यूपी के दिग्गज चुनावी मिशन पर:मध्यप्रदेश-राजस्थान में योगी-केशव की डिमांड, भोपाल में ब्रजेश पाठक ने डाला डेरा; बढ़ी सरगर्मी

यूपी का सियासत से गहरा नाता है। जब भी कहीं चुनावी बिसात सजती है तो उस पर यूपीवालों की न सिर्फ निगाहें टिकी रहती हैं, बल्कि देश के इस सबसे बड़े सूबे के सियासतदां भी सक्रिय नजर आते हैं। एमपी, छत्तीसगढ़ से लेकर राजस्थान के चुनावों में यूपी के दिग्गज चेहरों को अहम जिम्मेदारी सौंपी गई है, जिनकी सक्रियता से चुनावी राज्यों की सरगर्मी में भी इजाफा हो गया।

यूपी के सियासी दिग्गजों की सक्रियता- चुनावी राज्यों में बढ़ी सरगर्मी
देश में इन दिनों पांच राज्यों छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, राजस्थान, तेलंगाना और मिजोरम में चुनावी प्रक्रिया जोश-ओ-खरोश से चल रही है। इनमें से मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में बीजेपी और कांग्रेस द्विध्रुवीय मुकाबले में हैं। इन तीनों हिन्दीभाषी राज्यों में यूपी के नेताओं-मंत्रियों और पार्टी पदाधिकारियों की मौजूदगी चुनावी सरगर्मी में इजाफा कर रही है।

राजस्थान में कांग्रेस की सहयोगी रालोद ने भी यूपी के अपने नेताओं को चुनावी अभियान में जुटा दिया है। यूं तो यूपी से जुड़े कांग्रेस और सपाई दिग्गजों को मध्यप्रदेश और राजस्थान में खासतौर से सक्रिय किया जा रहा है, लेकिन इन राज्यों के चुनावी मिशन में यूपी के नेताओं-मंत्रियों-प्रवक्ताओं की फौज उतारकर बीजेपी ने अपने आक्रामक चुनावी तेवरों का इजहार कर दिया है।

सीएम योगी डिमांड ज्यादा, दोनों डिप्टी सीएम भी संभाले हैं प्रचार की कमान
यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ की सभाओं और रैलियों की मांग तो उन पांचों में राज्यों में है जहां चुनाव हो रहे हैं। योगी के साथ ही डिप्टी सीएम और ग्राम्य विकास मंत्री केशव प्रसाद मौर्य का नाम छत्तीसगढ़ के बीजेपी के चालीस स्टार प्रचारकों की सूची में शामिल है।

राजस्थान में गहलोत सरकार के खिलाफ जारी बीजेपी की परिवर्तन संकल्प यात्रा में भी केशव प्रसाद मौर्य अहम हिस्सा बने। प्रयागराज से नाता होने के कारण प्रयागराज मौर्य का प्रभाव सतना, रीवा, शहडोल में भी खासा है, इस पहलू का ख्याल रखकर बीजेपी ने अपनी चुनावी रैलियों का खाका बनाया है।

दूसरे डिप्टी सीएम और स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में प्रवास किए हुए हैं। पाठक के पास भोपाल नगर और ग्रामीण क्षेत्र के चुनाव प्रबंधन की जिम्मेदारी है।

यूपी के इन मंत्रियों को यूपी के बाहर कमल खिलाने की जिम्मेदारी दी गई है
योगी सरकार के जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह सतना, परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह बालाघाट, आयुष मंत्री दयाशंकर मिश्र ‘दयालु’ दतिया, श्रम एवं सेवायोजन मंत्री अनिल राजभर शिवनी, व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास राज्यमंत्री कपिलदेव अग्रवाल दमोह, महिला कल्याण बाल विकास एवं पुष्टाहार मंत्री बेबी रानी मौर्य ग्वालियर देहात और उद्यान मंत्री दिनेश प्रताप सिंह रायसेन में बीजेपी के पक्ष में माहौल बनाने के लिए मशक्कत कर रहे हैँ। सहकारिता राज्यमंत्री जेपीएस राठौर को भोपाल संभाग के 25 विधानसभा क्षेत्रों का प्रभारी बनाया गया है।

बीजेपी सांसदों और संगठन पदाधिकारियों को खासतौर से तैनात किया गया है
बस्ती से सांसद हरीश द्विवेदी ग्वालियर नगर और ग्रामीण, श्योपुर में सक्रिय हैं। राज्यसभा सदस्य लक्ष्मीकांत बाजपेई रीवा संभाग की जिम्मेदारी संभाले हुए हैं। फतेहपुर सीकरी से बीजेपी सांसद राजकुमार चाहर छतरपुर में मौजूद हैं।

