बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने अपने भतीजे आकाश आनंद से सभी जिम्मेदारियां छीन ली हैं। बसपा प्रमुख ने मंगलवार रात करीब 10 बजे आकाश आनंद को उत्तराधिकारी और नेशनल कोऑर्डिनेटर पद से हटाया। मायावती ने स्पष्ट किया कि आकाश के पिता आनंद कुमार पार्टी में अपनी जिम्मेदारियां निभाते रहेंगे।
यह एक्शन तीसरे चरण की वोटिंग खत्म होने के बाद लिया गया। आकाश ने पिछले दिनों एक के बाद एक भाजपा पर बयान दिए थे। इस एक्शन को उससे जोड़कर भी देखा जा रहा है।
मायावती ने सोशल मीडिया X पर लिखा, ‘पूर्ण परिपक्वता ना होने की वजह से उन्हें दोनों पदों की अहम जिम्मेदारी से हटाया जाता है।’
1- बिजनौर में तू-तड़ाक कर भाषण दिया
6 अप्रैल को आकाश आनंद ने लोकसभा चुनाव को लेकर पहली जनसभा बिजनौर में की। कहा था- भाजपा सरकारी खर्चे पर अपनी योजनाओं का बखान कर रही है। प्रदेश सरकार को खुद को ‘बुलडोजर सरकार’ कहलवाना बहुत अच्छा लगता है। लेकिन जनता ने सरकार को तोड़ने के लिए नहीं, जोड़ने के लिए चुना था।
2- भाजपा को गद्दार और घमंडी बताया
24 अप्रैल को संत कबीर नगर में कहा- भाजपा गद्दार और घमंडी है। ये कहते हैं कि इन्होंने राम मंदिर बनवाया। तुम कौन होते हो भगवान को लाने वाले? तुम इंसान होकर भगवान को लाने की बात कर रहे हो। मंदिर तो सुप्रीम कोर्ट के आदेश से बनना शुरू हुआ और पैसे जनता के लग रहे है, इसमें भाजपा का क्या लगा है।
3- पेपर लीक वालों को जमीन में गाड़ देना चाहिए
25 अप्रैल को आकाश आनंद ने आजमगढ़ में कहा- सरकारी नौकरियों के लिए पेपर देते हो और वो लीक हो जाता है, तो मन करता है जिसने पेपर लीक किया, उसका गूदा निकालकर जमीन में गाड़ दें। उन्होंने सपा को देशद्रोही और गद्दार कहा था।
4- भाजपा आतंकवादी सरकार है
28 अप्रैल को सीतापुर में कहा था- भाजपा की सरकार बुलडोजर सरकार नहीं, बल्कि आतंकवादी सरकार है। इसने आवाम को गुलाम बनाकर रखा है। अब ऐसी सरकार को उखाड़कर फेंकना है। जो सरकार रोजगार और पढ़ाई नहीं दे सकती, उसे सत्ता में रहने का कोई हक नहीं। अगर ऐसे लोग आपके बीच वोट मांगने आते हैं, तो जूता निकालकर रेडी कर लीजिए। वोट की जगह जूता मारने का वक्त आ गया है।
एक्सपर्ट बोले- आकाश हटाने की 2 वजह
बीएसपी को लंबे समय से कवर कर रहे वरिष्ठ पत्रकार प्रभा शंकर ने आकाश आनंद को पद से हटाए जाने की तीन वजह बताई…
- बसपा ने आकाश आनंद को सोशल मीडिया के साथ यूथ पॉलिटिक्स पर फोकस करने के लिए आगे बढ़ाया था। लेकिन वह लगातार बीजेपी और सरकार पर टारगेट कर रहे थे।
- आकाश पार्टी के लिए काम न करने की बजाय विवादित बयानबाजी करने लगे। जैसा आजमगढ़, सीतापुर में उन्होंने बयान दिया। इसीलिए उनका चुनाव प्रचार भी पार्टी ने रद्द कर दिया गया था।
5 महीने पहले घोषित किया था उत्तराधिकारी
10 दिसंबर 2023 को बसपा ने यूपी-उत्तराखंड के नेताओं की बैठक बुलाई थी। बैठक में मायावती ने अपने सबसे छोटे भाई आनंद कुमार के बेटे आकाश आनंद को उत्तराधिकारी घोषित किया था। पार्टी की विरासत और राजनीति को आगे बढ़ाने के लिए अपने भतीजे पर विश्वास जताया। डेढ़ घंटे मीटिंग चली थी।
लोकसभा चुनाव से पहले आकाश को उत्तराधिकारी घोषित करने की 3 वजह थीं
1- चंद्रशेखर के ऑप्शन में आकाश: पश्चिम यूपी में आजाद समाज पार्टी के चंद्रशेखर की दलित वर्ग के बीच पकड़ मजबूत है। बसपा प्रमुख ने दलित समाज के युवाओं को यह साफ मैसेज देने का प्रयास किया था कि बसपा में युवा नेता और पार्टी का ऑप्शन आकाश है। वह लगातार रैलियां भी कर रहे थे।
2- आकाश के बहाने बसपा का युवाओं पर फोकस: यूपी में विधानसभा चुनाव 2022 के चुनाव में बसपा को तगड़ा झटका लगा था। पार्टी का वोट शेयर 22% से घटकर 11% पर आ गया था। इसलिए बसपा अपना खोया जनाधार पाने के लिए युवाओं को जोड़ना चाहती है। इसीलिए मायावती ने आकाश को उत्तराधिकारी चुना था।
3- बसपा के सामने अब ज्यादा ऑप्शन नहीं: चार बार यूपी की सीएम रह चुकीं मायावती की पार्टी बसपा की अब प्रदेश में स्थिति कमजोर हो रही है। अभी बसपा का सिर्फ एक विधायक है। जबकि 10 सांसद थे, जिसमें से उन्होंने एक सांसद दानिश अली को पार्टी से बाहर कर दिया, कुछ ने दल बदल दिया।
आकाश ने 2017 में राजनीति में की थी एंट्री
उत्तराधिकारी घोषित होने के 6 साल पहले यानी 2017 में आकाश आनंद सहारनपुर की जनसभा में मायावती के साथ दिखे थे। इसके बाद वह लगातार पार्टी का काम कर रहे थे। 2019 में उन्हें नेशनल कोऑर्डिनेटर बनाया गया। यह फैसला तब लिया गया जब सपा और बसपा का गठबंधन लोकसभा चुनाव के बाद टूटा। 2022 के हिमाचल विधानसभा चुनाव में पहली बार आकाश आनंद का नाम स्टार प्रचारकों की लिस्ट में आया था।
आकाश ने लंदन से मास्टर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन (MBA) की पढ़ाई की है। आकाश की शादी बसपा के पूर्व राज्यसभा सदस्य अशोक सिद्धार्थ की बेटी डॉ. प्रज्ञा से हुई है।