केंद्रीय गृह मंत्रालय की अधिसूचना के बाद राजधानी के तीनों नगर निगम (उत्तरी, पूर्वी और दक्षिणी) 22 मई से एक हो जाएंगे, लेकिन सेवाएं और प्रशासन एक होने में अभी फिलहाल समय लगेगा। हालांकि आनलाइन सेवाएं जल्द से जल्द एक ही स्थान पर मिलने लगे इसके लिए आइटी विभाग ने तैयारी शुरु कर दी है। वेबसाइट को नया रूप देने के लिए आइटी विभाग तेजी से काम कर रहा है।
संभवत: 22 मई से ही दिल्ली नगर निगम की अपनी वेबसाइट भी अस्तित्व में आ जाएगी। दक्षिणी निगम के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि तीनों निगमों के लिए आनलाइन सेवाएं प्रदान करने का काम राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआइसी) करती है। बीते दो वर्षों से ज्यादा समय से यह काम सफलता पूर्वक चल रहा है।
एनआइसी ने संपत्तिकर से जन्म प्रमाण पत्र और आनलाइन लाइसेंस सुविधा के लिए अलग-अलग एप तैयार किए है। तीनों निगमों के एप अलग-अलग हैं। जिन्हें एक करने में समय लगेगा, लेकिन 22 मई से हम एकीकृत निगम की वेबसाइट शुरू कर देंगे। अधिकारी ने बताया कि चूंकि तीनों निगमों की सेवाओं और शर्तों में भिन्नता हैं।
ऐसे में जब तक इन सेवा शर्तों को एक करने का फैसला नहीं लिया जा सकता है तब तक हम चाहकर भी एक नहीं कर सकते। इसलिए हम इन फैसलों का इंतजार करेंगे। उल्लेखनीय है कि दिल्ली में एक वेबसाइट चलती है। इसी वेबसाइट को एकीकृत निगम की वेबसाइट के रूप में शुरू किया जाएगा।
फिलहाल इस वेबसाइट को खोलने के लिए तीनों निगमों के अलग-अलग पेज आते हैं। जानकारों का कहना है कि ऐसा नहीं है कि 22 मई से सब कुछ एक हो जाएगा। इसके लिए बहुत सारे आदेशों की आवश्यकता होगी। जिसकी मंजूरी विशेष अधिकारी से लेनी होगी।
दिल्ली नगर निगम के लिए विशेष अधिकारी की नियुक्ति शुक्रवार या शनिवार तक हो सकती है। इसके बाद रविवार को संभवत: विशेष अधिकारी अपना कार्यभार संभाल सकते हैं। केंद्रीय गृह मंत्रालय को यह नियुक्ति करनी है। हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि विशेष अधिकारी कौन होगा। संभावना जताई जा रही है कि विशेष अधिकारी गैर राजनीतिक पृष्ठभूमि से होगा। जिसमें किसी वरिष्ठ नौकरशाह को यह जिम्मेदारी दी जा सकती है।
तीन निगम एक होंगे तो दो निगम के अधिकारियों पद खत्म हो जाएंगे। ऐसे में अधिकारियों और कर्मचारियों को लेकर अपनी-अपनी भूमिका को लेकर चिंता है। किसी को यह चिंता है कि उसे विभागाध्यक्ष बनाया जाएगा या नहीं जबकि किसी को चिंता विभाग बदलने की भी है। वहीं, बड़े स्तर पर स्थानांतरण भी किया जाएगा। जिसमें तीनों निगमों के मुख्यालय में काम करने वाले अधिकारियों को क्षेत्रीय कार्यालयों में रिक्त पदों पर भेजा जा सकता है।