पूर्व डिप्टी सीएम और राज्यसभा सांसद डॉ. दिनेश शर्मा हरदा जिले की विधानसभाओं की जिम्मेदारी संभाले हुए हैं। भिंड-मुरैना-सागर में आगरा सांसद एसपी सिंह बघेल की खासी डिमांड है। यूपी के दो सौ से ज्यादा विधायकों की चरणबद्ध ड्यूटी चुनावी राज्यों में लगाई गई।

बीजेपी संगठन पदाधिकारी और प्रदेश प्रवक्ता भी संभाले रहे प्रचार की कमान
यूपी बीजेपी के उपाध्यक्ष और नोएडा के विधायक पंकज सिंह मध्यप्रदेश के विदिशा में प्रवास किए हुए हैं। बीजेपी के प्रदेश महामंत्री गोविंद नारायण शुक्ला जयपुर में प्रदेश मुख्यालय पर तैनात हैं। राजस्थान के अजमेर, भीलवाड़ा, टोंक और नागौर संभाग के 29 विधानसभा क्षेत्रों की निगरानी का जिम्मा यूपी के पूर्व जल शक्ति मंत्री महेंद्र सिंह को सौंपा गया है।

पूर्व मंत्रियों में से नीलकंठ तिवारी को जबलपुर, सुरेश राणा को भोपाल में और सिद्धार्थनाथ सिंह को छत्तीसगढ़ में सक्रिय किया गया है। पूर्व ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा राजस्थान में प्रचार-प्रसार की जिम्मेदारी संभाले हुए हैं। इसके अलावा यूपी बीजेपी के तीन प्रदेश प्रवक्ताओं को भी चुनावी ड्यूटी में लगाया गया है। मध्य प्रदेश के लिए राकेश त्रिपाठी, छत्तीसगढ़ के लिए मनीष शुक्ला और राजस्थान के लिए आलोक अवस्थी को जिम्मेदारी सौंपी गई है।

कांग्रेस, सपा और रालोद के यूपी के दिग्गज चेहरे भी चुनावी राज्यों में सक्रिय हुए
राष्ट्रीय लोकदल के मुखिया जयंत चौधरी ने तो राजस्थान में यूपी के सभी नौ मौजूदा विधायकों की ही ड्यूटी लगा दी है। समाजवादी पार्टी की ओर से अखिलेश यादव खुद ही चुनाव प्रचार की कमान संभाले हुए हैं। फिलहाल अनुसूचित जनजाति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष व्यास जी गोंड को मध्यप्रदेश में खासतौर से सक्रिय किया है।

पार्टी सूत्रों के मुताबिक मध्यप्रदेश और राजस्थान में यूपी के कई नेता सक्रिय होंगे। यूपी कांग्रेस का तेजतर्रार चेहरा माने जाने वाले सुरेन्द्र राजपूत मध्यप्रदेश के ग्वालियर संभाग के आठ जिलों में सक्रिय हैं। वहीं, बसपा की ओर से खुद मायावती मध्यप्रदेश और राजस्थान में ताबड़तोड़ रैलियों के जरिए प्रचार की कमान संभालेंगी।

2024 के आम चुनावों के लिए भी यूपी के नेता एक्टिव मोड में
योगी 1.0 सरकार में परिवहन मंत्री रहे एमएलसी अशोक कटारिया बीजेपी के मिशन 2024 के मद्देनजर राजस्थान, गुजरात, दादर और नागर हवेली और दमन दीव में संवाद प्रभारी बनाए गए हैं। इन दोनों राज्यों और केंद्र शासित राज्यों में इलेक्शन मैनेजमेंट, प्रचार-प्रसार और केन्द्रीय नेताओं की रैलियों व सभाओं संबंधी गतिविधियों के बाबत केन्द्रीय टीम व राज्य संगठन के पदाधिकारियों के बीच संवाद स्थापित करने का काम करेंगे।

यूपी के नेताओं की दूसरे राज्यों में भूमिका के बाबत क्या कहते हैं जानकार
लखनऊ विश्वविद्यालय के पॉलिटिकल साइंस विभाग के प्रो. अमित कुशवाहा के मुताबिक राजनीतिक नजरिए से देखें तो उत्तर भारत का प्रमुख प्रदेश है। यूपी में विविधता बहुत अधिक है, जिसकी वजह से राजनीतिक समझ के मामले में परिपक्वता बहुआयामी हो जाती है।