शहीद कैप्टन मनोज पांडे के पैतृक गांव रूढ़ा अपनी लाल की जांबाजी पर इतरा रहा है। कारगिल युद्ध में शहीद हुए कैप्टन मनोज पांडे की प्रतिमा का अनावरण करने के लिए भारतीय थल सेना अध्यक्ष मनोज मुकुंद नरवणे रूढ़ा पहुंच चुके हैं। थल सेनाध्यक्ष के कार्यक्रम को लेकर सेना के अफसर चप्पे-चप्पे पर तैनात हैं। कड़ी सुरक्षा के बीच थल सेना अध्यक्ष, शहीद कैप्टन मनोज पांडे के परिवारजन और सेना अफसर ही कार्यक्रम स्थल पर मौजूद हैं। शहीद कैप्टन मनोज पांडे की प्रतिमा को फूलों से सजाया गया है। बैरिकेडिंग होने के बावजूद लोग इस कार्यक्रम को लेकर खासे उत्साहित हैं।
बड़े भाई मनोज पांडेय की प्रतिमा अनावरण आदि कार्यक्रम में मद्देनजर आ रहे सेना प्रमुख के स्वागत में भाई मदन पांडेय व अमित पांडेय उत्सुक हैं। मदन व अमित बलिदानी कैप्टन मनोज पांडेय से छोटे हैं। मदन व अमित ने कहा, उनके लिए खुशी का अवसर है कि उनके भाई मनोज के शौर्य और वीरता का खुद सेना प्रमुख सम्मान कर रहे हैं। यह गौरव की बात है। इस पल को वह अपने जीवन में नहीं भुला पाएंगे।
दोस्त ने गिनाईं मनोज की खूबियां: रूढ़ा गांव में मिले शहीद कैप्टन मनोज पांडेय के बचपन के साथी रवि शुक्ल ने मनोज के साथ बचपन की कई खूबियां साझा कीं। बताया कि मेरा मित्र मनोज हर खेल में निपुण था। तैराकी हो या क्रिकेट हो या कैरम। कबड्डी में भी अव्वल रहता था। पढऩे में बहुत ही तेज था, उसका बचपन से ही पहनावा व बोलचाल सब कुछ अधिकारियों जैसा दिखता था। मनोज की आदतें भी आम लोगों से हटके थीं, हम लोग उनको याद कर उन पलों को स्मरण कर अपने को गौरवान्वित महसूस करते हैं। रवि शुक्ल ने कहा, जब भी गांव में प्रवेश करते हैं तो मित्र मनोज की बनी प्रतिमा के सामने कुछ पल कदम ठहर जाते हैं।