मणिपुर के इम्फाल ईस्ट में फिर हिंसा:एक की मौत, फुटबॉल खेल रहे बच्चों पर भी गोलियां चलाईं, पुलिस ट्रेनिंग सेंटर से हथियार लूटे

मणिपुर के इम्फाल ईस्ट में मंगलवार को फिर हिंसा भड़क उठी। गोलीबारी में एक की मौत हो गई और 3 लोग घायल हैं। उपद्रवियों ने पेंगेई के पुलिस ट्रेनिंग सेंटर में हमला किया और हथियार लूट गए। गोलीबारी, हमले और हथियारों की लूट के वीडियो भी सामने आए हैं।

हिंसा वेस्ट जिरीबाम, बिशनपुर, थोउबल, काकचिंग, तेंगनोउपुल और कांगपोकपी में चल रही है।

हिंसा के बाद ड्रोन फुटेज में डेडबॉडी ले जाते दिखे उपद्रवी

हिंसा के बाद का ड्रोन फुटेज सामने आया है। इसमें पहाड़ी पर मौजूद लोग अपने घायल और मृत साथियों को ले जाते नजर आ रहे हैं। हिंसा में मरने वाले शख्स की पहचान 25 साल के सागोलसेम लोया के रूप में हुई है। पुलिस ने बताया कि घायल हुए लोगों में से एक को पैर में और एक को कंधे में गोली लगी। हालांकि, वे खतरे से बाहर हैं। घायल हुए लोग मैतई समुदाय के हैं या कुकी, यह अभी साफ नहीं हो पाया है।

फुटबॉल खेल रहे बच्चों पर भी चलाई गोलियां
शांतिपुर इरिल नदी के पास जब गोलीबारी शुरू हुई तो वहां कुछ बच्चे फुटबॉल खेल रहे थे। उन पर भी हथियारबंद लोगों ने गोलियां चलाईं। घबराए हुए बच्चे अपनी जान बचाने के लिए झाड़ियों में छिप गए। इस दौरान वह घायल हो गए। बच्चों का भी वीडियो सामने आया है, जिसमें उनके पैरों में जख्म नजर आ रहे हैं। बच्चे रो रहे हैं और आस-पास गोलियों की तड़तड़ाहट सुनाई दे रही है।

दरअसल, इम्फाल ईस्ट के खामेनलोक में जहां यह घटना हुई, वह मैतई बहुल इलाका है। इसके पास ही कांगपोकपी इलाका है, जो कुकी बहुल इलाका है। दोनों गुटों के बीच पहले भी हिंसा हुई है।

हाल ही में मणिपुर में सुरक्षाबलों पर हुआ था हमला
मणिपुर के थौबल जिले में उपद्रवियों ने 17 जनवरी को पुलिस हेडक्वार्टर पर हमला किया था। उपद्रवी भीड़ की तरफ से की गई फायरिंग में तीन जवान घायल हो गए थे। पुलिस के अनुसार भीड़ ने पहले हेडक्वार्टर में दाखिल होने की कोशिश की थी। जब पुलिस ने उन्हें रोकने के लिए बल प्रयोग किया, तो भीड़ के बीच से कुछ उपद्रवियों ने फायरिंग कर दी।

इस हमले में घायल जवानों की पहचान कॉन्स्टेबल गौरव कुमार, ASI सोबराम सिंह और ASI रामजी के तौर पर हुई थी। घटना के बाद जिला प्रशासन ने थौबल में कर्फ्यू लगा दिया था। हालांकि हेल्थ, मीडिया सहित जरूरी सेवाओं से जुड़े लोगों और कोर्ट के कामकाज में शामिल लोगों समेत हवाई अड्डों पर जाने वाले यात्रियों को कर्फ्यू के दायरे से छूट दी गई थी।