मेरठ के 7 लोगों की सीकर में जलकर मौत:घर में ताला खोलने वाला भी नहीं बचा, 8 साल पहले मांगी देवी दर्शन की मन्नत पूरी करने गए थे

मेरा भतीजा तो शादी के 8 साल बाद मन्नत पूरी करने गया था। हम सब तो बहुत खुश थे कि परिवार तीर्थ यात्रा को गया है। क्या पता था कि वो अब कभी नहीं लौटेंगे। उनके स्वागत के लिए घर में माता की चौकी का आयोजन प्लान किया था। लेकिन अब कुछ नहीं बचा।

राजस्थान के चुरु सीकर हाईवे पर सड़क दुर्घटना में मेरठ निवासी हार्दिक बिंदल का पूरा परिवार जलकर खाक हो गया। परिवार के सात लोगों की मौत से रिश्तेदारों, पड़ोसियों सहित हार्दिक के ताऊजी संतकुमार का भी रो-रोकर बुरा हाल है। ताऊ ने बताया कि ऐसा बुरा दिन भगवान किसी के जीवन में न लाए।

चुरु हाईवे पर हुआ हादसा
मेरठ निवासी हार्दिक बिंदल अपनी मां, दो बेटियों, पत्नी, मौसी और मौसेरे भाई के साथ राजस्थान सीकर मातारानी के दर्शन को गए थे। पूरा परिवार शनिवार को सीएनजी कार से राजस्थान के लिए निकला।

रविवार सुबह पहले राजस्थान में जीण माता के दर्शन किए। इसके बाद पूरा परिवार कार से रानी सती के दर्शन को जा रहे थे तभी चुरु हाईवे पर कार अचानक रुई के ट्रक में जा घुसी। टक्कर इतनी तेज थी कि कार में ब्लास्ट हुआ और आग लग गई।

सेंट्रल लॉक होने के कारण कार खुल नहीं सकी। सातों लोगों की कार के अंदर ही जलकर मौत हो गई। बाद में पुलिस ने मौके पर पहुंचकर लाशों को मोर्चरी भेजा। किसी तरह जले हुए मोबाइलों के सिम निकालकर मेरठ में रिश्तेदारों को दुघर्टना की जानकारी दी। साथ ही गाड़ी के नंबर से पहचान की गई।

दो परिवारों के इकलौते बेटे चले गए
हार्दिक मेरठ के शिवशंकर पुरी थाना ब्रहमपुरी में पैतृक मकान में रहते थे। मकान के नीचे के हिस्से में हार्दिक के ताऊ संतकुमार, ताई कमलेश अपने बेटे सत्यम के साथ रहते हैं। ऊपर के हिस्से में हार्दिक का परिवार रहता है। हार्दिक के पिता नरेंद्र बिंदल का 10 साल पहले ही निधन हो गया था।

हार्दिक का कपड़े का कारोबार और दोस्तों के साथ पार्टनरशिप में एक फूड कैफे है। हार्दिक दो बहनों का अकेला भाई था। दो छोटी बहनें सुगंध और महक है। बहन महक की सियाना और सुंगध की हापुड़ में शादी हुई है। शनिवार को हार्दिक अपनी मां मंजू बिंदल, पत्नी स्वाति, बेटी सिदीक्षा और रितिशा, मौसी नीलम गोयल पत्नी मुकेश गोयल और मौसेरे भाई आशुतोष गोयल के साथ राजस्थान गए थे।

पांच साल पहले हुई थी आशुतोष की शादी
ताऊ संतकुमार ने बताया, हार्दिक की मौसी नीलम यहीं मेरठ आरकेपुरम में रहती हैं। मौसी अपने इकलौते बेटे आशुतोष को लेकर यहां आईं, तब ये सारे लोग राजस्थान दर्शन को गए। कार मौसी का बेटा लेकर आया था। कार हार्दिक और मौसी का बेटा दोनों मिलकर चला रहे थे।

बताया कि आशुतोष भी अपने घर का इकलौता बेटा है। उसके एक बहन है जिसकी शादी हो गई। आशुतोष की भी पांच साल पहले शादी हुई थी उसका 4 साल का बच्चा है। पूरे परिवार पर गम का पहाड़ टूट पड़ा है। हमारी तो दुनिया उजड़ गई। दो परिवार खत्म हो गए।

शादी के बाद नहीं जा पाए थे जात करने

संतकुमार इस हादसे से सदमे में हैं, रोते हुए बताया मैंने अपने बेटे से ज्यादा प्यार हार्दिक को दिया। मेरा बेटा सत्यम तो शादी के बहुत सालों बाद हुआ है। हार्दिक से बहुत छोटा है। हार्दिक हमारे घर का सबसे चहेता और बड़ा बेटा था।

संतकुमार बोले की हार्दिक की शादी लगभग आठ साल पहले हुई थी। बहू का मायका भी यहीं लोकल का है। तभी मन्नत मांगी थी कि बेटा, बहू दोनों माता की जात करने राजस्थान जाएंगे। तबसे कुछ न कुछ होता रहा और बच्चे माता के दर्शन को जा नहीं पाए।

घर में माता की चौकी की थी तैयारी

ताऊ संतकुमार ने बताया, घर में ज्योति भी वैसे ही जल रही है। ऊपर कमरों में जो ताला लगाकर गए थे वो ताले भी वैसे ही लगे हैं। हमारा तो कोई नहीं बचा। उनके लौटने पर घर में पूजा और माता की चौकी करानी थी। लेकिन सब उजड़ गया।

10 दिन पहले रितिशा का स्कूल में हुआ था एडमिशन

सत्यम ने बताया, अभी सिदीक्षा पांच साल की थी। वो नर्सरी में पढ़ती थी। जबकि रितिशा को अभी 10 दिन पहले स्कूल में एडमिशन कराया था। वो 3 साल की थी। दोनों यहीं पास के एबीसी स्कूल में पढ़ने जाती थी। रितिशा तो कुल 10 दिन से स्कूल जा रही थी। उसके लिए न्यू बैग, बॉटल सब लाए थे। वो स्कूल जाने से बहुत खुश भी थी।

बचपन का दोस्त ऐसे छोड़कर चला गया

हार्दिक के बचपन के दोस्त और पड़ोसी मोहित गोयल को सबसे पहले इस घटना की सूचना मिली थी। मोहित ने बताया किसी रिश्तेदार ने उनको फोन करके बताया कि हार्दिक का एक्सीडेंट हो गया है। इसके बाद मैं दौड़-दौड़ यहां घर आया और घटना की पूरी जानकारी ली।

दोनों सगी बहनों ने साथ तोड़ा दम
हार्दिक के दोनों बहनोई, मामा, मौसी का परिवार, ससुराल के लोग सभी सीकर निकल गए। वहां से डेड बॉडी लेकर आएंगे। देर रात दोनों बहनें और रिश्तेदार भी मेरठ आ गए। पूरे परिवार का रो रोकर बुरा हाल है। दोनों सगी बहनों उनके बेटों की एक साथ मौत हो गई।

हार्दिक मेरठ में भाजपा नेता और कैंट विधायक रहे सत्यप्रकाश अग्रवाल का सगा भांजा है। वहीं आशुतोष की पत्नी, पिता मुकेश अग्रवाल, बहन के भी आंसू नहीं रुक रहे। उधर हार्दिक के ससुराल में भी मातम छाया है। इस हादसे से पूरे शहर में शोक है, भाजपा के तमाम नेता भी परिवार में शोक जताने पहुंचे। डेडबॉडी सोमवार तक ही मेरठ आएंगी।