‘माइकल में ADHD का पता चलने पर मैंने सभी को गलत साबित करना चाहा। मुझे पता था कि अगर मैं माइकल के साथ सहयोग करती हूं, तो वह कुछ भी जिसे उसने करने का मन बना लिया है हासिल कर सकता है’
– माइकल फिलिप्स की मां डेबी फिलिप्स
करिअर फंडा में स्वागत!
कौन थे माइकल फिलिप्स
माइकल फेल्प्स दुनिया के सबसे सफल और सम्मानीय ओल्य्म्पियन हैं जिन्होंने तैराकी में कुल 28 ओलिंपिक पदक जीते। सुपर-अचीवर माइकल फेल्प्स ADHD से पीड़ित थे, लेकिन मां डेबी ने अपने बेटे की ताकत को देखकर बाधाओं को दूर करने में मदद की जबकि दूसरों ने केवल कमजोरियां देखीं।
अव्यवस्था, शिथिलता, ध्यान केंद्रित करने में असमर्थता, और अन्य दिक्कतें जो ADHD के साथ आती हैं, वहीं रचनात्मकता और जोखिम लेने की क्षमता भी आती है।
आज मैं आपको बच्चों में ऐसे कॉमन डिसऑर्डर ADHD (Attention-Deficit / Hyperactivity Disorder) के बारे में बताने जा रहा हूं, जिसके बारे में भारत में तो बहुत ही कम बात होती है। परिणाम बुरे हो सकते हैं, इसलिए बात करके, समझ कर, प्रॉब्लम को सॉल्व करें।
ADHD क्या है
क्या आपने कुछ ऐसे बच्चों को देखा है, जो थोड़ी देर भी एक जगह पर बैठ ही नहीं सकते, पढाई में ध्यान केंद्रित ही नहीं कर पाते?
यदि उनको शांति से किताब ले कर बैठा दें तो वे किताब पढ़ते-पढ़ते सो जाते हैं, बातें बहुत जल्दी भूल जाते हैं, बहुत बातें करते हैं, हमेशा बेचैन रहते हैं, हमेशा दौड़ते रहने या कूदते फांदते रहने की कोशिश करते हैं!
शायद ऐसे बच्चों को ‘भारी मस्तीखोर’, ‘उधमी’ कह कर समस्या को नजरअंदाज कर दिया जाता है, लेकिन टेक्निकली इन सिम्पटम्स के लिए एक नाम है जिसे ADHD अर्थात अटेंशन डेफिसिट ह्यपेरेक्टिविटी डिसऑर्डर कहा जाता है।
ADHD से पीड़ित बच्चों के सिम्पटम्स
1) एक जगह पर ध्यान केंद्रित नहीं कर पाना
2) मन पढाई में नहीं लग पाना, एक जगह बैठकर पढ़ नहीं पाना
3) हाइपर-एक्टिव होना, इधर उधर भागना, चीजों को फेंकना, कूदना (ये गुण स्पोर्ट्स में काम के हैं )
4) इम्पल्सिव होना – जो चाहिए तुरंत होना ही होना
5) दोस्त बनाने में कठिनाई होना
6) उद्दंड व्यवहार होना
7) नींद लेने में परेशानी आना
बच्चों में ADHD की समस्या क्यों
1) ADHD के ज्ञात कारण में जेनेटिक्स (वंशानुगत) से लेकर प्रीमेच्योर डिलीवरी तथा जन्म के समय बच्चे के वजन का कम होना तक हो सकते हैं।
2) बहुत सामान्य स्तर पर यह समस्या बच्चों में अत्यधिक कार्टून फिल्में देखने, अत्यधिक वीडियो/कंप्यूटर गेम देखने आदि के कारण हो सकती है।
3) बहुत छोटे बच्चों को मोबाईल में वीडियो दिखाना आजकल आम हो गया है और इससे बच्चों में ADHD के माइल्ड सिम्पटम्स (हलके लक्षण) आ सकते हैं।
