Women’s Day: महिलाओं के पास क्यों होना चाहिए लाइफ इंश्योरेंस? ये रही जरूरी बातें

भारत के इंश्योरेंस मार्केट का लगातार विस्तार हो रहा है। इस वजह से इंश्योरेंस प्रोवाइडर्स के लिए इनोवेटिव अप्रोच रखना जरूरी हो गया है। फाइनेंशियल प्रोडक्ट के तौर पर इंश्योरेंस आज की जटिल वित्तीय दुनिया में महत्वपूर्ण स्थान रखता है। इसकी वजह यह है कि जीवन के हर क्षेत्र में रिस्क काफी बढ़ गया है। ऐसे में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर हम आपको महिलाओं के लिए लाइफ इंश्योरेंस की जरूरत और इसके फायदों के बारे में बताने वाले हैं।

महिलाओं को सस्ते में मिल जाता है इंश्योरेंस

महिलाओं के लिए लाइफ इंश्योरेंस का सबसे महत्वपूर्ण फायदा यह है कि यह उनके लिए सस्ता पड़ता है। कई रिसर्च स्टडीज के अनुसार पुरूषों के मुकाबले महिलाओं का जीवन ज्यादा लंबा होता है और इस वजह से उनके लिए लाइफ इंश्योरेंस काफी सस्ता होता है। यहां बात अमूमन कवरेज को लेकर होती है. दूसरा, कम उम्र में पॉलिसी खरीदने पर आपको लागत कम करने में मदद मिलती है क्योंकि उम्र बढ़ने के साथ प्रीमियम भी बढ़ जाते हैं।

परिवार की आय में योगदान

पारंपरिक रूप से भारतीय महिलाएं छोटी-छोटी बचत करने के लिए जानी जाती हैं। हालांकि, अब यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान या ULIPs जैसे इंश्योरेंस प्रोडक्ट्स के जरिए वे बचत पर ज्यादा बढ़िया रिटर्न पा सकती हैं और वित्तीय रूप से सुरक्षित रहने के साथ परिवार की आय में योगदान कर सकती हैं। इसके साथ-साथ ज्यादा से ज्यादा महिलाएं वर्कफोर्स से जुड़े रही हैं और स्वतंत्र रूप से पैसे कमा रही हैं, इसी अनुपात में उन्हें अपनी इनकम को प्रोटेक्ट करने की जरूरत है। लाइफ इंश्योरेंस उनकी वित्तीय आजादी और लंबे समय तक सेविंग को बढ़ावा देने वाला बढ़िया विकल्प साबित हो सकता है।

कमाऊ नहीं हैं? फिर भी हो सकती हैं वित्तीय रूप से आजाद

यह सबसे महत्वपूर्ण बात है कि लाइफ इंश्योरेंस केवल कामकाजी महिलाओं के लिए जरूरी नहीं है बल्कि सभी महिलाओं के लिए अहम है। इससे उन्हें जीवन के विभिन्न पड़ाव पर वित्तीय आजादी मिलती है। लाइफ इंश्योरेंस से मिलने वाला रिटर्न उनके कई तरह के खर्चों को कवर कर सकता है और उनके परिवार को वित्तीय सुरक्षा प्रदान कर सकता है।

प्रेग्नेंसी के दौरान मिलती है मदद

यह बहुत आम मिथक है कि गर्भवती महिलाओं को लाइफ इंश्योरेंस नहीं मिलता है। उन्हें प्रेग्नेंसी के दौरान कॉम्प्रिहेंसिव कवरेज प्रदान करने वाले सही इंश्योरेंस प्रोवाइडर से संपर्क करने की जरूरत होती है। बच्चे के जन्म से पहले लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी लेने की सलाह हमेशा दी जाती है लेकिन बच्चे के जन्म के बाद पॉलिसी खरीदना एक तरह की गलती साबित हो सकती है। इसकी वजह ये है कि प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं को अस्थायी तौर पर कुछ दिक्कतों से गुजरना पड़ता है। ऐसे में उन्हें ज्यादा कवरेज मिलने में दिक्कत होती है या फिर उन्हें ज्यादा प्रीमियम भरना पड़ता है।

अगली पीढ़ी को मिलेगा फायदा

विशुद्ध रूप से लाइफ प्लान जैसी पॉलिसीज अगली पीढ़ी के लिए धन इकट्ठा करने का आदर्श माध्यम साबित हो सकती हैं और इससे यह सुनिश्चित होता है कि उनके ना रहने पर उनके बच्चों और पोते-पोतियों को सम इंश्योर्ड मिल जाए। सिंगल मदर्स मेच्योरिटी अमाउंट का इस्तेमाल अपने बच्चे के मौजूदा या फ्यूचर के खर्चों को कवर करने के लिए कर सकती हैं।