जो राम का नहीं…वो किसी काम का नहीं:नवणीत राणा का उद्धव पर तंज; NCP ने EC के फैसले को स्वीकार करने की दी सलाह

इलेक्शन कमीशन (EC) ने एकनाथ शिंदे गुट को असली शिवसेना मान लिया है। EC ने शुक्रवार शाम को शिंदे गुट को शिवसेना का नाम और तीर-कमान का निशान इस्तेमाल करने की इजाजत दे दी। इस बीच महाराष्ट्र के अमरावती से भाजपा सांसद नवनीत राणा ने उद्धव ठाकरे पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा- जो राम का नहीं, हनुमान का नहीं, वो किसी काम का नहीं। एक निजी टीवी चैनल से बात करते हुए नवणीत ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को जमीनी स्तर का नेता बताया।

भाजपा सांसद नवणीत ने आगे कहा कि शिंदे जमीनी स्तर पर बाल ठाकरे के साथ रहे हैं। वे पूरी तरह से शिवसेना के निशान और उसकी विरासत के हकदार हैं। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि एक बार जब कोई पार्टी टूट जाती है, तो 90% नए गुट के साथ चले जाते हैं और EC को नए गुट को पार्टी का नाम और चिन्ह देना पड़ता है।

शरद पवार बोले- चुनाव आयोग के फैसले को स्वीकार करें उद्धव
दूसरी तरफ NCP प्रमुख शरद पवार ने भी उद्धव ठाकरे को चुनाव आयोग के फैसले को स्वीकार करने की सलाह दी है। उन्होंने कहा कि जब कोई फैसला आ जाता है, तो चर्चा नहीं करनी चाहिए। इसे स्वीकार करें, नया चिह्न लें। इससे (पुराना चिह्न खोने से) कोई फर्क नहीं पड़ेगा। हालांकि, NCP नेता अजित पवार ने आयोग के इस फैसले को अप्रत्याशित बताया है। अजीत पवार ने पूछा कि EC ने फैसला सुनाने में जल्दबाजी क्यों की।

उद्धव ने MP-MLAs की मीटिंग बुलाई
उधर, पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने आज पार्टी की बैठक बुलाई है। इस बैठक में सभी विधायक, सांसद और नेता शामिल होंगे। यह बैठक मातोश्री में दोपहर एक बजे होगी। उद्धव ने चुनाव आयोग के फैसले पर नाराजगी जताई है। उन्होंने शुक्रवार को भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लाल किले से लोकतंत्र के अंत की घोषणा करनी चाहिए। इसके अलावा उद्धव ठाकरे ने यह भी ऐलान किया है कि वे चुनाव आयोग के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएंगे।

EC ने कहा- शिवसेना का मौजूदा संविधान अलोकतांत्रिक
इलेक्शन कमीशन ने शुक्रवार को पाया कि शिवसेना का मौजूदा संविधान अलोकतांत्रिक है। उद्धव गुट ने बिना चुनाव कराए अपनी मंडली के लोगों को अलोकतांत्रिक रूप से पदाधिकारी नियुक्त करने के लिए इसे बिगाड़ा।

कमीशन ने यह भी पाया कि शिवसेना के मूल संविधान में अलोकतांत्रिक तरीकों को गुपचुप तरीके से वापस लाया गया, जिससे पार्टी निजी जागीर के समान हो गई। इन तरीकों को 1999 में EC नामंजूर कर चुका था। पार्टी की ऐसी संरचना भरोसा जगाने में नाकाम रहती है। इसी के साथ महाराष्ट्र में शिवसेना से अब उद्धव गुट की दावेदारी खत्म मानी जा रही है।

शिंदे ने कहा- यह लोकतंत्र की जीत है
EC के फैसले पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा- यह हमारे कार्यकर्ताओं, सांसदों, विधायकों, जनप्रतिनिधियों और लाखों शिवसैनिकों सहित बालासाहेब और आनंद दीघे की विचारधाराओं की जीत है। यह लोकतंत्र की जीत है।

उन्होंने कहा- यह देश बाबासाहेब अंबेडकर की ओर से तैयार किए गए संविधान पर चलता है। हमने उस संविधान के आधार पर अपनी सरकार बनाई। चुनाव आयोग का आज जो आदेश आया है, वह मेरिट के आधार पर है। मैं चुनाव आयोग का आभार व्यक्त करता हूं।

फडणवीस बोले- हम पहले दिन से आश्वस्त थे
महाराष्ट्र उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा- CM एकनाथ शिंदे की शिवसेना को शिवसेना का चिन्ह और नाम मिला है। असली शिवसेना एकनाथ शिंदे की शिवसेना बनी है। हम पहले दिन से आश्वस्त थे, क्योंकि चुनाव आयोग के अलग पार्टियों के बारे में इसके पहले के निर्णय देखे तो इसी प्रकार का निर्णय आए हैं।