अच्छी ड्रॉइंग करने वालों के लिए 7 करिअर ऑप्शंस:फैशन डिजाइनर से लेकर एनिमेटर तक बन सकते हैं

आपका हाथ बढ़िया है

क्या आपके आस-पास कोई ऐसा व्यक्ति है जो बहुत अच्छा ड्रॉ कर सकता है लेकिन वह अपने पसंद के क्षेत्र में कोई प्रॉपर करिअर चॉइस नहीं बना पा रहा है?

हम में से कई लोगो के पास ड्रॉइंग, पेंटिंग, सिंगिंग कोई म्यूजिक इंस्ट्रूमेंट बजाने आदि की प्रतिभा होती है, लेकिन कई बार माता-पिता बच्चों को इन प्रतिभाओं को इसलिए नहीं निखारने देते कि इनसे इनकम प्राप्त करना मुश्किल होता है या उन्हें उस फील्ड में करिअर की गुंजाइश नहीं दिखती।

आज मैं आपको एक ऐसी ही प्रतिभा – ड्रॉइंग – से सम्बंधित करिअर ऑप्शंस के बारे में बताऊंगा। तैयार हैं?

अच्छी ड्रॉइंग स्किल वालों के लिए 7 करिअर ऑप्शंस

1) फैशन डिजाइनर या टेक्सटाइल डिजाइनर

A) फैशन डिजाइनर अपने ग्राहकों के लिए CAD प्रोग्राम का उपयोग करके, या हाथ से ड्राइंग करके, नई-नई डिजाइन्स का निर्माण करते हैं। (CAD अच्छा चलाने हेतु भी ड्रॉइंग सेंस अच्छा होना चाहिए)

B) एक हाई-एन्ड फैशन डिजाइनर आमतौर पर हाथ से विस्तृत, अभिनव डिजाइन तैयार करता है। अधिकांश फैशन डिजाइनर परिधान कंपनियों के लिए काम करते हैं जो रनवे शो, हाई-एंड ब्रांड और मौसमी रुझानों से प्रेरणा लेकर बड़े पैमाने पर कपड़े का उत्पादन करती हैं।

C) वे नए सीजन के संग्रह को हाथ से स्केच करना शुरू कर सकते हैं, लेकिन अक्सर खरीदारों और कॉस्ट्यूम प्रोडक्शन डेवलपमेंट टीम को दिखाने के लिए CAD प्रोग्राम में अपने डिजाइन को अंतिम रूप देना पड़ता है। फैशन डिजाइनर अपने डिजाइनों में इस्तेमाल के लिए रंगों और कपड़ों का चयन भी करते हैं।

D) कपड़ा डिजाइनर हाथ से चित्रण या CAD सॉफ्टवेयर का उपयोग करके दोहराए गए डिजाइन विकसित करते हैं।

E) वे अक्सर स्वतंत्र आधार पर काम करते हैं लेकिन एक कपड़ा निर्माता या परिधान ब्रांड द्वारा एम्प्लॉय भी किए जा सकते हैं।

फैशन डिजाइनिंग की शिक्षा के लिए कुछ प्रमुख इंस्टीटूट्स नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन, पर्ल अकेडमी, आर्मी इंस्टिट्यूट ऑफ फैशन डिजाइन इत्यादि है।

2) कार्टूनिस्ट: यदि आप अच्छा ड्रॉ कर सकते हैं पॉलिटिकली और सोशली अवेयर हैं तो आप कार्टूनिंग में करिअर बना सकते हैं।

A) कार्टूनिस्ट राजनीतिक, विज्ञापन, हास्य और खेल कार्टून बनाते हैं। कुछ कार्टूनिस्ट एक टीम के साथ काम कर सकते हैं जिसमें वे दूसरों के विचारों को आकर दे सकते हैं या कैप्शन लिखते हैं।

B) ड्राइंग कौशल के अलावा, अधिकांश कार्टूनिस्टों में हास्य, आलोचना, पॉलिटिकली और सोशल अवेयरनेस और एक अच्छा जनरल नॉलेज होना चाहिए।

C) पहले कार्टूनिस्ट के पास कॉमिक्स में डिजाइन करने का एक अच्छा करिअर ऑप्शन अवेलबल था, लेकिन पिछले दिनों डिजिटल मीडिया और टीवी के बढ़ने के बाद अब कॉमिक्स के क्षेत्र में स्कोप कम है, हालांकि उसकी कमी एनिमेशन के क्षेत्र द्वारा पूरी की गई है।

3) एनिमेटर: एनिमेटर्स कार्टून, वीडियो गेम और एनिमेटेड फिल्मों के लिए मूविंग इमेज बनाते हैं। वे अक्सर हाथ से चित्र बनाने के साथ शुरू करते हैं, लेकिन पात्रों और कहानियों के लिए दो और तीन आयामी एनिमेशन बनाने के लिए कंप्यूटर सॉफ्टवेयर और ग्राफिक्स का उपयोग करते हैं।

A) एनिमेटर चरित्र, फोरग्राउंड, बैकग्राउंड और किसी भी अन्य चलती वस्तुओं सहित एनीमेशन के हर पहलू को चित्रित करने के लिए जिम्मेदार होते हैं।

B) कलाकार डिजाइन अवधारणा को विकसित करने, स्टोरीबोर्ड बनाने और क्रिएटिव या प्रोडक्शन टीमों को विचार प्रस्तुत करने का काम करते हैं।

