पश्चिमी यूपी की सड़कों पर कांवड़ियों का हुजूम है। हर-हर महादेव और बम-बम भोले के जयघोष लग रहे हैं। सड़क पर चलते-चलते कांवड़ियों के पैरों में छाले निकल आए हैं। फिर भी, चेहरे पर कोई शिकन नहीं है। बेचैनी बस गंगाजी को अपने शिवालय तक ले जाने की है।
दैनिक भास्कर ने मंगलवार को गाजियाबाद से हरिद्वार तक की कांवड़ यात्रा शुरू की है। गाजियाबाद के दूधेश्वर मंदिर से शुरू हुई यात्रा अब मुजफ्फरनगर पहुंच चुकी है। गुरुवार यानी तीसरे दिन की कांवड़ यात्रा की शुरुआत मुजफ्फरनगर से हो रही है। यहां शिवचौक पर ”बम भोले की डीजे बजवा दिए योगी ने” गाना गूंज रहा है। कांवड़ शिविरों में शिवभक्त नृत्य कर रहे हैं। रात का माहौल भी भगवा रंग में रंगने लगा है।
आज आपको ऐसे कांवड़ियों से रूबरू करा रहे हैं, जो मन्नत पूरी होने पर मासूम बच्चों के साथ कांवड़ लेकर लौट रहे हैं। तो हमारे साथ चलिए, आप भी इस यात्रा पर…
1. 8 साल का बच्चा भी ला रहा कांवड़
8 साल का अंश अपने एक साल बड़े भाई भोलू के साथ हरिद्वार से कांवड़ ला रहा है। मुजफ्फरनगर के झिंझाना में अंश रहते हैं। दोनों छोटे बच्चों के कंधों पर रंग बिरंगी सजी हुई कांवड़ है। पिता रामफल पीछे-पीछे चल रहे हैं। रामफल ने बताया, “शादी के कई साल बाद तक पत्नी को बच्चा नहीं हुआ तो मन्नत मांगी। भोले बाबा ने मन्नत भी पूरी की।”
2. छाले पड़ने के बाद भी नहीं रुके कदम
कांवड़ यात्रा में हर बार कुछ अलग रंग होते हैं। इस बार तिरंगा कांवड़ आकर्षक बनी हुई है। कांवड़ यात्रा में कोई नंगे पैर है तो किसी के पैर में पट्टी बंधी हुई है। छाले पड़ चुके हैं। लेकिन, कांवड़ियों के कदम नहीं रुक रहे हैं। दूर-दूर तक सजी हुई कांवड़ रंग बिरंगी रोशनी में यात्रा को और भी आकर्षक बना रही हैं।
3. कावड़ यात्रा में राम मंदिर की झांकी
राम मंदिर की झांकी की कावड़ भी नजर आई। गाजियाबाद के सिहानी गेट के शिव भक्त हरिद्वार से ये कावड़ लेकर गाजियाबाद की ओर जा रहे हैं। इस जत्थे में 25 शिव भक्त शामिल हैं। जिसमें झांकी के आगे शिव भक्त पैदल चलते हैं, और झांकी के पीछे ट्रैक्टर ट्रॉली पर डीजे लगाया गया है। शिव भक्तों ने बताया, “इसमें करीब 8 लाख का खर्च आया है। शिवरात्रि पर यह सभी शिवभक्त गाजियाबाद के प्राचीन दूधेश्वरनाथ मन्दिर में जलाभिषेक करेंगे।”
4. एक पलड़े पर शिवलिंग, दूसरे पर हैं भोलेनाथ
दिल्ली में उत्तमनगर के अनुभव कांवड़ के रूप में भोलेनाथ की बड़ी मूर्ति सिर पर रखकर ला रहे हैं। वह बताते हैं, “ये मेरी दसवीं कांवड़ है। हर बार मैं सामान्य कांवड़ लेकर आता था। इस बार सोचा कि कुछ नई तरह की कांवड़ लेकर आऊं।”
दिल्ली के ही राकेश जो कांवड़ ला रहे हैं, उसके एक पलड़े में भोलेनाथ की मूर्ति है। तो दूसरे में विशाल शिवलिंग रखे हुए हैं। दिल्ली से सटे गुरुग्राम बॉर्डर के युवाओं का एक समूह मोर पंखों से बनी कांवड़ लेकर मंजिल की तरफ बढ़ रहा है।
- अब तस्वीरों में देखिए कांवड़