देश में साल 2022 में ईवी की बिक्री का आंकड़ा 10 लाख पर पहुंच गया। यह 2021 की तुलना में तीन गुना से भी ज्यादा है। हाल ही में आए आर्थिक सर्वेक्षण में सरकार का अनुमान है कि देश में इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या साल 2030 तक 1 करोड़ को पार कर जाएगी, साथ ही इससे जुड़ी प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष नौकरियों की संख्या भी लगभग 5 करोड़ से ज्यादा होने की उम्मीद है। ईवी और हायरिंग सेक्टर से जुड़े एक्सपर्ट्स का भी मानना है कि ईवी सेक्टर देश में नौकरियों का एक प्रमुख स्रोत बन सकता है।
ईवी सेक्टर में लाखों नए कौशल की जरूरत होगी
सरकार की कोशिश है कि 2030 तक कुल वाहनों की बिक्री में ईवी की हिस्सेदारी 30% हो जाए। वाहनों की बढ़ती संख्या से ओरिजनल इक्विपमेंट मैन्युफैक्चरर्स और कंपोनेंट कंपनियों का एक विशाल इकोसिस्टम निर्मित होगा। इनसे जुड़े क्षेत्रों में लाखों नए कौशल की भी जरूरत होगी।
विषय जॉब डिमांड
- साइंटिफिक रिसर्च केमिकल एंड मटेरियल इंजीनियर
- डिजाइन एंड डेवलपमेंट इलेक्ट्रिकल इंजी., कमर्शियल डिजाइनर
- सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट सॉफ्टवेयर इंजी., मशीन लर्निंग, एआई
- मैन्युफैक्चरिंग इक्विपमेंट असेंबलर, मशीन टूल ऑपरेटर
- मेंटेनेंस मैकेनिक, टेक्नीशियन,
- इन्फ्रास्ट्रक्चर इलेक्ट्रीशियन, पावरलाइन इंस्टालर
भारत में 10 साल में 80.71% की दर से बढ़ी ईवी इंडस्ट्री
भारत में साल 2013 में महज 2,693 इलेक्ट्रिक वाहन बिके थे। 2022 में यह आंकड़ा बढ़कर 9,99,949 हो गया। यानी इस दौरान ईवी की बिक्री सालाना औसतन 80.71% की दर से बढ़ी।
साल | बिक्री | ग्रोथ |
2013 | 2,693 | — |
2014 | 2,392 | -11.12% |
2015 | 7,772 | 224.95% |
2016 | 49,065 | 531.22% |
2017 | 86,120 | 75.52% |
2018 | 1,27,576 | 48.13% |
2019 | 164377 | 28.85% |
2020 | 122171 | -25.68% |
2021 | 325972 | 166.82% |
2022 | 1009474 | 209.68% |
कुल | 1,897,612 |