हरियाणा में रोहतक की सुनारिया जेल में रेप और हत्या के मामले में 20 साल की सजा काट रहा डेरा मुखी गुरमीत राम रहीम एक बार फिर जेल से बाहर आया है। उसे 21 दिन की फरलो मिली है। इस दौरान राम रहीम पूरे 21 दिन सिरसा डेरे में ही रहेगा।
बुधवार सुबह करीब साढ़े 6 बजे उसे कड़ी सुरक्षा के बीच जेल से सिरसा पहुंचा। यहां से राम रहीम ने वीडियो जारी कर कहा- ”फिर से श्रद्धालुओं की सेवा में हाजिर हूं। सभी अपने-अपने घरों में रहें और डेरे के जिम्मेदार लोग जो कहें, वही करें।”
राम रहीम डेरे के स्थापना दिवस के 77वें समारोह में शामिल होगा। डेरा सच्चा सौदा की स्थापना 29 अप्रैल 1948 को संत शाह मस्ताना ने की थी। इसी में शामिल होने राम रहीम को फरलो मिली है।
इससे पहले वह 28 जनवरी 2025 को ही 30 दिन की पैरोल पर जेल से बाहर आया था। तब उसने पैरोल के 10 दिन सिरसा डेरा और 20 दिन UP के बरनावा में काटे थे।
राम रहीम 2017 से जेल में है 25 अगस्त 2017 को 2 साध्वियों के यौन शोषण केस में राम रहीम को 20 साल कैद हुई। इसके बाद 17 जनवरी 2019 को पत्रकार रामचंद्र छत्रपति हत्याकांड में उम्र कैद हुई। वहीं, डेरा मैनेजर रणजीत सिंह के हत्या मामले में अक्टूबर 2021 में CBI कोर्ट ने उसे उम्र कैद की सजा सुनाई।
सजा मिलने के 3 साल बाद राम रहीम को इस मामले में हाईकोर्ट ने बरी कर दिया। अभी राम रहीम रोहतक की सुनारिया जेल में बंद है। यहां से पैरोल और फरलो लेकर वह अब तक 12 बार बाहर आ चुका है। यह 13वां मौका है, जब राम रहीम जेल से बाहर आया है।
अब जानिए, पैरोल क्या होती है अगर कैदी ने अपनी सजा का एक हिस्सा पूरा कर लिया है, तो उसे पैरोल मिल सकती है। स्पेशल कंडीशंस में ही कैदियों को पैरोल मिलती है, जैसे- परिवार में किसी की मृत्यु हो जाए या बीमारी हो, किसी करीबी की शादी हो, या अन्य जरूरी वजह हों। पैरोल 2 तरह की होती है- रेगुलर और कस्टडी। रेगुलर पैरोल में कैदी आजाद रह सकता है, लेकिन कस्टडी पैरोल में कैदी के साथ पुलिस होती है।
फरलो के बारे में भी जानिए फरलो के लिए कैदी को किसी तरह की स्पेशल कंडीशन की जरूरत नहीं होती है। यह उसका कानूनी अधिकार है। हर राज्य ने फरलो के लिए अपने रूल्स और गाइडलाइंस बनाई हैं। कई राज्यों के रूल्स और गाइडलाइंस कमोबेश एक जैसे ही हैं, केवल फरलो पाने की प्रोसेस अलग-अलग है।