केरल के राज्यपाल ने नहीं दी विधान सभा का विशेष सत्र बुलाने की अनुमति, कृषि कानूनों के खिलाफ प्रस्ताव होना था पारित

केरल के राज्यपाल आरिफ मुहम्मद खान ने बुधवार को राज्य विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की इजाजत देने से मंगलवार को इन्कार कर दिया। राज्य सरकार की योजना इस विशेष सत्र में तीनों नए केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ प्रस्ताव पर चर्चा कर उन्हें पारित कराने की थी।

राज्यपाल के इस फैसले पर सरकार की ओर से तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की गई है। केरल के कृषि मंत्री वीएस सुनील कुमार ने इसे अलोकतांत्रिक बताया तो विपक्षी कांग्रेस के नेता रमेश चेन्नीथला ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण और लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ है। जबकि राज्य भाजपा ने राज्यपाल के फैसले का यह कहते हुए स्वागत किया कि संसद से पारित और राष्ट्रपति से मंजूरी प्राप्त कानूनों के खिलाफ प्रस्ताव पारित करने की कोशिश पूरी तरह असंवैधानिक है। विधानसभा स्पीकर पी. श्रीरामकृष्णन ने कहा कि राज्यपाल का फैसला अभूतपूर्व है और सभी कानूनी पहलुओं पर विचार करने के बाद राज्य सरकार फैसला ले सकती है।

पी विजयन ने एक दिवसीय विशेष सत्र बुलाने का किया था फैसला

बता दें कि सोमवार को मुख्यमंत्री पिनराई विजयन की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में माकपा नीत एलडीएफ सरकार ने एक दिवसीय विशेष सत्र बुलाने का फैसला किया था। विधानसभा सूत्रों ने बताया कि राज्यपाल की स्वीकृति नहीं मिलने की वजह से अब बुधवार को विशेष सत्र का आयोजन नहीं होगा।