भारतीय मूल की निक्की हेली पर किए नस्लभेदी कमेंट:अमेरिकी लेखिका बोली- वापस भारत क्यों नहीं लौट जाती? वहां सब भूखे मर रहे हैं

अमेरिका में भारतीय मूल की रिपब्लिकन पार्टी की नेता निक्की हेली पर वहां की जानी मानी लेखिका और एक वकील एन कोल्टर ने नस्लभेदी कमेंट किए। एक पोडकास्ट के दौरान उन्होंने निक्की हेली को कहा, तुम वापस अपने देश भारत क्यों नहीं चली जाती हो?

निक्की हेली पर हमलावर होते हुए एन ने भारत के कल्चर पर भी आपत्तिजनक कमेंट किए। उन्होंने कहा, “गायों की पूजा कौन करता है? भारत में सब भूखे मर रहे हैं। वहां चूहों के मंदिर हैं”।

निक्की हेली की दावेदारी से चिढ़ी एन कोल्टर
​​​​​​​भारतीय मूल की निक्की हेली ने 15 फरवरी को ही रिपब्लिकन पार्टी की तरफ से राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनने के लिए अपनी दावेदारी पेश की थी। जिससे एन कोल्टर चिढ़ी हुई हैं। उन्होंने कहा कि निक्की हेली को 2% से ज्यादा वोट नहीं मिलेंगे। एन कोल्टर ने हेली के चरित्र को बेहूदा बताया । साथ ही कहा कि हेली का समर्थन करने वाले लोग महिलाओं से नफरत करने वाले हैं।

पहले भी हेली पर ऐसे कमेंट कर चुकी हैं एन कोल्टर
ऐसा पहली बार नहीं है जब एन कोल्टर ने निक्की हेली पर इस तरह के नस्लभेदी कमेंट किए हों। इससे पहले साल 2016 में एन कोल्टर ने ट्रंप से निक्की हेली को वापस भारत भेज देने को कहा था। वहीं साल 2015 में चार्लस्टन में हुई शूटिंग के बाद जब हेली ने साउथ कैरोलिना के स्टेटहाउस पर लगे झंडों को झुकाने का सुझाव दिया तो एन कोल्टर ने उन्हें बिंबो यानी बेवकूफ कहा था।

अमृतसर का रहने वाला है निक्की का परिवार
UN में राजदूत और दक्षिण कैरोलिना की गवर्नर रह चुकीं निक्की अमेरिका में ही 1972 में जन्मीं थीं। उनका असली नाम नम्रता निक्की रंधावा है। पिता अजीत सिंह रंधावा पत्नी राज कौर के साथ 1960s में PhD करने के लिए अमृतसर से अमेरिका जाकर बस गए थे। निक्की के दो भाई मिट्‌ठी और सिमी और एक बहन सिमरन है।

अमेरिका की राजनीति में मंझी हुई नेता हैं निक्की हेली

निक्की को पूर्व विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन का करीबी माना जाता है। हिलेरी ही उन्हें सियासत में लाई थीं। राजनीति में आने से पहले निक्की कॉर्पोरेट वर्ल्ड में नाम कमा चुकी थीं। परिवार की कंपनियां चलाने के बाद 1998 में ओरेंजबर्ग काउंटी चेंबर ऑफ कॉमर्स के निदेशक मंडल में शामिल हुईं। 2004 में नेशनल एसोसिएशन ऑफ वुमेन बिजनेस ऑनर की अध्यक्ष बनीं। सामाजिक कार्यों में शामिल होने लगीं। इसी से राजनीति में आने का रास्ता बना।

  • 2004 में निक्की साउथ कैरोलिना की स्टेट रिप्रेजेंटेटिव के तौर पर चुनी गईं। 2006 के चुनाव में उन्हें निर्विरोध जीत हासिल हुई। 2008 में तीसरी बार निक्की ने ये पद संभाला।
  • निक्की 2010 और 2014 में साउथ कैरोलिना की गवर्नर बनीं। अमेरिका में सबसे युवा (37 साल) गवर्नर बनने का रिकॉर्ड भी उनके नाम है।
  • 2017 में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने उन्हें UN में बतौर अमेरिकी ऐंबैस्डर के तौर पर नियुक्त किया। दिसंबर 2018 में निक्की ने पद से इस्तीफा दे दिया।