जर्मनी के गांव लुएत्जेरथ को बचाने के लिए क्लाइमेट एक्टिविस्ट और यहां को लोगों का विरोध बढ़ता जा रहा है। प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए सैकड़ों पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है। मंगलवार को स्वीडिश क्लाइमेट एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग भी यहां लोगों का समर्थन करने पहुंची, जहां जर्मन पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, थनबर्ग ने दर्जनों लोगों के साथ जर्मनी के पश्चिमी शहर कोलोन और डसेलडोर्फ में राज्य सरकार की इमारत के पास विरोध किया। दरअसल, कोयला खदान के विस्तार के लिए रास्ता बनाया जा रहा है और इसके लिए जर्मनी के लुएत्जेरथ गांव को नष्ट करने की योजना बनाई जा रही है।
थनबर्ग की गिरफ्तारी की तस्वीरें सामने आई हैं, उन तस्वीरों में दिख रहा है कि उन्हें महिला पुलिस नहीं बल्कि मेल पुलिस गिरफ्तार करके ले जा रहे हैं। इससे पहले भी कोयला खदान में हजारों लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया था। इसके बाद पुलिस और ऊर्जा कंपनी RWE ने 11 जनवरी को लुएत्जेरथ से प्रदर्शनकारियों को हटाना शुरू कर दिया।
कौन हैं ग्रेटा थनबर्ग?
- ग्रेटा थनबर्ग का जन्म 3 जनवरी 2003 को स्वीडन के स्टॉकहोम में हुआ था। उनकी मां मालेना एमान एक ओपेरा सिंगर हैं, जबकि पिता स्वांते थनबर्ग एक्टर हैं। ग्रेटा के दादा एस. अरहैनियस वैज्ञानिक थे। उन्होंने ग्रीनहाउस इफेक्ट पर एक मॉडल दिया था। उन्हें 1903 में केमिस्ट्री का नोबेल मिला था।
- 18 साल की ग्रेटा 11 साल की उम्र से जलवायु परिवर्तन के लिए काम कर रही हैं। जलवायु परिवर्तन की मुहिम के लिए ग्रेटा ने स्वीडन की संसद के बाहर हर शुक्रवार प्रदर्शन करना शुरू किया था। उनके इस #FridaysForFuture के साथ दुनिया के कई देश जुड़े। और दुनिया के हजारों बच्चे ग्रेटा की तरह जलवायु परिवर्तन के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं।
- 2019 में UN में जलवायु परिवर्तन पर दिया उनका भाषण बहुत चर्चित हुआ था। इस भाषण में ग्रेटा ने दुनियाभर के नेताओं की आलोचना की थी। उनके भाषण के बाद 2019 के अंत में टाइम मैगजीन ने उन्हें पर्सन ऑफ द ईयर चुना था।
- पर्यावरण के अलावा दूसरे मुद्दों को भी ग्रेटा बेबाकी से सोशल मीडिया पर उठाती रहीं हैं। इसे लेकर वह कई बार चर्चा में रहती है। अपने एक्टिविज्म के चलते वह कई बार पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के निशाने पर भी रही हैं।