काजल निषाद को हेडेक के बाद आया था चक्कर!:फिलहाल कार्डियक कॉम्प्लिकेशन नहीं; रात 3 बजे लखनऊ मेदांता में कराया भर्ती

गोरखपुर से सपा की लोकसभा प्रत्याशी और अभिनेत्री काजल निषाद को सोमवार तड़के 3 बजे लखनऊ के मेदांता हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। सूत्रों के अनुसार, काजल को हेडेक के बाद चक्कर आ गया था। जिसके बाद उन्हें गोरखपुर से हायर सेंटर रेफर किया गया।

काजल निषाद को अभी न्यूरोलॉजिस्ट की निगरानी में रखा गया है। फिलहाल कोई कार्डियक कॉम्प्लिकेशन नही हैं। वह ICU में भर्ती हैं। कुछ देर में अस्पताल हेल्थ बुलेटिन जारी करेगा।

व्हीलचेयर-वाकर के सहारे कर रही थीं प्रचार
दरअसल, 5 अप्रैल को चुनाव प्रचार के दौरान 41 साल की काजल को सीने में दर्द और ब्लड प्रेशर बढ़ने की शिकायत हुई थी। इसके तुरंत बाद समर्थकों ने उन्हें एक प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया। तब से उनका इलाज इसी अस्पताल में चल रहा था।

काजल के पति संजय निषाद ने बताया, रविवार की देर शाम करीब पौने 9 बजे उन्हें हार्ट अटैक आया। गंभीर हालत को देखते हुए डॉक्टरों ने उन्हें हायर सेंटर के लिए रेफर कर दिया। करीब सवा 9 बजे काजल के परिजन और समर्थक उन्हें लेकर लखनऊ के लिए रवाना हुए।

बता दें सपा ने काजल को गोरखपुर से लोकसभा प्रत्याशी बनाया है। तब से वह लगातार चुनाव मैदान में मतदाताओं के बीच अपना जनसंपर्क अभियान चला रही थीं। हालांकि, इस बीच उनका पैर भी फ्रैक्चर हो गया था। वह व्हीलचेयर और वाकर के सहारे चल रही थीं।

2 विधानसभा और एक निकाय चुनाव हार चुकी हैं
यूपी विधानसभा चुनाव 2012 में काजल निषाद कांग्रेस के टिकट पर गोरखपुर ग्रामीण से चुनाव लड़ी थीं पर हार गईं। फरवरी 2012 में उन्होंने बहुजन समाजवादी पार्टी के नेता राम भुआल निषाद और उनके समर्थकों पर FIR दर्ज करवाई थी। जिसमें आरोप लगाया कि ककरखोर में चुनाव प्रचार के दौरान राम भुआल और उनके समर्थकों ने उन पर जानलेवा हमला करवाया था।

2022 के विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी ने काजल निषाद को कैपियरगंज विधानसभा सीट से अपना प्रत्याशी बनाकर मैदान में उतारा था। हालांकि, इस दौरान भी काजल को भाजपा प्रत्याशी और पूर्व मंत्री फतेह बहादुर सिंह के सामने हार का सामना करना पड़ा।

इतना ही नहीं, 2023 में हुए निकाय चुनावों में भी सपा ने उन्हें गोरखपुर महापौर के पद पर मैदान में उतारा था। लेकिन, भाजपा प्रत्याशी डॉ. मंगलेश श्रीवास्तव से कड़ी टक्कर के बाद वे इस बार भी चुनाव हार गईं।

अखिलेश यादव ने काजल को दिलाई थी सदस्यता
7 अगस्त 2021 को काजल निषाद को सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पार्टी की सदस्यता दिलाई थी। काजल करीब 1 हजार समर्थकों के साथ सपा में शामिल हुई थीं। तभी से काजल लगातार राजनीति में एक्टिव हैं। वे अखिलेश यादव के संपर्क में रहने के साथ ही हर बड़े मुद्दे पर बेबाकी से अपनी बात रखती हैं।

काजल की फिल्मों से राजनीति तक की यात्रा भी फिल्मी
41 साल की काजल निषाद का जन्म गुजरात के कच्छ में हुआ था। 12वीं तक पढ़ीं काजल करियर बनाने के लिए मुंबई आ गईं। यहां उन्होंने फिल्मों और टीवी शो में काम किया। साल 2009 में उन्होंने ‘लापतागंज’ शो में ‘चमेली’ के रोल से करियर की शुरुआत की। इसके बाद उन्होंने भोजपुरी सिनेमा का रुख किया। उनकी पहली भोजपुरी फिल्म ‘शादी ब्याह’ थी।

काजल के फिल्मी सफर की बात करें तो वे ‘तोता वेड्स मैना’ में राम कटोरी चाची की भूमिका से दर्शकों के बीच लोकप्रिय रही हैं। इसके अलावा उन्होंने कलर्स के शो ‘इश्क का रंग सफेद’ में कनक त्रिपाठी का किरदार भी बखूबी निभाया।

इसी दौरान काजल की मुलाकात भोजपुरी फिल्मों के प्रोड्यूसर संजय निषाद से हुई और दोनों ने शादी कर ली। संजय गोरखपुर के भौवापार के रहने वाले हैं। इसके बाद उन्होंने राजनीति में कदम रखा। काजल ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत कांग्रेस पार्टी के साथ की। लेकिन, वह समाजवादी पार्टी का हिस्सा हैं।

समाजवादी पार्टी ने लोकसभा चुनाव के लिए सदर सीट से काजल निषाद पर दांव लगाया है। कहा जा रहा है कि एक बार फिर सपा ने काजल पर दांव लगाकर यादव-मुस्लिम और निषाद वोट बैंक पर निशाना साधा है।