रूस में फंसे 7 भारतीयों में 1 करनाल का युवक:बॉर्डर से हटाकर बंकर खोदने में लगाया; वतन वापसी के इंतजार में परिजन

रूस में फंसे करनाल और पंजाब के 7 भारतीय युवाओं की घर वापसी की आस नहीं बन पा रही है। युवाओं के परिजन सरकार की ओर टकटकी लगाए बैठे हैं, कब उनके बच्चों की वतन वापसी होगी, लेकिन अभी तक दूर-दूर तक कुछ भी अपडेट नहीं मिल पा रहा है।

हालांकि, परिजनों की माने तो एंबेसी में कागजात पूरे किए जाने की प्रक्रिया जरूर चलने की बात सामने आ रही है। वहीं, रूस में भारतीय युवाओं से बंकर की खुदाई की भी खबरें सामने आ रही हैं।

खुदाई के काम से वापस बुलाया
परिजनों की माने तो रूस में भारतीय दूतावास से मिली जानकारी के मुताबिक, युवाओं को खुदाई के काम से वापस बुला लिया गया है। परिजन अपने बच्चों को वापस भारत लाने के लिए जद्​दोजहद कर रहे हैं, लेकिन उन्हें उम्मीद नजर नहीं आ रही। सोचा था कि होली के पर्व पर उनके बच्चे उनके साथ होंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।

5 दिन दिया गया रेस्ट
करनाल निवासी हर्ष के भाई साहिल की माने तो उसकी भाई से बात नहीं हो पाई है, क्योंकि हर्ष को बंकर की खुदाई में लगाया हुआ है और मोबाइल को जमा करवाया हुआ है। हालांकि, पांच दिन बाद हर्ष व अन्य लोगों को बंकर से बाहर निकाल लिया गया है, लेकिन पांच दिन के रेस्ट के बाद फिर से बंकर की खुदाई में लगा दिया जाएगा। हम प्रयास कर रहे हैं कि हर्ष जल्द ही उनके बीच में हो।

नए साल पर गया था घूमने
आपको बता दें कि करनाल के सांभली गांव का हर्ष नए साल पर रूस में घूमने के लिए गया था, लेकिन एजेंट ने उसे, हरियाणा व पंजाब के 6 अन्य युवकों को बेलारूस में उतार दिया। बेलारूस का अलग से वीजा लगता है। वहीं पर सात युवकों को पुलिस ने पकड़ लिया और आर्मी के हवाले कर दिया।

बाद में आर्मी ने जबरन सभी युवाओं को सेना में भर्ती कर लिया। जब युवकों ने भर्ती होने से मना किया तो उन्हें लालच दिया गया। जब लालच से भी युवा नहीं माने तो उन्हें 10 साल की सजा की धमकी दी। उसके बाद से ही युवक रूस में फंसे हुए हैं। रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध छिड़ा हुआ है। वहां पर जबरदस्ती भारतीय युवाओं का इस्तेमाल किया जा रहा है।

ऐसा नहीं है कि जिन भारतीय युवकों को भर्ती किया गया है उन्हें प्रॉपर ट्रेनिंग मिली हो, उन्हें सिर्फ 15 दिन की ट्रेनिंग दी और युद्ध के मैदान में झोंक दिया।