Haryana Assembly Special Session: हरियाणा विधानसभा के विशेष सत्र शुरू, चंडीगढ़ व एसवाईएल मुद्दे पर सरकारी संकल्‍प पेश

पंजाब एवं हरियाणा के बीच चंडीगढ़ के मुद्दे पर गर्मागर्मी के बीच हरियाणा विधानसभा का विशेष सत्र शुरू हो गया है। सदन में सबसे पहले पिछले‍ दिनों दिवंगत हुए लोगों को श्रद्धांजलि देने के लिए प्रस्‍ताव पेश किया गया। इसके बाद चंडीगढ़ मुद्दे पर  सरकारी संकल्‍प पेश किया गया। सरकारी संकल्प में एसवाईएल नहर के के जरिए रावी और व्यास नदियों का पानी देने के लिए की मांग की जाएगी। संकल्‍प प्रस्‍ताव मुख्‍यमंत्री मनोहरलाल ने पेश किया।

सरकारी संकल्‍प में कहा गया है कि ‘ हरियाणा राज्य पंजाब पुनर्गठन अधिनियम, 1966 की धारा-3 के प्रावधानों के तहत अस्तित्व में आया था। इस अधिनियम में पंजाब व हरियाणा और हिमाचल प्रदेश तथा चंडीगढ़ के संघीय क्षेत्रों में पंजाब के पुनर्गठन को प्रभावी बनाने के लिए उपाय किए गए थे।

हरियाणा सरकार द्वारा पेश संकल्‍प में कहा गया है कि सतलुज-यमुना लिंक नहर (एसवाईएल नहर) के निर्माण द्वारा रावी और ब्यास नदियों के पानी में हिस्सा पाने का हरियाणा का अधिकार ऐतिहासिक, कानूनी, न्यायिक और संवैधानिक रूप से बहुत समय से स्थापित है। इस प्रतिष्ठित सदन में एसवाईएल नहर को जल्द से जल्द पूरा करने का आग्रह करते हुए सर्वसम्मति से कम से कम सात बार प्रस्ताव पारित किए हैं।

संकल्‍प में कहा गया है, ‘ कई अनुबंधों, समझौतों, ट्रिब्यूनल के निष्कर्षो और देश के माननीय सर्वोच्च न्यायालय के फैसलों में सभी ने पानी पर हरियाणा के दावे को बरकरार रखा है और एसवाईएल नहर को पूरा करने का निर्देश दिया है। इन निर्देशों और समझौतों की अवज्ञा करते हुए इनके विरोध में, हरियाणा राज्य के सही दावों को अस्वीकार करने के लिए पंजाब द्वारा कानून बनाए गए।

हरियाणा सरकार के संकल्‍प प्रस्‍ताव में कहा गया है कि हिंदी भाषी क्षेत्रों को पंजाब से हरियाणा को देने का काम भी पूरा नहीं हो पाया है। यह सदन 1 अप्रैल, 2022 को पंजाब की विधान सभा में पारित प्रस्ताव पर गहन चिंता प्रकट करता है, जिसमें सिफारिश की गई है कि चंडीगढ़ को पंजाब में स्थानांतरित करने के मामले को केन्द्र सरकार के साथ उठाया जाए।

संकल्‍प में कहा गया है कि केंद्र सरकार द्वारा हाल में भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड में पूर्णकालिक सदस्यों की नियुक्ति पंजाब पुनर्गठन अधिनियम, 1966 की भावना के खिलाफ है जो नदी योजनाओं को पंजाब व हरियाणा राज्यों की साझा संपत्ति मानता है।

संकल्‍प मेंकहा है कि इन परिस्थितियों में, यह सदन केंद्र सरकार से आग्रह करता है कि वह ऐसा कोई कदम न उठाए, जिससे मौजूदा संतुलन बिगड़ जाए और जब तक पंजाब के पुनर्गठन से उत्पन्न सभी मुद्दों का समाधान न हो जाए, तब तक सद्भाव बना रहे। यह सदन केंंंद्र सरकार से यह आग्रह भी करता है कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों की अनुपालना में सतलुज-यमुना लिंक नहर के निर्माण के लिए उचित उपाय करे।

बता दें कि विधानसभा में चंडीगढ़ को वापस पंजाब देने का प्रस्ताव पारित होने के बाद हरियाणा विधानसभा के विशेष सत्र भी यह संकल्‍प प्रस्ताव पेश किया गया है। सत्र में सतलुज यमुना लिंक नहर (SYL Canal) और पंजाब से हिंदी भाषी क्षेत्रों को स्‍थानांतरित करने मुद्दा भी इसमें शामिल किया गया है। हरियाणा विधानसभा के विशेष सत्र की कार्यवाही शोक प्रस्ताव के साथ शुरू हूुई। सदन में पिछले दिनों दिवंगत हुई हस्तियों को  मुख्यमंत्री मनोहर लाल और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा श्रद्धांजलि दी गई।

इस विशेष सत्र के लिए सुरक्षा के लिए विधानसभा परिसर और इसके आसपास के क्षेत्र में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। विधानसभा में विभिन्‍न दलों के विधायकों का आना शुरू हो गया है। माना जा रहा है कि विधानसभा में चंडीगढ़, एसवाईएल और हिंंदी भाषी क्षेत्राें के पंजाब से हरियाणा को स्‍थानांतरित करने के बारे में सर्वसम्‍मति से प्रस्‍ताव पारित किए जा सकते हैं। हरियाणा सरकार चंडीगढ़ मुद्दे को लेकर पंजाब के खिलाफ निंदा प्रस्‍ताव भी पेश करने की तैयारी में है।

बता दें कि पंजाब की भगवंत मान सरकार ने शुक्रवार को सदन में एक प्रस्ताव पारित कराया, जिसमें चंडीगढ़ को पंजाब को देने की मांग की गई है। हरियाणा सरकार का कहना है कि चंडीगढ़ के अलावा भी दोनों राज्यों में कई मामले हैं जिनका समाधान होना है। मसलन, एसवाईएल नहर से हरियाणा को पानी देने और हिंदी भाषी क्षेत्रों को हरियाणा में शामिल करने जैसे मामले इसमें शामिल हैं। राज्य सरकार सभी बकाए मामलों के समाधान की पक्षधर है।

पंजाब के राजनीतिक दलों की नजर भी हरियाणा विधानसभा के विशेष सत्र की कार्यवाही पर टिकी हुई है। चंडीगढ़ पर अधिकार, एसवाईएल से पानी लेने और चार सौ गांव हरियाणा में शामिल करने के मुद्दे पर हरियाणा सरकार प्रस्ताव लाएगी। पंजाब की आम आदमी पार्टी की सरकार की इसके बाद की प्रतिक्रिया व कदम पर भी सबकी नजर है।