फतेहाबाद का बेटा झारखंड में बना सेशन जज:भूपेश कुमार ने लॉकडाउन में यूट्यूब से की तैयारी; ऑल इंडिया में छठा रैंक हासिल किया

लिखे जाते हैं मेहनत की स्याही से जिनके इरादे, नहीं होते हैं कभी खाली पन्ने उनकी किस्मत में। यह कहावत फतेहाबाद के जाखल में एक परिवार के बेटे ने सच साबित करके दिखाई है। छोटे से परिवार से जन्मे भूपेश कुमार का चयन झारखंड में सेशन जज के रूप में हुआ है।

भूपेश कुमार के जज बनने की सूचना मिलने पर जाखल शहर के साथ-साथ आसपास के क्षेत्र में खुशी की लहर है और उनके घर बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है। यह उपलब्धि इसलिए भी खास है क्योंकि लॉकडाउन में जब पूरा देश एक तरह से बंद था तब भूपेश यू-ट्यूब जैसे माध्यम से अपनी पढ़ाई व तैयारी पूरी करने में जुटे थे। उन्होंने इस उपलब्धि का श्रेय अपने माता-पिता सुदर्शन खुराना व धर्मपत्नी अंजू को दिया।

ऐसे शुरू हुआ सफर
भूपेश कुमार का जन्म 7 मार्च 1981 को जाखल की नई बस्ती में एक आम परिवार में हुआ। उन्होंने अपनी दसवीं तक की शिक्षा सरकारी स्कूल में और फिर परिवार की जरूरतें देखते हुए 2500 रुपए में नौकरी शुरू कर दी। साथ-साथ पढ़ाई चलती रही और 12वीं पास की। 2004 में बीए पास करने के बाद 2005 में उन्होंने राजस्थान के एक कॉलेज से लॉ की पढ़ाई शुरू कर दी। 2008 में लॉ की डिग्री लेने के बाद अब वे 15 वर्षों तक संगरूर में बतौर वकील अपनी सेवाएं दे रहे थे।

अपनी वकालत के साथ-साथ वे जज बनने के लिए भी तैयारी कर रहे थे। कई दफा उन्होंने जज के लिए परीक्षा दी, लेकिन सफलता से चूक जाते। 2022 में एक बार फिर उन्होंने रांची में परीक्षा दी। कुल 2300 वकीलों में से 66 का इंटरव्यू हुआ और 13 का चयन हुआ। इनमें हरियाणा से 3 वकील शामिल थे। उनमें ही जाखल के भूपेश कुमार का नाम शामिल था, जिन्होंने ऑल इंडिया में छठा रैंक हासिल किया।

लॉकडाउन का फायदा उठाया
भूपेश कुमार ने बताया कि लॉकडाउन में जब पूरा देश थम सा गया और लोग घरों में कैद थे, तब उन्होंने यू-ट्यूब से शिक्षा जारी रखी। हालांकि वे पहले भी जज बनने के लिए परीक्षा दे चुके थे, इसलिए उन्हें विषय आदि सब क्लियर थे।