पिता गुजरे तो एग्जाम में फेल होने लगे थे रहमान:प्रिंसिंपल ने मां से कहा था-इस लड़के को लेकर सड़क पर भीख मांगो

2 ऑस्कर, 2 ग्रैमी और दर्जनों अवॉर्ड जीतने वाले सिंगर औऱ कंपोजर ए.आर. रहमान आज 56 साल के हो चुके हैं। आज दुनियाभर में अपने हुनर से नाम कमाने वाले ए. आर. रहमान का बचपन बेहद गरीबी और पिता की नामौजूदगी में मुश्किल रहा। 9 साल की उम्र में पिता के गुजरने के बाद आर्थिक जिम्मेदारी उठाई। जिम्मेदारियां ऐसी कि कम उम्र में ही पढ़ाई छोड़नी पड़ी। वहीं एक समय ऐसा भी रहा जब ए.आर. रहमान को आत्महत्या करने का ख्याल आता था। मजबूरी से शुरू हुआ म्यूजिकल सफर उन्हें कामयाबी की राह पर ले गया। आज ए.आर. रहमान भारत के सबसे बेहतरीन कंपोजर्स और सिंगर्स में से एक हैं।

आज ए.आर. रहमान के जन्मदिन के खास मौके पढ़िए इनके बचपन, संघर्षों और कामयाबी से जुड़ी कुछ दिलचस्प बातें-

4 साल की उम्र में पिता ने सिखाया पियानो बजाना

ए.आर. रहमान का जन्म तमिलनाडु में हुआ था। उनके पिता आरके शेखर एक फिल्म स्कोर कंपोजर थे। पिता ने 4 साल की उम्र में रहमान को भी पियानो बजाना सिखा दिया। जब रहमान 9 साल के हुए तो उनके पिता गुजर गए। पिता के जाने के बाद परिवार को गरीबी का सामना करना पड़ा। घर चलाने के लिए रहमान की मां उनके पिता के म्यूजिक इंट्रुमेंट्स किराए पर देती थीं। क्योंकि रहमान वो इंट्रुमेंट्स चलाना जानते थे, इसलिए उन्हें भी साथ जाना पड़ता था। इंट्रुमेंट्स ऑपरेट करते हुए उन्हें पहली कमाई के रूप में 50 रुपए मिले थे।

स्कूल प्रिंसिपल ने मां से कहा था- सड़कों पर भीख मांगो

आर्थिक जिम्मेदारी आने पर रहमान का ध्यान पढ़ाई की तरफ से हटने लगा। अटेंडेंस कम होती चली गईं और ये एग्जाम में फेल होने लगे। साल 2012 में दिए एक इंटरव्यू में ए.आर. रहमान ने बताया कि एग्जाम में फेल होने के बाद स्कूल प्रिंसिपल ने उनकी मां को मिलने बुलाया और शिकायत की। जब मां ने उन्हें आर्थिक तंगी का हवाला दिया तो प्रिंसिपल ने उनसे कहा था कि इस लड़के अब कभी स्कूल मत भेजना और इसे सड़कों पर लेकर भीख मांगो।

कम उम्र में छोड़ दी थी पढ़ाई

प्रिंसिपल द्वारा जलील होने के बाद ए.आर. रहमान ने वो स्कूल छोड़ दिया और एम.सी.एन स्कूल में दाखिला लिया, जहां उन्होंने एक छोटा सा बैंड भी बनाया था। रहमान के लिए म्यूजिक और पढ़ाई के बीच तालमेल बैठा पाना मुश्किल हो रहा था, तो उन्होंने मां की सलाह लेकर 15 साल की उम्र में पढ़ाई छोड़ दी।

20 साल की उम्र में बदला धर्म और नाम

ए.आर. रहमान का जन्म एक हिंदु परिवार में हुआ था। माता-पिता ने इन्हें दिलीप कुमार दिया था। जब रहमान 20 साल के हुए तो उन्होंने अपना नाम और धर्म बदलने के फैसला किया। कारण था उनकी मां का इस्लाम की तरफ प्रभावित होना। इस्लाम कबूल कर 20 साल की उम्र में रहमान, दिलीप कुमार से ए.आर. रहमान बन गए।

अपने पुराने नाम से नफरत करते हैं ए.आर. रहमान

रहमान को दिलीप नाम उनके दर्दभरे अतीत के दिनों को याद दिलाता है, इसलिए उन्हें वो नाम पसंद नहीं है। जब ए.आर. रहमान की बायोग्राफी लिखी जा रही थी तो उन्होंने खुद राइटर से कहा था कि पूरी किताब में उनका नाम सिर्फ एक ही जगह दिलीप लिखा जाए, बाकी जगह सिर्फ ए.आर. रहमान या रहमान लिखा जाए।

25 साल की उम्र में बार-बार आत्महत्या करने की सोचते थे रहमान

म्यूजिक से जुड़े छोटे-मोटे काम करते हुए 25 साल की उम्र में रहमान अपनी जिंदगी से बेहद निराश थे। वो अकसर आत्महत्या करने के बारे में सोचते थे। हालांकि इसी बीच उन्होंने अपने घर के आंगन में एक छोटा सा रिकॉर्डिंग स्टूडियो बनाया और फिर यहां से उनकी कामयाबी का सफर शुरू हो गया।

