दुष्यंत चौटाला की पार्टी जजपा के अब हरियाणा के बाहर कदम, छह राज्यों में मांगा चाबी चुनाव चिह्न

जननायक जनता पार्टी (JJP) हरियाणा के बाद अब राष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी पकड़ मजबूत बनाएगी। इसके लिए जजपा अब हरियाणा के बाहर अन्‍य राज्‍यों में कदम बढ़ाने की तैयारी में है। जजपा ने कई राज्यों में अपनी पार्टी के चुनाव चिह्न ‘चाबी’ को खुद के लिए रिजर्व कराने की तैयारी शुरू की है। इसको लेकर पार्टी ने भारतीय निर्वाचन आयोग को पत्र लिखा है। जजपा ने दिल्ली, पंजाब, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गुजरात और राजस्थान में भी चाबी का चुनाव चिह्न अपनी पार्टी के लिए आरक्षित करने की मांग की है।

राष्ट्रीय अध्यक्ष डा. अजय सिंह चौटाला ने भारतीय निर्वाचन आयोग को लिखा पत्र

हरियाणा में भाजपा व जजपा का गठबंधन है। जजपा के कोटे से दुष्यंत चौटाला प्रदेश के उपमुख्यमंत्री हैं। जजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व सांसद डा. अजय सिंह चौटाला ने बताया कि कई राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर जजपा ने पत्र के जरिए दिल्ली, पंजाब, राजस्थान, गुजरात, उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड राज्यों में चाबी चुनाव निशान को जेजेपी के लिए आरक्षित करने की मांग की है। इसके अलावा आयोग से चंडीगढ़ में भी नगर निगम चुनाव के लिए चाबी चिन्ह देने का आग्रह किया गया है।

दिल्ली, पंजाब, गुजरात, राजस्थान, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश में चुनाव चिन्ह आरक्षित रखने की मांग

अजय चौटाला के अनुसार जजपा ने चुनाव आयोग को बताया है कि इन छह राज्यों में पार्टी ‘चाबी’ चुनाव निशान के लिए निर्धारित सभी शर्तों पर खरा उतरती है। इसलिए आयोग द्वारा चाबी का निशान जेजेपी को दिया जाए। अजय चौटाला ने कहा कि हरियाणा में जेजेपी बहुत कम समय में कार्यकर्ताओं के संघर्ष के दम पर बड़े मुकाम तक पहुंची है। जेजेपी हरियाणा में राज्य पार्टी के तौर पर भारतीय चुनाव आयोग द्वारा मान्यता प्राप्त पार्टी है। गठन के बाद केवल 11 माह के अंदर ही जेजेपी को चुनाव आयोग द्वारा मान्यता मिली गई थी। इसके बाद अस्थायी रूप से आवंटित हुआ चुनाव निशान ‘चाबी’ पार्टी के लिए स्थायी हो गया था।

डा. अजय चौटाला ने बताया कि हरियाणा में सफलता के बाद पार्टी अब अन्य राज्यों में भी मजबूती के साथ आगे बढ़ेगी। इसके लिए वर्ष 2020 में ही राजस्थान, गुजरात, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में पार्टी के प्रदेश अध्यक्षों की नियुक्तियां कर दी गई और वहां लोगों को पार्टी से जोड़कर संगठन विस्तार की गतिविधियां जोरों पर चल रही है।