा सीट पर चैतर वसावा को अपना उम्मीदवार घोषित किया था। पंजाब में अकेले चुनाव लड़ने का फैसला भी इसी के बाद आया है।

बंगाल में ममता भी अकेले लड़ेंगी चुनाव
इससे पहले पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान कर चुकी है। ममता भी खुद को I.N.D.I.A का हिस्सा बताती रही हैं। हालांकि, उन्होंने अकेले चुनाव लड़ने के अपने फैसले के लिए कांग्रेस के साथ सीट-शेयरिंग को लेकर बातचीत फेल होने का हवाला दिया था।

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपने रास्ते पहले ही अलग कर चुके हैं। वे I.N.D.I.A के सूत्रधार थे। उन्होंने ही सभी विपक्षी पार्टियों को BJP के खिलाफ एकजुट किया था। हालांकि, वे खुद 28 जनवरी को NDA में शामिल हो गए और BJP के साथ मिलकर सरकार बना ली।