PFI का चेहरा बेनकाब, दहशत का माहौल बनाने के आरोप में अब तक यूपी में 123 सदस्य गिरफ्तार

पापुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआइ) का चेहरा देश के सामने बेनकाब हो गया है। लखनऊ में मंगलवार शाम गिरफ्तार पीएफआइ के कमांडर केरल निवासी अन्सद बदरुद्दीन और केरल के ही निवासी फिरोज खान के खौफनाक मंसूबे जान सुरक्षा एजेंसिंयों के कान खड़े कर दिए हैं। आतंकी हमलों को अंजाम देने के साथ  इनके निशाने पर हिंदूवादी संगठनों के नेता थे, जिनकी हत्या कर देश में दहशत का माहौल बनाना था। इसे देखते हुए उत्तर प्रदेश में अलर्ट जारी कर दिया है। आशंका है कि इस पूरी वारदात को अंजाम देने के लिए विदेश से फंडिंग भी की गई है।

उत्तर प्रदेश में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध में हिंसा फैला चुके पीएफआइ के 123 सदस्यों को अब तक गिरफ्तार किया जा चुका है। जम्मू-कश्मीर की तर्ज पर उपद्रवियों ने यूपी में भी पत्थरबाजी की घटना को अंजाम दिया गया था। लखनऊ में 23 दिसंबर 2019 को पुलिस ने हिंसा के मामले में पीएफआइ के प्रदेश अध्यक्ष वसीम अहमद समेत अन्य सदस्यों को गिरफ्तार किया था।

एडीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार ने बताया कि 17 फरवरी को पीएफआइ का स्थापना दिवस है। आशंका है कि संगठन के सदस्य कुछ गड़बड़ कर सकते हैं। इसे देखते हुए बुधवार को उत्तर प्रदेश में अतिरिक्त सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए हैं। पीएफआइ ने इंटरनेट मीडिया पर संदेश चलाकर यह भी स्वीकार किया है कि मथुरा में पकड़े गए सीएफआइ सदस्य हाथरस जा रहे थे। इससे इस संगठन के मंसूबे जाहिर होते हैं। लखनऊ व आसपास के जिलों में सक्रिय पीएफआइ व सीएफआइ के कई सक्रिय सदस्य एक बार फिर पुलिस व खुफिया एजेंसियों के निशाने पर आ गए हैं। एसटीएफ अब उन युवकों के बारे में जानकारी कर रही है, जिन्हें विस्फोट दिया गया था।

बता दें कि पीएफआइ के कमांडर केरल निवासी अन्सद बदरुद्दीन और फिरोज खान को मंगलवार शाम कुकरैल तिराहे के पास से स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने गिरफ्तार किया गया है। इनके पास से हाई एक्सप्लोसिव डिवाइस, पिस्टल, कारतूस बरामद किया गया है। दोनों से पूछताछ में सामने आया है कि देश के विभिन्न हिस्सों में एक-साथ आतंकी हमले की साजिश थी। दोनों आरोपित सूबे में वसंत पंचमी के मौके पर धमाकों की योजना में शामिल थे। फिरोज युवकों को हथियार चलाने व बम बनाने की ट्रेनिंग देता था। उनके पास से हिंदूवादी संगठनों के प्रमुख व बड़े नेताओं की सूची भी मिली है। कई दस्तोवज मलयालम भाषा में हैं। दोनों लखनऊ आने के बाद कुछ युवकों को विस्फोटक बांट भी चुके थे। दोनों आरोपितों के विरुद्ध थाना एसटीएफ, लखनऊ में एफआइआर दर्ज की गई है।