पानीपत में निमोनिया से डेढ माह के बच्चे की मौत:परिजन सिविल अस्पताल में बनवा रहे थे पर्ची; उसी 5 मिनट में तोड़ा दम

हरियाणा के पानीपत में निमोनिया बुखार डेढ माह के मासूम बच्चे की मौत हो गई। वह 3 दिन से बुखार से पीड़ित था और उसके परिजन उसे गंभीर हालत में करनाल के घरौंडा से यहां लाए थे। परिजन सिविल अस्पताल के आपातकालीन वार्ड में पर्ची बनवा कर डॉक्टर के पास गए तो डॉक्टरों ने माता-पिता को बताया कि उनका बच्चा अब नहीं रहा। ये सुनते ही मां के पैर तले की जमीन खिसक गई। वो अस्पताल परिसर में ही रोने-बिलखने लगी।

जानकारी देते हुए सतीश ने बताया कि वह करनाल के घरौंडा का रहने वाला है। उसकी पत्नी काजल है। सतीश ने बताया कि उनका बड़ा बेटा आर्यन (ढाई साल) है। छोटा बेटा आयुष (डेढ माह) था। आयुष को 3 दिन पहले बुखार हुआ था।इसके बाद वे उसे घरौंडा के सरकारी अस्पताल ले गए थे। जहां डॉक्टरों ने बच्चे को निमोनिया बुखार होने की बात कही थी।

साथ ही दवाइयां देते हुए कहा था कि अगर, इनसे ठीक न हो, तो वे बच्चे को पानीपत सिविल अस्पताल ले जाए। वहां बच्चों के डॉक्टरों को चेक करवा लें।

अस्पताल के गेट पर पहुंचते ही हालत नाजुक
सतीश ने बताया कि दवाई से बच्चे को रात को कुछ आराम आया। लेकिन सुबह फिर से उसका तापमान बढ़ गया। वे उसे पानीपत सिविल अस्पताल ले आए। ऑटो से अस्पताल के गेट तक पहुंचने पर बच्चा ठीक ढंग से सांस ले रहा था। यहां गेट पर अचानक उसकी तबीयत और बिगड़ गई।

इसके बाद उसे वे तुरंत इमरजेंसी वार्ड ले गए। यहां पर्ची बनाने वाले कर्मचारी ने 5 मिनट का समय खराब कर दिया। जिससे बच्चे के आखिरी कीमती मिनट डॉक्टरों की देख-रेख की बजाय, पर्ची वाली लाइन में लग गए। जब बच्चे को भीतर डॉक्टर के पास ले गए, तब तक बच्चा दम तोड़ चुका था।