C) फिर क्रिएटिव टीम तब इंडिविजुअल इमेजेस को एक मूविंग इमेज और विसुअल इफेक्ट में विकसित करती है।

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन अहमदाबाद, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फिल्म एंड फाइन आर्ट्स कोलकाता, सेंट जेवियर्स कॉलेज कोलकाता, माया इंस्टीट्यूट, अरीना एनिमेशन के अलावा IIT बॉम्बे भी एनिमेशन में एक पोस्ट ग्रेजुएट प्रोग्राम प्रदान करता है।

4) आर्ट कमिशन: यदि आप अच्छा ड्रॉ /पेंट कर सकते है तो आप दूसरों के लिए आर्ट पीसेस को कमीशन कर सकते हैं अर्थात धन लेकर ग्राहक की मर्जी के अनुसार पेंट कर सकते हैं। आप अपने ड्रॉइंग्स और पेंटिंग्स की ऐग्जीबिशन भी लगा सकते हैं। आज कल कई वेबसाइट्स उपलब्ध हैं जो ऑनलाइन कमीशन करने में मदद करती है।

5) ग्राफिक डिजाइनर: ग्राफिक डिजाइनर कपड़ों, वेबसाइटों, प्रिंट मीडिया, ऐडवर्टाइजमेंट और लोगो के लिए व्यक्तिगत, मूल चित्र बनाते हैं। वे उस ब्रांड के बारे में ज्ञान प्राप्त करते हैं जिसके लिए वे डिजाइन कर रहे हैं और यह सुनिश्चित करते हैं ग्राफिक सामंजस्यपूर्ण और दृष्टिगत रूप से मनभावन हो।

A) ग्राफिक डिजाइनर मुख्य रूप से CAD प्रोग्राम में काम करता है ताकि ग्राफिक को आवश्यक प्रिंट मीडियम पर आसानी से उपयोग किया जा सके, लेकिन कई बार वे हाथ से ड्रॉइंग से शुरू कर सकते हैं।

B) वे सरल, लेकिन ध्यान देने योग्य तरीके से रंग प्रदर्शित करने के लिए रचनात्मकता का उपयोग करते हैं, क्योंकि छपाई अक्सर आठ या उससे कम रंगों तक सीमित होती है।

C) विज्ञापन डिजाइन (एडवर्टाइजमेंट) इस क्षेत्र की स्पेशल फील्ड है जिसमें डिजाइनर डिजिटल और प्रिंट प्रकाशनों में विज्ञापन के लिए उपयोग करने के लिए सम्मोहक छवि बनाने के लिए चित्र, सुलेख, फोटोग्राफी और ग्राफिक डिजाइन का उपयोग करते हैं।

इस क्षेत्र के प्रमुख इंस्टीट्यूट्स में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ़ डिज़ाइन, सिम्बायोसिस इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन, पर्ल अकेडमी, एलपीयू, इत्यादि है।

6) आर्ट टीचर: आज कल आर्ट टीचर्स की जरूरत ऊपर बताए गए इंस्टीट्यूट्स से लेकर स्कूल्स में भी जगह होती है। आर्ट टीचर छात्रों को विभिन्न प्रकार की आर्ट विधियों के बारे में सिखाने के लिए प्राथमिक से लेकर कॉलेज तक सभी शिक्षा स्तरों पर काम करते हैं। आर्ट टीचर ड्राइंग, पेंटिंग और मूर्तिकला के माध्यम से सेल्फ-एक्सप्रेशन करना सिखाते हैं। किसी अच्छी युनिवर्सिटी से फाइन या विजुअल आर्ट में डिग्री वाले व्यक्तियों को आर्ट टीचर के पद पर प्राथमिकता दी जाती है।

7) आर्किटेक्ट एवं इंटीरियर डिजाइनर: आर्किटेक्ट एक घर के एक छोटे से कमरे से लेकर पूरे शहर तक के पैमाने पर काम करते हैं। एक अच्छा आर्किटेक्ट मुर्दा ईंटों में जान डाल सकता है, और वहीं एक बेकार आर्किटेक्ट, अच्छी-भली साइट को बर्बाद कर सकता है!

A) इंटीरियर डिजाइनर घरों, व्यवसायों और सार्वजनिक भवनों में सुंदर और कार्यात्मक इनडोर स्थान बनाते हैं।

B) वे नई या मौजूदा इमारतों पर कार्य करते हैं। वे कमरे के लेआउट बनाते हैं।

C) एक बड़ी परियोजना में कस्टम-डिजाइन फर्नीचर शामिल हो सकता है, जिसे कस्टम निर्माण कंपनियों के साथ साझेदारी करके निष्पादित करने के लिए इंटीरियर डिजाइनर जिम्मेदार होता है। वे वांछित उपयोग के आधार पर कमरे के लिए उपयुक्त फर्नीचर डिजाइन करते हैं।

भारत में आर्किटेक्चर में ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन लेवल पर आईआईटी सहित कई अच्छे निजी और सार्वजानिक इंस्टीटूट्स उपलब्ध है, जैसे NID अहमदाबाद, जे जे स्कूल ऑफ आर्ट्स मुंबई, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ़ आर्ट एंड डिज़ाइन, पर्ल अकेडमी इत्यादि प्रमुख है।