मणि रत्नम की नजर पड़ते ही मिली पहली फिल्म

करियर के शुरुआत में उन्होंने कई डॉक्यूमेंट्री के लिए म्यूजिक कंपोज किए। आगे उन्होंने कई एड और जिंगल्स भी बनाए। एक बार टाइटन के लिए बनाए गए उनके एक जिंगल पर साउथ के एक फिल्ममेकर मणिरत्नम की नजर पड़ी। मणि को रहमान का काम इतना पसंद आया कि उन्हें रोजा फिल्म ऑफर कर दी।

1992 में रखा फिल्मी दुनिया में कदम

तमिल फिल्म रोजा से ए.आर. रहमान ने फिल्म इंडस्ट्री में कदम रखा था। इसके बाद 1992 में सिनेमैटोग्राफर संतोष सिवन ने रहमान को उनकी दूसरी फिल्म योद्धा के लिए साइन किया। बॉलीवुड में म्यूजिक कंपोजर के रूप में उनकी पहली फिल्म रंगीला थी जिसने काफी पॉपुलैरिटी हासिल की।

1995 में आई रंगीला से शुरू हुआ हिंदी सिनेमा का सफर

हिंदी सिनेमा में उनकी पहली फिल्म रंगीला थी। इस फिल्म में उन्होंने आमिर खान, उर्मिला, शैफाली शाह और जैकी श्रॉफ जैसे एक्टर्स के साथ काम किया। इसके बाद रहमान ने ताल, लगान, वन टू का फोर, साथिया, युवा, स्वदेश, रंग दे बसंती, रावण, स्वदेश और रॉकस्टार जैसी फिल्मों में भी काम किया।

27 साल की उम्र में की थी 6 साल छोटी सायरा से शादी

1995 में 27 साल की उम्र में ए.आर. रहमान ने सायरा से अरेंज मैरिज की थी। शादी के वक्त सायरा 21 साल की थी। इस शादी में उनके तीन बच्चे हुए।

इंग्लिश फिल्मों में भी किया है काम

इनकी पहली हॉलीवुड फिल्म एलिजाबेथ- द गोल्डन ऐज थी। इसके बाद उन्होंने स्लमडॉग मिलिनियर, कपल्स रीट्रीट, 127 आर्स, पीपल लाईक अस और पेले जैसी फिल्मों में काम किया है।

रहमान ने 2019 में एवेंजर्स:एंडगेम के लिए हिंदी, तमिल और तेलुगु में ‘मार्वल एंथम’ कम्पोज किया था। इसके लिए उन्होंने मार्वल के साथ भागीदारी की थी। रहमान ने रैप के साथ इस ट्रैक को गाया और कंपोज भी किया है।

2019 में शुरू हुए शो ‘द वॉयस’ में जज के तौर पर भी रहमान नजर आ चुके हैं। इसके अलावा रहमान ने भारत का पहला यूट्यूब ओरिजिनल ARRived लॉन्च किया।

प्रोड्यूसर के तौर पर भी किया है काम

प्रोड्यूसर के रूप में ए.आर. रहमान की पहली फिल्म 2019 में आई 99 सॉन्ग्स थी। 99 सॉन्ग्स एक म्यूजिकल रोमांस फिल्म है, जिसे ए.आर. रहमान ने खुद लिखा और प्रोड्यूस किया था। ये डॉल्बी एटमॉस तकनीक का इस्तेमाल करने वाली पहली भारतीय साउंडट्रैक एल्बम है और इसे बना कर रहमान इस तकनीक में फिल्म का संगीत एल्बम बनाने वाले पहले भारतीय कलाकार बन गए।

विवादों से भी रहा है ए.आर. रहमान का नाता

2022 में गृह मंत्री अमित शाह ने हिंदी को इंग्लिश के विकल्प में यूज करने की बात कही थी। इस बात पर ए.आर. रहमान ने तमिल के महत्व और तमिलियंस के लिए इसकी मान्यता को दर्शाने वाला एक बैनर ट्वीट किया था। उस ट्वीट में लिखा था कि – ‘तमिल बोलना हमारा अधिकार हैं।’ रहमान का ये ट्वीट सोशल मीडिया पर बहुत वायरल हुआ था। काफी कम समय में इसे 13 हजार से ज्यादा लोगों ने रीट्वीट किया।

130 अवॉर्ड से नवाजे गए हैं ए.आर.रहमान

ए.आर. रहमान ने कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय अवार्ड जीते हैं। उन्होंने 2 ऑस्कर अवार्ड, 6 नेशनल फिल्म अवार्ड, 15 फिल्मफेयर अवार्ड, 17 फिल्मफेयर साउथ अवार्ड और 2 ग्रैमी अवार्ड जीते हैं। इसके अलावा 2010 में उन्हें पद्म भूषण से भी नवाजा गया था। उन्हें अभी तक कुल 138 अवार्ड मिल चुके हैं।