यूक्रेन जंग, मृत भारतीय के परिजन ने डेथ सर्टिफिकेट मांगा:कहा- नौकरी देने वाले एजेंट्स ने बोला था अफसान जिंदा है, उसने दिसंबर में हमसे बात की थी

रूस-यूक्रेन जंग में हैदराबाद के एक युवक मोहम्मद अफसान की मौत हो गई। अब उसके परिजनों ने भारत में स्थित रूसी ऐंबैसी से उसकी मौत का सबूत मांगा है।

अफसान के भाई मोहम्मद इमरान ने X पर मॉस्को में भारतीय दूतावास से मौत का सबूत मांगते हुए कहा- हम कैसे मान लें कि अफसान मर गया है। आपके पास कोई सबूत है? रूसी आर्मी ने आपको लिखित में इस बात की जानकारी दी है? रूसी सेना को डेथ सर्टिफिकेट या मौत की पुष्टि करने वाला कोई ऑफिशियल लेटर देना चाहिए।

भारतीय मीडिया टाइम्स ऑफ इंडिया को दिए इंटरव्यू में इमरान ने कहा- ऐंबैसी ने फोन करके अफसान की मौत की जानकारी दी थी लेकिन उसे नौकरी देने वाले एजेंट्स ने कहा कि वो जिंदा है। एजेंट्स ने अफसान के जिंदा होने का सबूत 5 मार्च तक देने की बात कही थी। 6 मार्च को उसकी मौत की खबर मिली। हमें उसके मारे जाने या जिंदा होने का कोई सबूत नहीं मिला है।

अफसान से आखिरी बार 31 दिसंबर को बात हुई थी
मोहम्मद इमरान ने कहा- अफसान ने आखिरी बार 31 दिसंबर को हमसे फोन पर बात की थी। इसके बाद से उसका कोई फोन नहीं आया। उसके दो बच्चे हैं। एजेंट्स ने हेल्पर की नौकरी के लिए उसे हायर किया था। कहा था कि 1.5 लाख की सैलरी देंगे। लेकिन रूस पहुंचने के बाद अफसान से कहा गया कि उसे आर्मी के साथ जंग लड़नी होगी।

उन्होंने कहा- पहले तो अफसान को धोखे से आर्मी में भर्ती करवाया गया फिर उसे वह बिना किसी ट्रेनिंग के जंग लड़ने भेज दिया गया। वो अपनी जान नहीं बचा पाया। अफसान ने कॉमर्स फील्ड में ग्रैजुएशन किया था। वो रूस जाने से पहले हैदराबाद में एक कपड़े की दुकान में काम करता था।

भारतीय दूतावास अफसान की मौत की पुष्टि कर चुका है
अफसान के परिजनों ने AIMIM नेता और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी से उसे भारत लाने के लिए मदद मांगी थी। वहीं, 6 मार्च को रूस के मॉस्को में स्थित भारतीय दूतावास ने अफसान की मौत की पुष्टि की।

भारतीय दूतावास ने कहा, ‘हमें भारतीय नागरिक मोहम्मद अफसान के मौत की जानकारी मिली है। हम उनके परिवार और रूसी अधिकारियों के संपर्क में हैं। उनके पार्थिव शरीर को भारत भेजने की कोशिश करेंगे।’

ऐंबैसी ने एडवाइजरी जारी की थी
21 फरवरी को गुजरात के सूरत में रहने वाले हेमिल अश्विनभाई मंगुकिया की यूक्रेन में मौत हुई थी। हेमिल को रूसी कंपनी में नौकरी जॉइन कराई गई थी। बाद में कंपनी ने उसे जंग लड़ने के लिए भेज दिया था। हेमिल को धोखे से वैगनर आर्मी जॉइन करा दी गई थी। मरने से कुछ घंटे पहले हेमिल ने घरवालों से करीब 2 घंटे बात की थी।

वहीं, 3 मार्च को इजराइल के उत्तरी क्षेत्र गैलीली में हुए मिलाइल हमले में 2 भारतीय घायल भी हुए थे। इसके बाद भारतीय ऐंबैसी ने एडवाइजरी जारी की थी। इसमें दूतावास ने सभी भारतीय नागरिकों को बॉर्डर से दूर और सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी है। साथ ही हेल्पलाइन नंबर भी शेयर किया था।

एजेंट्स ने नौकरी के बदले 3 लाख सैलरी का लालच दिया
22 फरवरी की टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक, पहली बार भारतीयों को धोखा देकर यूक्रेन जंग में भेजने की बात सामने आई थी। इसके बाद 29 फरवरी को विदेश मंत्रालय ने बताया था कि रूस में फिलहाल 20 भारतीय नागरिक फंसे हैं और इन्हें निकालने की कोशिश जारी है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, पीड़ित पहली बार नवंबर 2023 में एजेंट्स से मिले थे। एजेंट्स ने हेल्पर की नौकरी के लिए लाखों की सैलरी बताई थी। इसके बाद दिसंबर 2023 में भारतीयों को विजिटर वीजा पर रूस ले जाया गया।