गुरुग्राम में ठगे 58 लाख रुपए:साइबर ठगों ने दिखाया अंडरवर्ल्ड का रौब, CBI अफसर बनकर की थी बात, किया था रुम अरेस्ट

हरियाणा के गुरुग्राम में साइबर क्राइम के डीसीपी के नाम पर और अंडर वर्ड का रौब दिखा साइबर ठगों ने एक व्यक्ति को लाखों रुपए का चूना लगा दिया। पीड़ित की शिकायत पर थाना साइबर क्राइम यूनिट ने आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच पड़ताल शुरू कर दी है।

क्राइम ब्रांच के एएसआई से करवाई बात

साइबर क्राइम यूनिट के डीसीपी सिदार्थ जैन की माने तो गुरुग्राम के सेक्टर-51 निवासी देवराज मित्रा ने शिकायत दी कि 11 फरवरी की सुबह करीब 11 बजकर 53 मिनट पर उनके पास फेड एक्स मुंबई अंधेरी ब्रांच से फोन आया कि पासपोर्ट, क्रेडिट कार्ड, नारकोटिक्स और लैपटॉप वाली एक खेप ताइवान से आई है। इसे मुंबई कस्टम ने रोक लिया है। पार्सल की बुकिंग में उनके आधार कार्ड का प्रयोग किया गया है। पीड़ित ने शिकायत में कहा कि फोन करने वाले ने उसकी बात मुंबई क्राइम ब्रांच के एएसआई से करवाई। एएसआई ने स्काइप के जरिए संपर्क किया और आधार कार्ड की जानकारी व फोटो ले ली और कहा कि वे मुंबई अंडरवर्ल्ड से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में आधार लिंक की जांच करेंगे।

डीसीपी का डर दिखा पीड़ित को किया रूम अरेस्ट

स्काइप कैमरे के माध्यम से उसे 24 घंटे निगरानी में रखा गया। इसके बाद स्काइप संदेश में एक नोटिस मिला कि मामला सीबीआई वित्त विभाग में दर्ज है। रविवार होने के कारण सीबीआई कार्यालय बंद है, इसलिए इस मामले में डीसीपी सोमवार को शामिल होंगे। ऐसे में पीड़ित पूरे रविवार को रूम अरेस्ट की स्थिति में था।

आतंकवादी समूह से लेन देन का दिखाया डर

सोमवार की सुबह बाल सिंह राजपूत (डीसीपी मुंबई साइबर क्राइम) नाम के किसी व्यक्ति ने बताया कि एफडी, स्टॉक, म्यूचुअल फंड में से सभी निवेश को तोड़ना होगा और निगरानी के लिए अपने आईसीआईसीआई बैंक में स्थानांतरित करना होगा। आरोपी ने यह कहकर उन्हें और भयभीत कर दिया कि उनका आतंकवादी समूह से लेनदेन करने का मामला सामने आ रहा है।

एफडी तुड़वा कर ठग को दिए 56 लाख

सोमवार को पीड़ित ने एक्सिस बैंक, एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, कोटक बैंक और कर्नाटक बैंक में अपनी एफडी तुड़वाई और बचत खाते से राशि निकाल कर जो कि करीब 56 लाख रुपए अपने बैंक खाते में स्थानांतरित करा लिए।

पुलिस को कराया मामले से अवगत

पुलिस को दी शिकायत में पीड़ित ने कहा कि जांच के बाद पैसा वापस करने की बात कही गई थी। लेकिन 14 फरवरी को उसे अपने साथ धोखाधड़ी होने का शक हुआ। जब उसने पूरे मामले की जांच की तो शक यकीन में बदल गया। इस पर पीड़ित देवराज गुरुग्राम पुलिस के पास पहुचा और मामले से अवगत करवाया। साइबर ठगी का मामला होने पर पुलिस ने थाना साइबर क्राइम में केस दर्ज कर मामले की तफ्तीश शुरू कर दी है। पुलिस को आरोपियो का कोई सुराग नहीं मिल सका है।