गहलोत बोले- राहुल गांधी ही मोदी को चुनौती दे सकते:कहा- आखिर तक मनाने का प्रयास किया, अब खड़गे को कामयाब करना जिम्मेदारी

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने दिल्ली में बात करते कहा कि राहुल गांधी ही पीएम मोदी और एनडीए सरकार को चुनौती दे सकते हैं। राहुल गांधी की इच्छा थी कि एक बार गैर गांधी अध्यक्ष बने। हालांकि लास्ट मोमेंट तक ये प्रयास हुए कि राहुल गांधी वापस अध्यक्ष बनें। क्योंकि वे ही मोदी और सरकार को चुनौती दे सकते हैं। जो वे दे रहे हैं। इस बार उन्होंने तय कर लिया कि गैर गांधी ही अध्यक्ष बनना चाहिए। इसलिए आज खड़गे साहब अध्यक्ष बने हैं। चुनौती बहुत बड़ी है। गहलोत दिल्ली में मीडिया से बातचीत कर रहे थे।

गहलोत ने कहा- 1998 में हम सबने सोनिया गांधी से मिलकर आग्रह किया था कि वे कांग्रेस की कमान संभालें, नहीं तो पार्टी बिखर जाएगी। उस वक्त यह माहौल था। लैंग्वेज प्रॉब्लम के बावजूद सोनिया गांधी ने कांग्रेस हित में उस चैलेंज को स्वीकार किया। कांग्रेस की कमान संभाली। सोनिया गांधी 22 साल अध्यक्ष रहीं। उस वक्त 12-13 राज्यों में कांग्रेस की सरकारें बनीं। दो बार केंद्र में यूपीए सरकार बनाई। उनके कार्यकाल को हम भूल नहीं सकते।

खड़गे को कामयाब करना हम सबकी जिम्मेदारी
गहलोत ने कहा- पूरे देश के सीनियर और जूनियर नेता-कार्यकर्ताओं का अब एक ही सोच होनी चाहिए। सोनिया गांधी ने फैसले से नोन गांधी खड़गे साहब अध्यक्ष बन गए हैं। हम सबकी जिम्मेदारी है कि हम कैसे उन्हें कामयाब करें। बूथ, ब्लॉक लेवल पर कांग्रेस मजबूत हो। कांग्रेस कार्यकर्ताओं में नया विश्वास पैदा हो। देश के सामने चैलेंज बहुत बड़ा है। अभी जो तस्वीर दिखाई जा रही है, वह सच नहीं है।

केजरीवाल मोदी की तरह आभामंडल बनाने के प्रयास में
गहलोत ने कहा- देश में चैलेज बहुत बड़े हैं। केजरीवाल नए पैदा हो गए, वो भी मोदी की तरह ही माहौल बना रहे हैं। मीडिया पब्लिसिटी के जरिए। पब्लिसिटी पर केजरीवाल जमकर इंवेस्ट कर रहे हैं। लेकिन यह देशहित में नहीं है।

कांग्रेस को चंदा देने देने वालों को डरा रखा, पार्टी को बिना साधनों के लड़ना होगा
गहलोत ने कहा- कांग्रस के सामने चैलेंज बहुत बड़ा है। बिना साधनों के कांग्रेस को लड़ाई लड़नी पड़ेगी। केंद्र सरकार ने दबाव बना रखा है कि कोई चंदा नहीं देगा। दानदाताओं को डरा रखा है। ये फासिस्ट लोग हैं, ये लोकतंत्र की हत्या कर रहे हैं।

कई राज्यों में कानून का राज नहीं रह गया
गहलोत ने कहा- इनका कानून के राज में भी यकीन नहीं है। कई राज्यों में तो कानून का राज नहीं रह गया है। यूपी, उत्तराखंड, दिल्ली में हेट स्पीच को लेकर तो सुप्रीम कोर्ट ने क्या क्या नहीं कहा। हेट स्पीच को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा है कि सरकारें खुद आगे बढ़कर एफआईआर करें, लेकिन इनका इनका ज्यूडिशिरी में विश्वास नहीं है।

खड़गे के अध्यक्ष बनने से दलित-पिछड़ों का विश्वास जमा, पार्टी को फायदा होगा
खड़गे के अध्यक्ष बनने से दलित वोटों के फायदे के सवाल पर गहलोत ने कहा- एक दलित वर्ग के नेता को कांग्रेस अध्यक्ष बनने का मौका मिला है। इससे कांग्रेस को फायदा होगा। पूरे दलित वर्ग के लोगों में विश्वास जमा है। उनका अध्यक्ष बनना मायने रखता है। दलित वर्ग , पिछड़े वर्ग का फायदा मिलेगा। खड़गे साहब का व्यक्तित्व और अनुभव ऐसा है कि उनसे हर वर्ग आदमी जुड़ेगा और पार्टी को फायदा होगा।

राजस्थान में 6 नए जिले बना सकती है सरकार:24 जिलों से 60 क्षेत्र दावेदार; रामलुभाया कमेटी की रिपोर्ट पर होगा फैसला

चुनावी साल में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत राजस्थान में पांच से छह नए जिले बनाने की घोषणा कर सकते हैं। नए जिलों के गठन पर सिफारिश के लिए रिटायर्ड आईएएस रामलुभाया की अध्यक्षता में बनाई गई कमेटी की रिपोर्ट आने में दो महीने की देरी के आसार हैं। दिसंबर तक कमेटी अपनी रिपोर्ट सरकार को दे सकती है, जिसमें प्रदेश के 60 अलग-अलग जगहों को जिला बनाने की मांग पर कमेटी अपना मत देगी।