विरोधी सुरों के बाद हुड्‌डा भी निकले डोर-टू-डोर:अपने गढ़ को मजबूत करने में जुटे, रोहतक के 17 गांवों में 3 दिन करेंगे जनसंपर्क

हरियाणा कांग्रेस में चल रही गुटबाजी के बीच पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्‌डा अपने गढ़ कहे जाने वाले जाटलैंड को मजबूत करने जा रहे हैं। जाटलैंड में रोहतक, झज्जर और सोनीपत का इलाका आता है। कुछ समय से हरियाणा में हुड्‌डा विरोधी खेमे से ताल्लुक रखने वाले कांग्रेसी नेता हुड्‌डा को उन्हीं के घर यानि रोहतक में घेरने की कोशिश में लगे हैं। हुड्‌डा नहीं चाहते कि डेढ़ साल बाद होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले उन्हें किसी तरह की चुनौती मिले, इसलिए वह अपने गढ़ को मजबूती देने जा रहे हैं।

हरियाणा कांग्रेस में हुड्‌डा के विरोधी नेता उनके खिलाफ एकजुटता दिखाते रहे हैं। रणदीप सिंह सुरजेवाला, कुमारी शैलजा, किरण चौधरी और कुछ अन्य कांग्रेसी नेता हुड्डा पर निशाना साधते रहे हैं। ऐसे में हुड्‌डा ने अपने गढ़ को मजबूत करने के लिए डोर-टू-डोर जाने का फैसला किया है।

हुड्‌डा को इसलिए पड़ी जरूरत
दरअसल कांग्रेस की पूर्व सांसद और छत्तीसगढ़ की पार्टी प्रभारी कुमारी शैलजा 4 मार्च को रोहतक पहुंची थी। उनके इस प्रोग्राम में हुड्‌डा विरोधियों को ही मंच पर जगह दी गई। हुड्‌डा और उनके करीबियों को कार्यक्रम में बुलाया तक नहीं गया। कार्यक्रम में शैलजा ने हुड्‌डा का नाम लिए बगैर उन पर निशाना साधा।

शैलजा ने कहा कि वर्करों और नेतृत्व से पार्टी मजबूत होती है। हरियाणा में लंबे समय से कांग्रेस का संगठन नहीं है और यह एक तरह से शीर्ष नेताओं की नाकामी रही। एक व्यक्ति से पार्टी कभी मजबूत नहीं हो सकती है। शैलजा ने यहां तक कह दिया कि हरियाणा में कांग्रेस पार्टी का संगठन नहीं होने की वजह से 2019 के चुनाव में पार्टी जीत नहीं पाई।

3 दिन जनसंपर्क अभियान

पहले राज्यसभा चुनाव और फिर आदमपुर उपचुनाव में हुई कांग्रेस की हार के बाद हुड्‌डा विरोधियों के निशाने पर हैं। हुड्‌डा भी विरोधियों की रणनीति को समझते हैं इसलिए उन्होंने काउंटर स्ट्रेटेजी के तौर पर अपने किले को मजबूत करने पर काम शुरू कर दिया है। इसके तहत वह तीन दिन रोहतक के अलग-अलग गांवों में जनसंपर्क अभियान चलाएंगे। 10 मार्च, 11 मार्च और 14 मार्च को होने वाले इस अभियान में हुड्‌डा 17 गांवों को कवर करेंगे। इन गांवों में उनके कार्यक्रम निर्धारित किए जा चुके हैं।

कृष्णमूर्ति कर चुके चुनाव लड़ने की घोषणा

रोहतक से ही ताल्लुक रखने वाले कांग्रेसी नेता और हरियाणा के पूर्व मंत्री कृष्णमूर्ति हुड्‌डा पूर्व CM भूपेंद्र सिंह हुड्‌डा पर निशाना साधते रहे हैं। वह हुड्‌डा पर लोगों की अनदेखी करने और इलाके का विकास नहीं करवाने के आरोप लगाते रहे हैं। कुछ समय पहले कृष्णमूर्ति हुड्‌डा ने ऐलान किया था कि वह 2024 के विधानसभा चुनाव में भूपेंद्र सिंह हुड्‌डा के सामने चुनाव लड़ेंगे।

पंजाबी समुदाय की अनदेखी का आरोप

किसी समय हुड्‌डा के साथी रहे हरियाणा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री सुभाष बत्रा भी उनके खिलाफ मोर्चा खोल चुके हैं। बत्रा ने हुड्‌डा पर पंजाबी समुदाय की अनदेखी करने का आरोप लगाया। बत्रा के अनुसार, कांग्रेस की स्टेट लीडरशिप को अभी भी सद्बुद्धि नहीं हैं और इसी वजह से प्रदेश में चार-चार कार्यकारी अध्यक्ष बनाए गए हैं। हरियाणा में जनसंख्या के हिसाब से जाट समुदाय के बाद पंजाबी दूसरे स्थान पर आते हैं लेकिन हुड्डा ने कार्यकारी अध्यक्ष के पद पर अपने चहेतों को बैठाया। पंजाबी समुदाय ने ही हुड्‌डा को इस मुकाम तक पहुंचाया मगर वह आज इसे भूल चुके हैं।