कभी सब्जी बेचते थे…अब राज्यसभा तक पहुंचेंगे:अमरपाल मौर्य, जिन्होंने प्रतापगढ़ में अपना दल के सिंबल पर चुनाव लड़ने से किया था मना

 वह प्रतापगढ़ के राजापुर बिन्धन गांव से ताल्लुक रखते हैं।

अमरपाल मौर्य की जिंदगी के कुछ पन्ने पलटने से पहले बता दें कि वह BJP की तरफ से राज्यसभा के 10 उम्मीदवारों में से एक हैं। चूंकि 10 सीटों पर 10 ही उम्मीदवार हैं, इसलिए निर्विरोध चुना जाना भी तय है।

सवाल : सब्जी बेचने से लेकर राज्यसभा तक पहुंचने का सफर कैसा रहा?
जवाब : हमारे परिवार में सब्जियों की खेती होती थी। हम मां-बाप का हाथ बंटवाते थे। पढ़ाई करने के दौरान में सब्जियों को बेचने के लिए बाजार जाता था। इसमें कोई शर्म की बात नहीं है। मेहनत करते थे। फिर छात्र जीवन से ही धीरे-धीरे राजनीति में कदम पड़ गए। बीजेपी ने काम करने का मौका दिया।

सवाल : 20 साल से पार्टी से जुड़े हैं, कभी ऐसा ख्याल आया कि इसमें भविष्य नहीं है?
जवाब :
 नहीं, ऐसा कभी ख्याल नहीं आया है। भारतीय जनता पार्टी में काम करते वक्त कभी मैंने यह नहीं सोचा कि मुझे कुछ प्राप्त होना है, मुझे बस देश के लिए काम करना है। मोदी जी का जो विजन है, उसी अनुसार काम करने हैं। पंडित दीनदयाल, श्यामा प्रसाद मुखर्जी जैसे लोगों ने अपना जीवन देश के लिए समर्पित किया। उनके जीवन से प्रेरणा मिलती है।

सवाल : लोकसभा चुनाव के लिए अपना दल के सिंबल पर लड़ने का ऑफर क्यों ठुकरा दिया था?
जवाब :
 यह बात 2019 के लोकसभा चुनाव की थी। मैं उस समय प्रतापगढ़ से पार्टी से टिकट मांग रहा था। मुझे प्रतापगढ़ से टिकट नहीं दिया गया था। क्योंकि वह सीट अपना दल के खाते में थी। भगवान संगम लाल गुप्ता जी सांसद थे। जिनकी सीट खाली हुई थी तो मुझे यह कहा गया था कि आप अपना दल के सिंबल से लड़ जाइए।
मगर मैं भारतीय जनता पार्टी का एक निष्ठावान कार्यकर्ता हूं। मैं विधायक या सांसद बनने के लिए कोई काम नहीं करता हूं, यह पार्टी के प्रति मेरा समर्पण था और मैंने यह तय किया था कि मुझे कभी भी कुछ भी करने का मौका होगा तो कमल पर जीत दर्ज करुं। इस सपने को लेकर मैं काम करता रहा हूं।

सवाल : पिछले विधानसभा चुनाव में आप ऊंचाहार से विधानसभा प्रत्याशी थे। कहां कमी रह गई कि हार का सामना करना पड़ा?
जवाब :
 मुझे तो पता भी नहीं था कि मुझे पार्टी की तरफ से ऊंचाहार से विधानसभा का प्रत्याशी बनाया जाएगा। मैं तो अपना काम कर रहा था और अचानक से मेरे पास फोन आया कि कल आपको नामांकन करने जाना है। मैं तो भाजपा का सिपाही हूं। भाजपा का कार्यकर्ता हूं।
मैं ऊंचाहार से 18 दिन में चुनाव लड़ा। बीजेपी के इतिहास में 76000 वोट पार्टी को ऊंचाहार में नहीं मिला था। आजादी के बाद पहली बार इतना वोट मिला था। लोग इसको कांग्रेस का गढ़ कहते थे, मैंने वहां कांग्रेस की जमानत जप्त कराई।

सवाल : लोकसभा चुनाव को लेकर आपकी तैयारियां क्या हैं?
जवाब : 
मैं भारतीय जनता पार्टी के संगठन में एक पदाधिकारी के रूप में काम कर रहा हूं। मुझे लगता है कि उत्तर प्रदेश में आज की स्थिति में मैं यह कह सकता हूं कि 80 की 80 लोकसभा सीट हम जीत रहे हैं। मोदी जी तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने वाले हैं।