कंप्यूटर गेम से क्या प्रॉब्लम: वीडियो/कंप्यूटर गेम आकर्षक होने और तत्काल पुरस्कार प्रदान करने के लिए डिजाइन किए जाते हैं; ADHD वाले बच्चे उन पर हाइपरफोकस कर सकते हैं, यहां तक कि उस बिंदु तक जहां वे अपने आस-पास की दुनिया से बेखबर हो, खेलना बंद कर दें।
कार्टून फिल्म से क्या प्रॉब्लम: अधितर कार्टून फिल्में भी अधिक गति के साथ बहुत मजे देने लिए बनाई जाती है, लेकिंग वास्तविक जीवन धीमा और उतना मजेदार नहीं होता। तो फिर उस दिमाग को पढाई बोर लगती है, और ऐसे बच्चे अक्सर किताबों का सामना होने पर बोर हो कर सो ही जाते हैं।
माइल्ड ADHD सिम्पटम्स को माता-पिता कैसे रोकें: 7 सोल्युशन
तीव्र ADHD के लिए आपको विशेषज्ञों की सलाह लेनी चाहिए लेकिन माइल्ड ADHD के लिए सात सुझाव यूजफुल हैं
1) बच्चों का स्क्रीन टाइम नियंत्रित करें: अधिकतर ग्लोबल स्टैंडर्ड्स के अनुसार दो से पांच साल के बच्चों का स्क्रीन टाइम (अर्थात टीवी, कंप्यूटर, लैपटॉप, मोबाइल या टेबलेट पर बिताया जाने वाला समय) एक घंटे से ज्यादा नहीं होना चाहिए (चीन में तो इसका कानून बना है)।
2) स्लो एक्सपीरिएंस दें: बच्चों को धीमी चीजों में आने वाले आनंद को भी अनुभव करने दे, उन्हें अच्छा धीमा म्यूजिक सुनने के लिए दें।
3) प्रकृति जिंदाबाद: बच्चों को प्रकृति से जोड़ कर रखें, उन्हें बाग-बगीचों में घूमने ले जाएं।
4) कड़ा अनुशासन नहीं: इन बच्चों के लिए कठोर अनुशासन शायद ही कभी काम करता है; इसके बजाय, करुणा और बच्चे की स्किल-बिल्डिंग पर ध्यान केंद्रित करें।
5) सामान्य बिहेवियर रखें: माता-पिता अपने व्यवहार से उन्हें दूसरे बच्चों से अलग महसूस न करवाएं। उनसे सामान्य व्यवहार करें। बच्चों को उन व्यवहारों के लिए दंडित करने से बचना ही सबसे अच्छा है जो खुद उनके नियंत्रण से बाहर हैं।
6) व्यक्तिगत दोस्ती करवाएं: बच्चे के सफल होने पर प्रशंसा करें, और बच्चों के दोस्त बनाने के लिए एक बड़े समूह में फिट होने के लिए मजबूर करने के बजाय व्यक्तिगत दोस्ती पर ध्यान केंद्रित करें।
7) प्रॉपर स्लीप का प्रयास: नींद की समस्या के लिए, माता-पिता को एक सुसंगत दिनचर्या स्थापित करनी चाहिए और कम से कम ध्यान भंग के साथ सुखदायक नींद का वातावरण बनाना चाहिए।
सेल्फ-रेस्पेक्ट और सेल्फ-कॉन्फिडेंस बनाएं
माता-पिता और टीचर बच्चों के आत्म-सम्मान (सेल्फ-रेस्पेक्ट)और आत्म-विश्वास (सेल्फ-कॉन्फिडेंस) निर्माण के लिए बच्चों को वे अच्छे से करने के लिए प्रेरित करें जिनमें वे रूचि रखते हैं।
एक बच्चा जो डूडल बनाना पसंद करता है, वह एक प्रतिभाशाली कलाकार बन सकता है, जबकि खाना पकाने में रुचि रखने वाला बच्चा अधिक जटिल व्यंजनों में महारत हासिल करना सीखता है। ADHD वाले बच्चे किसी भी खेल में उत्कृष्टता प्राप्त कर सकते हैं, खासकर यदि वे इसमें अत्यधिक रुचि रखते हैं और भाग लेने के लिए प्रेरित होते हैं तो। व्यक्तिगत खेल: जैसे तैराकी, बैडमिंटन, टेनिस, या मार्शल आर्ट ऐसे बच्चों के लिए आदर्श हैं।