पतंजलि विज्ञापन केस की सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई:बेंच ने अखबार नहीं लाने पर पतंजलि को फटकारा, कहा- आपके वकील बहुत होशियार हैं

पतंजलि भ्रामक विज्ञापन केस में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू हो गई है। जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की बेंच में पतंजलि की ओर से वकील मुकुल रोहतगी और उत्तराखंड सरकार की ओर से ध्रुव मेहता पेश हुए।

सुनवाई शुरू होते ही कोर्ट ने पतंजलि के वकील से पूछा कि माफीनामा हमें आज सुबह मिला है। इसे वक्त पर क्यों नहीं फाइल किया गया। इस पर पतंजलि के वकील ने कहा- 5 दिन पहले फाइल किया गया था।

बेंच ने फिर पूछा कि क्या आपने ओरिजिनल माफीनामा फाइल किया है? रजिस्ट्री को इसे स्कैन करके फाइल में क्यों रखना पड़ा? आपने ई-फाइलिंग की है। ये हमारे आदेश का पालन नहीं है। हमने कहा था, जैसा माफीनामा है, वैसा फाइल करो।

कोर्ट ने कहा- फिजिकली माफीनामा देने का मतलब यह नहीं है कि आप पीडीएफ फाइल दें। आपको पता है कि हमने क्या मांगा था। वकील साहब बताइए हमने क्या मांगा था? इस पर पतंजलि ने कहा- जैसा बताया था, वैसा ही फॉरमेट है।

जस्टिस अमानतुल्लाह ने कहा- यहां बहुत ज्यादा कम्युनिकेशन गैप है। हमें ऐतराज है। ये जानबूझकर किया जा रहा है। आपके वकील ज्यादा स्मार्ट है। हमें लग रहा है कि आपके वकील क्लाइंट को ज्यादा बार कोर्ट में पेश करना चाहते हैं, उतना हम नहीं चाहते हैं। यही लग रहा है। पूरा न्यूज पेपर फाइल किया जाना था।

कोर्ट के निर्देश पर 24 अप्रैल को पतंजलि ने पहले से बड़ा माफीनामा छपवाया
पतंजलि, बाबा रामदेव और बालकृष्ण ने 24 अप्रैल को अखबारों में एक और माफीनामा छपवाया था। यह 22 अप्रैल के विज्ञापन से साइज में बड़ा था। इसमें बिना शर्त कोर्ट से माफी मांगी गई है।

पतंजलि ने इस माफीनामे में लिखा- हमसे विज्ञापनों को प्रकाशित करने में हुई गलती के लिए ईमानदारी से बिना शर्त माफी मांगते हैं। ऐसी गलती दोबारा नहीं होगी। हम सावधानी के साथ सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का पालन करने का वचन देते हैं।