इजराइल-लेबनान के बीच सीजफायर के 3 दिन बाद हिजबुल्लाह चीफ नईम कासिम ने लोगों को संबोधित किया। रॉयटर्स के मुताबिक, कासिम ने कहा कि हिजबुल्लाह को इजराइल पर जीत हासिल हुई है और ये 2006 में हुई लड़ाई से भी बड़ी है।
18 साल पहले हिजबुल्लाह और इजराइल में 34 दिनों तक जंग चली थी। इसमें करीब 1200 लेबनानी नागरिक मारे गए थे। कासिम ने कहा कि हम इस जंग में जीते हैं, क्योंकि हमने हिजबुल्लाह को खत्म होने से रोक दिया है।
हिजबुल्लाह चीफ ने कहा-
जो लोग यह दांव लगा रहे थे कि हिजबुल्लाह कमजोर हो जाएगा, उनका दांव फेल हो चुका है। हिजबुल्लाह ने दुश्मनों को घुटनों पर ला दिया और समझौता करने पर मजबूर कर दिया।
कासिम ने सितंबर में हुए पेजर हमले का भी जिक्र कर कहा कि इजराइल को उम्मीद थी कि वह हिजबुल्लाह के कमांड सिस्टम पर हमला करके संगठन को खत्म कर देगा, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया। इसके बाद हिजबुल्लाह ने इजराइल के घरेलू मोर्चे पर हमला शुरू किया जिससे इजराइल डिफेंसिव मोड में आया और सीजफायर पर समहत हुआ।
हिजबुल्लाह चीफ बोले- सीजफायर कायम रखने की कोशिश करेंगे कासिम ने हिजबुल्लाह के हार न मानने के जज्बे की तारीफ की और कहा कि वे लेबनानी सेना के साथ मिलकर सीजफायर को कायम रखने की कोशिश करेंगे। हिजबुल्लाह चीफ ने कहा-
हमने अपना सिर ऊंचा करके इस समझौते को मंजूरी दी है। इसका मकसद लितानी नदी के दक्षिण में लेबनान के सभी हिस्से से इजराइली सेना की वापसी थी। हम शुरू से इस पर कायम थे और इजराइल इसे मानने पर मजबूर हुआ।
इजराइल और हिजबुल्लाह के बीच 27 नवंबर को सीजफायर डील हुई है। अमेरिका और फ्रांस ने इसके लिए मध्यस्थता की थी। इस समझौते के तहत दक्षिण लेबनान से इजराइली सैनिक पीछे आएंगे और हिजबुल्लाह भी वहां से हट जाएगा।
नेतन्याहू ने सीजफायर की 3 वजहें बताई थीं
- ईरान पर ध्यान केंद्रित करना।
- थके हुए रिजर्व सैनिकों को आराम देना।
- हमास को अलग-थलग करना
नेतन्याहू ने कहा था कि हमास, हिजबुल्लाह पर भरोसा कर रहा था। उन्हें यकीन था कि हिजबुल्लाह के लड़ाके उनके साथ लड़ेंगे, लेकिन अब वे अकेले रह गए हैं। अब उन पर दबाव बढ़ेगा। इससे हमारे बंधकों को छुड़ाने में मदद मिलेगी।
हालांकि, नेतन्याहू ने ये भी कहा था कि अगर हिजबुल्लाह सीमा के पास इजराइल पर हमला करने की कोशिशें करता है, इस इलाके में बुनियादी ढांचा तैयार करता है, सुरंगें खोदता है या इस इलाके में रॉकेट ले जाने वाले ट्रक लाता है तो इसे समझौते का उल्लंघन माना जाएगा।
सीजफायर के बाद घर लौटने लगे लेबनान के लोग इजराइल-हिजबुल्लाह जंग खत्म होने के बाद हजारों लोग दक्षिणी लेबनान से उत्तरी लेबनान की तरफ लौटने लगे हैं। हालांकि, इजराइली सेना ने दक्षिणी लेबनान के 60 गांवों में लोगों को न लौटने की चेतावनी जारी की है। इजराइली सेना ने कहा कि जो लोग वापस लौट रहे हैं, वे अपने लिए खतरा मोल ले रहे हैं।
इससे पहले इजराइली सेना ने भी लेबनानी नागरिकों को सुरक्षा के मद्देनजर घर न लौटने की सलाह दी थी। हालांकि, दोनों देशों की सेनाओं की अपील के बावजूद लोगों पर इसका असर नहीं दिख रहा है।
23 सितंबर को इजराइल के घातक मिसाइल हमले के बाद हजारों परिवार घर छोड़कर दक्षिणी लेबनान में शरण लेने चले गए थे। बुधवार सुबह से ही हजारों लोग बाइक और गाड़ियों से दक्षिणी लेबनान में सिडोन, गाजियेह और टायर शहर की तरफ लौटते दिखे।
हिजबुल्लाह की टॉप लीडरशिप को खत्म कर चुका इजराइल इजराइल ने लेबनान में ग्राउंड ऑपरेशन शुरू करने से पहले ही उसकी टॉप लीडरशिप का खात्मा कर दिया था। इसमें सबसे बड़ा नाम हिजबुल्लाह चीफ हसन नसरल्लाह का था। इजराइल ने 27 सितंबर को लेबनान के बेरूत में 80 टन बम से हमला किया था।
इस हमले में नसरल्लाह की मौत हो गई थी। नसरल्लाह के अलावा उसके उत्तराधिकारी हाशिम सैफिद्दीन को भी इजराइल ने 8 अक्टूबर को एक हमले में मार गिराया था।