नए साल पर छह शहरों को प्रधानमंत्री मोदी का सस्ते घर का तोहफा, लाइट हाउस प्रोजेक्ट की नींव रखी

नए साल 2021 पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ग्लोबल हाउसिंग टेक्नोलॉजी चैलेंज इंडिया (GHTC-India) के तहत उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश समेत छह राज्यों के छह शहरों में लाइट हाउस प्रोजेक्ट (LHP) की आधारशिला रखी। इस परियोजना के तहत केंद्र सरकार लखनऊ, इंदौर, चेन्नई, रांची, अगरतला और राजकोट में हजार-हजार से अधिक नए मकानों का निर्माण करेगी।

पीएम मोदी ने इस दौरान कहा कि ये छह प्रोजेक्ट्स वाकई लाइट हाउस यानी प्रकाश स्तंभ की तरह हैं। ये देश में हाउसिंग कंस्ट्रक्शन को नई दिशा दिखाएंगे। देश के हर क्षेत्र से राज्यों का इस अभियान में जुड़ना कॉपरेटिव फेडरलिज्म की हमारी भावना को और मजबूत कर रहा है। हर जगह एक साल में 1,000 घर बनाए जाएंगे, इसका मतलब प्रतिदिन 2.5-3 ​घर बनाने का औसत आएगा। अगली 26 जनवरी से पहले इस काम में सफलता पाने का इरादा है।

आशा इंडिया प्रोग्राम चलाया जा रहा है

पीएम मोदी ने यह भी कहा कि देश में हीआधुनिक हाउसिंग तकनीक से जुड़ी रिसर्च और स्टार्टअप्स को प्रमोट करने के लिए आशा इंडिया प्रोग्राम चलाया जा रहा है। इसके माध्यम से भारत में ही 21वीं सदी के घरों के निर्माण की नई और सस्ती तकनीक विकसित की जाएगी। घर बनाने से जुड़े लोगों को नई तकनीक से जुड़ी स्किल अपग्रेड करने के​ लिए सर्टिफिकेट कोर्स भी शुरू किया जा रहा है ताकि देशवासियों को घर निर्माण में दुनिया की सबसे अच्छी तकनीक और मटेरियल मिल सके।

लोगों के पास अब रेरा जैसे कानून की शक्ति

प्रधानमंत्री मोदी ने इस दौरान कहा कि लोगों के पास अब रेरा जैसे कानून की शक्ति है। इसने लोगों में ये भरोसा लौटाया है कि जिस प्रोजेक्ट में वो पैसा लगा रहे हैं, वो पूरा होगा, उनका घर अब फंसेगा नहीं। एक समय, आवास योजना केंद्रीय सरकार की प्राथमिकता नहीं थी। सरकार ने निर्माण के विवरण और गुणवत्ता की परवाह नहीं की। अगर बदलाव नहीं किए जाते, तो यह बहुत मुश्किल होता। आज, देश ने एक अलग दृष्टिकोण चुना है।

श्रमिकों को उचित किराए पर मकान उपलब्ध नहीं होते

पीएम मोदी ने कहा कि जो लोग हमारे मजदूर के सामर्थ्य को स्वीकार नहीं करते थे कोरोना ने उन्हें स्वीकार करने के लिए मजबूर कर दिया। शहरों में हमारे श्रमिकों को उचित किराए पर मकान उपलब्ध नहीं होते हैं। हमारे श्रमिक गरिमा के साथ जीवन यापन करें, ये हम सब देशवासियों का दायित्व है। इसी सोच के साथ सरकार उद्योगों के साथ और दूसरे निवेशकों के साथ मिलकर उचित किराए वाले घरों का निर्माण करने पर बल दे रही है और कोशिश ये भी है कि जहां वो काम करते हैं उसी इलाके में उनका मकान हो।

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने क्या कहा?

इस दौरान उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, गुजरात, त्रिपुरा और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री मौजूद रहे। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि झारखंड एक पिछड़ा राज्य है और लाइट हाउस प्रोजेक्ट के तहत, केंद्र और राज्य सरकार की मदद से यहां 1,008 घरों का निर्माण किया जाएगा। यहां रहने वाले लोगों की आय कम है क्योंकि उनमें से ज्यादातर मजदूर हैं। हमें रणनीति बनाना चाहिए कि हम उनके वित्तीय बोझ को कैसे कम कर सकते हैं।

सीएम योगी आदित्यनाथ और शिवराज ने क्या कहा?

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आवास की इस योजना में उत्तर प्रदेश के शहरी क्षेत्र में सबके लिए अब तक 17 लाख से अधिक परिवारों को आवास उपलब्ध कराया गया है, जिनमें से 6,15,000 आवास पूर्ण होकर सभी गरीब परिवारों को उपलब्ध कराए जा चुके हैं। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि पीएम मोदी का संकल्प है कि 2022 तक हर गरीब के पास अपना मकान होगा। ये कहते हुए प्रसन्नता होती है कि शहरी क्षेत्र में 1 करोड़ और ग्रामीण क्षेत्र में 3 करोड़ घरों के निर्माण का काम किया गया है।

कार्यक्रम आंध्र प्रदेश राज्य के लिए विशेष रूप से प्रासंगिक- जगन रेड्डी 

आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगनमोहन रेड्डी ने कहा कि प्रधानमंत्री ने 2022 तक सभी के लिए आवास की परिकल्पना की थी, जिस साल देश की आजादी के 75 साल पूरे हो जाएंगे। यह कार्यक्रम आंध्र प्रदेश राज्य के लिए विशेष रूप से प्रासंगिक है, जो चक्रवात, बाढ़ आदि जैसी प्राकृतिक आपदाओं से परेशान रहता है। राज्य ने पीएमवाइए अर्बन को लागू करने के लिए देश में सबसे आगे है। राज्य सरकार ने 30.75 लाख पात्र लोगों को घर देने के लिए एक विशेष अभियान शुरू किया है। इस प्रयोजन के लिए, 68,677 एकड़ में फैमिलि को वितरित किया गया है।