लंबे इंतजार के बाद अब अंतत: राजधानी को जल्द ही 211 वन रक्षक (फारेस्ट गार्ड) मिल जाएंगे। इससे वन क्षेत्र की दशा भी सुधर सकेगी और वहां वन कानूनों का पालन भी हो पाएगा। इनकी भर्ती को लेकर एक साल पहले ली गई परीक्षा का परिणाम सोमवार को वन विभाग ने जारी कर दिया। कंप्यूटर आधारित लिखित परीक्षा में उनके प्रदर्शन के आधार पर 253 उम्मीदवारों को शार्टलिस्ट किया गया है। शारीरिक सहनशक्ति और शारीरिक मानक परीक्षण के आधार पर इन्हीं में से 211 चयनित किए जाएंगे। विभागीय अधिकारियों के अनुसार, परिणाम बहुत पहले ही घोषित हो जाता, पर कोरोना के कारण पहले प्रक्रिया में, फिर परीक्षा शुल्क के तौर पर लगभग 50 करोड़ रुपये के भुगतान में देरी हुई।
अधिवक्ता आदित्य प्रसाद की याचिका पर सुनवाई करते हुए नेशनल ग्रीन टिब्यूनल (एनजीटी) ने जुलाई 2019 में विभाग को रिक्त पदों को जल्द से जल्द भरने का आदेश दिया था। उसी वर्ष नवंबर में फिर से अधिकारियों को चार माह में भर्ती प्रक्रिया पूरी करने का निर्देश दिया गया। अधिकारियों के अनुसार दिल्ली सरकार ने नवंबर 2019 में एडसिल इंडिया लिमिटेड को आनलाइन परीक्षा और मूल्यांकन सेवाएं देने के लिए आउटसोर्स किया। उन्हें दिल्ली अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड के दायरे से बाहर कर 226 रिक्त स्वीकृत पदों को भरने के लिए दिसंबर में विज्ञापन जारी किया। इसमें चार वन रेंजर, 211 वन रक्षक और 11 वन्यजीव रक्षक शामिल हैं।
मानव संसाधन विकास मंत्रलय के तहत सार्वजनिक क्षेत्र के एक मिनी रत्न उपक्रम एडसिल ने मार्च 2020 में वन रेंजरों और वन्यजीव रक्षकों के लिए परीक्षा आयोजित की। अंतिम परिणाम जनवरी 2021 में घोषित किए गए थे। वन रक्षकों की भर्ती के लिए कंप्यूटर आधारित परीक्षा एक से सात मार्च के बीच आयोजित की गई थी। अधिकारियों ने स्वीकार किया कि कर्मचारियों की कमी के कारण वन कानूनों को धरातल पर लागू करना सुनिश्चित करना मुश्किल है। ये भर्तियां होने से समस्या का काफी हद तक समाधान हो जाएगा।