एशियन पैरा गेम्स में पहुंची पानीपत की बहू:हरियाणा से इकलौती महिला खिलाड़ी सुमन वेट लिफ्टिंग में दिखाएगी दमखम; 2 बच्चों की मां

एशियन गेम्स 2023 में देश के खिलाड़ियों ने अपना परचम लहराया है। अब 22 अक्टूबर से चीन के पैरा एशियन गेम्स होने जा रही हैं। इन गेम्स में पानीपत के सिवाह गांव की बहू सुमन अपना जौहर दिखाएगी। एशियन पैरा गेम्स में सुमन का वेट लिफ्टिंग में चयन हुआ है।

सुमन का पैरा एशियाई गेम में चयन होने के बाद परिवार और गांव में खुशी का माहौल है। घर बधाई देने आने वालों का तांता लगा हुआ है। परिवार को सुमन से पूरी उम्मीद है कि वह देश के लिए गोल्ड मेडल लेकर ही वापस लौटेंगी। सुमन हरियाणा से पैरा एशियाई गेम्स में भाग लेने वाली इकलौती महिला खिलाड़ी हैं।

वॉलीबॉल छोड़कर चुना वेट लिफ्टिंग
सुमन ने 2021 में ही वेट लिफ्टिंग की तैयारी करना शुरू किया था, लेकिन सुमन की मेहनत और लगन की वजह से वह बहुत की कम समय में इस मुकाम पर पहुंच गई और एशियन गेम्स में उसका सलेक्शन हुआ। सुमन दिल्ली से चीन के रवाना हो गई हैं। 22 अक्टूबर को सुमन एशियाई खेलों में हिस्सा लेंगी।

पति ने बढ़ाया हौसला
सुमन ने फोन पर हुई बातचीत ने बताया की पति प्रदीप का साथ मिलने से कुछ कर दिखाने की प्रेरणा मिली। शुरुआत में वह वॉलीबॉल गेम खेलती थी। करीब तीन साल तक उन्होंने वॉलीबॉल का गेम खेला और गोल्ड मेडल के साथ कई मेडल भी जीते हैं। एक दिन वह अपने पति प्रदीप के साथ वॉलीबॉल प्रतियोगिता में गई थी। जब उनके पति ने उनसे वेट उठवा कर देखा तो पहली बार में काफी वेट उठा लिया। तभी प्रदीप को एहसास हुआ कि वह वेट लिफ्टिंग में नए आयाम स्थापित कर सकती हैं और बहुत आगे तक बढ़ सकती है।

जिम में भी सुमन ही इकलौता महिला करती थी प्रैक्टिस
सुमन के अधिक वेट उठाए जाने से बनी उम्मीदों के बाद पति प्रदीप ने सुमन को गांव की ही जिम में ट्रेनिंग करवाना शुरू कर दिया। लगातार बेहतर होता देख उनके कोच को भी लगा कि आने वाले समय में कुछ बेहतर होने वाला है। सुमन की लगन के साथ वह भी उसका साथ देते रहे। जिम में एकमात्र महिला सुमन ही प्रैक्टिस किया करती थी। आज पैरा एशियाई गेम में हरियाणा को रिप्रजेंट करने वाली भी वह अकेली महिला खिलाड़ी बनी हैं।

दो बच्चों की मां सिलाई भी सिखाती थी
सुमन गृहणी है और वह पैरों से दिव्यांग है। दो बच्चों की मां है। सुमन शुरुआत में अपना सिलाई सेंटर भी चलती थी और दूसरी लड़कियों को भी सिलाई की ट्रेनिंग देती थी। इसी के साथ-साथ उन्होंने अपना खेलों में करियर चुना और अब अपनी मेहनत के बल पर इंटरनेशनल लेवल तक पहुंच गई हैं।