केजरीवाल के खिलाफ ED की शिकायत पर आज सुनवाई:9 समन पर पेश न होने से जुड़ा मामला; दिल्ली CM ने जवाब देने का वक्त मांगा था

दिल्ली शराब नीति मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ED) की शिकायतों पर राऊज एवेन्यू कोर्ट में शनिवार को सुनवाई होगी। ED ने कई समन भेजने के बावजूद पेश नहीं होने को लेकर केजरीवाल के खिलाफ दो शिकायतें की हैं।

इस मामले में 19 अप्रैल को पिछली सुनवाई हुई थी। तब केजरीवाल ने जवाब दाखिल करने के लिए कोर्ट से समय मांगा था। केजरीवाल के वकील रमेश गुप्ता ने कहा था कि उनकी टीम ED की शिकायतों का जवाब नहीं दे सकी है, क्योंकि उन्हें केजरीवाल से निर्देश नहीं मिल पा रहे हैं।

रमेश गुप्ता ने कहा कि वे जेल में बंद अपने क्लाइंट से बातचीत नहीं कर पा रहे हैं। केजरीवाल ने अपनी लीगल टीम से ज्यादा समय तक बातचीत के लिए आवेदन भी दिया था, लेकिन ED ने कोर्ट के सामने इसका विरोध किया।

इस पर ED की ओर से पेश एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने कहा कि अगर केजरीवाल के वकील जवाब दाखिल करना चाहते थे तो वे बातचीत के लिए समय मांग सकते थे।

केजरीवाल की अंतरिम जमानत पर 7 मई को SC में सुनवाई
इधर, केजरीवाल की गिरफ्तारी और रिमांड पर सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार (3 अप्रैल) को दो घंटे बहस हुई। जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की बेंच ने कहा कि लोकसभा चुनाव को देखते हुए केजरीवाल की अंतरिम जमानत पर विचार किया जा सकता है, ताकि वे कैंपेन में हिस्सा ले सकें।

बेंच ने कहा कि मेन केस यानी जिसमें केजरीवाल ने अपनी गिरफ्तारी और रिमांड को चुनौती दी है, इसमें समय लग सकता है। कोर्ट ने ED से कहा- अगली सुनवाई में अंतरिम जमानत की शर्तों को भी बताया जाए। हमे अंतरिम जमानत देने या न देने पर अभी फैसला करना है। हम 7 मई को इस पर सुनवाई करेंगे।

केजरीवाल की ओर से वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी और ED की तरफ से ASG एसवी राजू ने सुप्रीम कोर्ट में दलीलें रखीं। सिंघवी ने एक बार फिर कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री के खिलाफ कोई सबूत नहीं है और उनकी गिरफ्तारी गैरकानूनी है। केजरीवाल ने ED के 9 समन का जवाब दिया था। जांच एजेंसी के सामने पेश न होना गिरफ्तारी का आधार नहीं हो सकता।

वहीं एसवी राजू ने केजरीवाल की गिरफ्तारी का आधार बताया। उन्होंने कहा- केजरीवाल को गिरफ्तार करने का निर्णय सिर्फ जांच अधिकारी नहीं, बल्कि एक स्पेशल जज द्वारा भी लिया गया था। दिल्ली के CM गिरफ्तार नहीं किए जाने को लेकर हाईकोर्ट भी गए थे। लेकिन कोर्ट ने दस्तावेजों को देखने के बाद गिरफ्तारी से रोक पर हस्तक्षेप से इनकार कर दिया।