अमेरिकी कोर्ट की रोक के बावजूद 261 वेनेजुएलाई नागरिक डिपोर्ट:गैंग मेंबर बताकर जेल भेजा; ट्रम्प के अधिकारी बोले- आदेश आने तक फ्लाइट्स उड़ चुकी थीं

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने रविवार को वेनेजुएला के 261 अप्रवासी नागरिकों को अल सल्वाडोर की सुपरमैक्स जेल भेज दिया है। अमेरिका ने इन्हें ड्रग्स बेचने वाली गैंग्स का सदस्य बताते हुए ये कार्रवाई की है।

अल सल्वाडोर के राष्ट्रपति नायब बुकेले ने सोशल मीडिया पर बताया कि वेनेजुएलाई गैंग ‘ट्रेन डी अरागुआ’ के 238 सदस्य और अंतरराष्ट्रीय गैंग MS-13 के 23 सदस्य रविवार सुबह वहां पहुंचे।

एक अमेरिकी कोर्ट के तरफ से इन लोगों को डिपोर्ट किए जाने के आदेश पर रोक लगा दी गई थी। इसके बाद भी अमेरिका ने इन लोगों को डिपोर्ट कर दिया। ट्रम्प प्रशासन के अधिकारियों के मुताबिक, जब तक कोर्ट का आदेश आया, तब तक फ्लाइट उड़ान भर चुकी थीं।

इन लोगों के अल सल्वाडोर पहुंचने का वीडियो अल सल्वाडोर के राष्ट्रपति नायब बुकेले ने सोशल मीडिया पर शेयर किया। इसमें हथकड़ी पहने लोग फ्लाइट से उतारे जा रहे हैं और उन्हें जबरन जेल ले जाया जा रहा है।

जज ने फ्लाइट्स को वापस बुलाने को कहा, ट्रम्प प्रशासन ने नहीं माना

डिस्ट्रिक्ट जज जेम्स ई. बोआसबर्ग ने शनिवार को एक आदेश जारी कर वेनेजुएलाई लोगों के डिपोर्टेशन को अस्थायी रूप से रोक दिया था। सरकारी वकीलों ने उन्हें बताया कि उस समय दो विमान उड़ान भर चुके थे। इनमें से एक अल साल्वाडोर और दूसरा होंडुरास के लिए निकला था।

तब जज ने दोनों विमानों को वापस बुलाने का भी निर्देश दिया, लेकिन इसे अपने लिखित आदेश में शामिल नहीं किया। इसके चलते प्रशासन ने इसे नजरअंदाज कर दिया।

व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलीन लेविट ने रविवार को बताया कि प्रशासन ने किसी भी अदालत के आदेश को नजरअंदाज नहीं किया है। यह आदेश कानूनी रूप से आधारहीन था और जब इसे जारी किया गया, तब तक संदिग्ध आतंकवादी पहले ही अमेरिका से हटा दिए गए थे।

अमेरिका ने अल सल्वाडोर की जेलों में अपराधियों को रखने का समझौता किया

ट्रम्प ने दूसरी बार सत्ता संभालने के बाद अल सल्वाडोर से समझौता किया था, जिसके तहत अमेरिका के हिंसक अपराधियों और अवैध अप्रवासियों को वहां की जेलों में रखा जाएगा। अल साल्वाडोर के राष्ट्रपति नायब बुकेले ने अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो के सामने यह प्रस्ताव रखा था, जिसे उन्होंने तुरंत स्वीकार कर लिया।

मार्को रुबियो ने बुकेले के प्रस्ताव की तारीफ करते हुए कहा-

अमेरिका में अवैध रूप से रह रहे किसी भी अपराधी, चाहे वह किसी भी देश का हो, अल सल्वाडोर उन्हें अपनी जेलों में रखेगा। किसी भी देश ने पहले ऐसी पेशकश नहीं की थी। हम इस समझौते से बहुत खुश हैं।

अल सल्वाडोर में 40 हजार कैदियों को रखने वाली जेल

अल सल्वाडोर में जनवरी 2023 में एक जेल का निर्माण हुआ था। इसका नाम ‘आतंकवादी बंदी केंद्र’ है, जिसे CECOT के नाम से भी जाना जाता है। यह दुनिया की सबसे बड़ी जेलों में से एक है। इसमें 40 हजार से ज्यादा कैदी रखे जा सकते हैं।

नायब बुकेले ने कहा कि वह इस जेल में मामूली पैसे लेकर अमेरिका के खतरनाक कैदियों को रखेंगे। इससे दोनों देशों को फायदा होगा। बुकेले ने सोशल मीडिया पर इस जेल की तस्वीरें भी पोस्ट की हैं। इसमें कई कैदी और गार्ड्स नजर आ रहे हैं।

बुकेले ने अल सल्वाडोर में क्राइम रेट कम किया

बुकेले को अल सल्वाडोर में अपराध को कम करने का श्रेय दिया जाता है। उन्होंने साल 2019 में अपराध खत्म करने के नाम पर राष्ट्रपति चुनाव लड़ा था। चुनाव जीतने के एक साल बाद ही उन्होंने देश में लोगों के संवैधानिक अधिकारों को खत्म कर दिया और कोर्ट की ताकत बढ़ा दी। इससे अपराध दर में 50% की गिरावट आ गई।

हालांकि, तब बुकेले पर आरोप लगा था कि उन्होंने क्रिमिनल गैंग के बीच समझौता कर लिया है। मार्च 2022 में ऐसी घटना हुई, जिसने बुकेले को अपराध को और ज्यादा सख्ती से कुचलने के लिए मजबूर कर दिया। दरअसल, एक स्ट्रीट गैंग ने कुछ ही घंटे में 60 से ज्यादा लोगों की हत्या कर दी थी।

बुकेले के अपराध रोकने के दावे की खूब किरकिरी हुई। इसके बाद उन्होंने स्टेट ऑफ इमरजेंसी की घोषणा कर दी। संदिग्ध अपराधियों और दोषी ठहराए गए आरोपियों में भेद खत्म कर दिया गया। इसके बाद से देश में करीब 85 हजार लोगों को जेल में बद कर दिया गया है।

बुकेले का दावा है कि उनके इस कदम से देश में हिंसा काफी कम हो गई है। साल 2024 में सिर्फ 114 लोगों की हत्या हुई है। एक साल पहले यह आंकड़ा 2014 था। 2015 में देशभर में 6,656 लोगों की हत्या हुई थी। अपराध कम करने के दावे पर वे 2024 में दोबारा चुनाव जीते। उन्हें 85% वोटर्स का समर्थन मिला।