इस्लामिक कट्टरता के सवाल पर फ्रांस के साथ खड़ा हुआ भारत, कहा- आतंकवाद किसी सूरत में न्यायोचित नहीं

पाकिस्तान, सऊदी अरब और तुर्की जैसे कई इस्लामी देशों के निशाने पर आए फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों के समर्थन में भारत खुलकर आ गया है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर न सिर्फ मैक्रों पर किए जा रहे व्यक्तिगत हमलों की कड़े शब्दों में निंदा की है बल्कि कुछ देश जिस तरह से फ्रांस के शिक्षक की हत्या किए जाने को जायज ठहरा रहे हैं, उसे भी खारिज किया है।

भारत ने जताया अपना रुख

भारत के इस रुख को जानकार भारतीय कूटनीति में एक बड़े बदलाव के तौर पर देख रहे हैं। दूसरी तरफ, विदेश मंत्रालय इसे आतंकवाद पर पारंपरिक नीति को आगे बढ़ाने के तौर पर देख रहा है। विदेश मंत्रालय ने कहा है कि राष्ट्रपति मैक्रों पर अमान्य शब्दों में किए जा रहे व्यक्तिगत हमले की निंदा करते हैं। यह अंतरराष्ट्रीय परिचर्चा के बेहद आधारभूत मान्यताओं का उल्लंघन है।

भारत ने की आतंकी हमले की निंदा

विदेश मंत्रालय ने कहा कि हम फ्रांस के शिक्षक पर बेहद हिंसक तरीके से किए गए आतंकवादी हमले की निंदा करते हैं। हम उनके परिवार और फ्रांस की जनता के प्रति अपनी संवेदना प्रकट करते हैं। किसी भी हालत में आतंकवाद के किसी भी तरीके को न्यायोचित नहीं ठहराया जा सकता। भारत की इस प्रतिक्रिया का नई दिल्ली में फ्रांस के राजदूत ने स्वागत किया है। राजदूत इमैनुअल लेनिन ने कहा कि आतंकवाद के मुद्दे पर भारत और फ्रांस हमेशा एक दूसरे पर भरोसा कर सकते हैं।

फ्रांस की यात्रा पर विदेश सचिव

बताते चलें कि भारत के विदेश सचिव 29 अक्टूबर से जिन तीन यूरोपीय देशों की यात्रा पर जा रहे हैं उनमें फ्रांस भी शामिल है। उनकी इस यात्रा के दौरान आतंकवाद के खिलाफ सहयोग एक बड़ा मुद्दा होने वाला है। भारतीय इंटरनेट मीडिया में भी फ्रांस को जबर्दस्त समर्थन मिल रहा है। अगले हफ्ते फ्रांस से भारत को युद्धक विमान राफेल की अगली खेप भी मिलने वाली है।

हमला करने वालों में पाक सबसे आगे

फ्रांस और उसके राष्ट्रपति पर हमला करने में सबसे आगे पड़ोसी देश पाकिस्तान है। एक दिन पहले पाकिस्तान की संसद ने फ्रांस से अपने राजनयिक रिश्ते समाप्त करने का प्रस्ताव पारित किया था। जबकि बुधवार को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने इस्लामी देशों को इस संदर्भ में पत्र लिखा है कि फ्रांस और दुनिया में बढ़ रहे इस्लामोफोबिया के खिलाफ एक साथ मिलकर कार्रवाई होनी चाहिए।

पाकिस्‍तान और बांग्‍लादेश में प्रदर्शन

पाकिस्तान के कई शहरों में बुधवार को भी फ्रांस के खिलाफ प्रदर्शन हुए हैं। पंजाब प्रांत में आयोजित एक रैली में एक मौलाना ने फ्रांस पर परमाणु बम से हमला करने की मांग की। पाकिस्तान समेत कई इस्लामी देशों में फ्रांस की कंपनियों और उत्पादों का बहिष्कार करने की अपील की जा रही है। इससे एक दिन पहले मंगलवार को बांग्‍लादेश में हजारों की संख्‍या में लोगों ने प्रदर्शन किया था।