आज अदालत में खोली जाएगी ASI की सीलबंद रिपोर्ट:दोनों पक्षों ने हार्ड कॉपी के लिए किया आवदेन, शुल्क जमा करने पर मिलेगी प्रति

वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर में ASI के सर्वे की रिपोर्ट आज जिला जज की अदालत में खोली जाएगी। ASI की ओर से दाखिल सीलबंद रिपोर्ट को वादी-प्रतिवादी के सामने रखा जाएगा। जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की ओर से दोनों पक्ष को रिपोर्ट सौंपे जाने की संभावना है। हालांकि इसके लिए आज गाइडलाइन तय की जाएगी, जिसके बाद ज्ञानवापी का सच आज सामने आ सकता है। रिपोर्ट को सार्वजनिक करने के लिए दोनों पक्षों ने कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत होकर रिपोर्ट की हार्ड कॉपी के लिए आवेदन किया। शुल्क जमा करने के बाद दोनों को प्रति मुहैया कराई जाएगी।

गुरुवार दोपहर ज्ञानवापी की सर्वे रिपोर्ट के सार्वजनिक होने की संभावना है, लंबे समय से सीलबंद रिपोर्ट को कोर्ट के पटल पर रखा जाएगा। जिला जज के आदेश पर सील खोलकर नकल विभाग कापी को इंडेक्सिंग (सूचीबद्ध) करेगा, इसके बाद फोटोकॉपी कराकर रिपोर्ट की प्रति दी जाएगी। इसके लिए आवेदक को कोर्ट में निर्धारित फीस जमा करनी होगी, जिसके बाद सत्यापित प्रति उपलब्ध कराई जाएगी। न्यायालय का नकल विभाग, प्रमाणित प्रति की नकल देने के लिए 2 रुपये शुल्क लेता है। सभी पक्षकारों को शुल्क का भुगतान करने के बाद नकल की प्रति लिफाफे में सील बंद करके मिलेगी।

जिला जज की ओर से जारी आदेश में कहा गया कि वादी और प्रतिवादी को एएसआई द्वारा यथावत तैयार की गई सर्वे रिपोर्ट की प्रति न्यायालय में मुहैया कराएगा। सर्वेक्षण रिपोर्ट कानून के प्रावधानों और लागू नियमों के अनुसार आवेदकों को उनके अनुरोध पर प्रदान किया जा सकता है। जिला जज कोर्ट ने आदेश में कहा है कि एएसआई की सर्वेक्षण रिपोर्ट मुकदमे के दोनों पक्षों को प्रदान की जानी चाहिए ताकि वे उस रिपोर्ट के खिलाफ आपत्तियां दाखिल कर सकें। सर्वे रिपोर्ट की प्रति उपलब्ध कराए बिना आपत्ति दर्ज कराना संभव नहीं होगा। वहीं दूसरे लंबित आवेदनों के निस्तारण के लिए कोर्ट ने 6 फरवरी की तारीख निर्धारित की।

हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा, “कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुना, इसके बाद सहमति बनी कि ASI सर्वे की रिपोर्ट की हार्ड कॉपी दोनों पक्षों को दी जाएगी। इलाहाबाद हाईकोर्ट पहले ही कह चुका है कि ज्ञानवापी के मामले में पूजा स्थल अधिनियम नहीं लागू होता है, इस लिए साक्ष्यों के आधार पर आदेश देने में अदालत को कोई दिक्कत नहीं आएगी।

18 दिसंबर को जमा हुई थी रिपोर्ट

बता दें कि पहले 18 दिसंबर को ASI ने कोर्ट में सील बंद लिफाफे में स्टडी रिपोर्ट सौंपी थी। इसी दिन हिंदू पक्ष ने कोर्ट से सर्वे रिपोर्ट सार्वजनिक करने की मांग की गई थी। लेकिन मुस्लिम पक्ष ने इस पर आपत्ति जताई थी।हालांकि, बाद में मुस्लिम पक्ष ने भी कोर्ट से कॉपी सौंपने की मांग की थी। इसके बाद कोर्ट ने 3 जनवरी को सुनवाई होनी थी। मगर, उस दिन सुनवाई नहीं हुई। इसके बाद 5 जनवरी को कोर्ट में सुनवाई हुई। लेकिन कोर्ट ने सुनवाई 24 जनवरी यानी आज तक टाल दी थी।

355 साल पुराना है ज्ञानवापी विवाद

भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) की सर्वे रिपोर्ट से ज्ञानवापी के 355 वर्षों के विवाद पर विराम लगेगा। यह विवाद 1669 से चल रहा है। 33 वर्षों से मामला अदालत के विचाराधीन है। यह रिपोर्ट आज पक्षकारों को मिलने की संभावना है, फिर आगे की कानूनी लड़ाई तय होगी। हालांकि, सर्वे रिपोर्ट से समाधान की राह आसान हो जाएगी। एएसआई के सूत्रों के मुताबिक, ग्राउंड पेनेट्रेटिंग रडार (जीपीआर) तकनीक से जो साक्ष्य जुटाए गए हैं, वह वैज्ञानिक आधार पर महत्वपूर्ण साबित होंगे।

हैदराबाद के साथ यूएस के वैज्ञानिकों ने की है स्टडी

ASI ने 84 दिनों में ज्ञानवापी परिसर में GPR, फोटोग्राफ, वीडियोग्राफी समेत सभी पहलुओं पर सर्वे किया था। ASI ने 36 दिन में इसकी रिपोर्ट तैयार की। इसमें GPR रिपोर्ट तैयार करने में 30 दिन लगे। इसे अमेरिका के GPR सर्वे एक्सपर्ट ने तैयार की है। हैदराबाद के साथ अमेरिका के वैज्ञानिकों की टीम ने कई दिनों तक 10 मीटर तक गहराई का गहन अध्ययन किया गया था। फिर अमेरिका में 400 से लेकर 900 मेगाहर्ट्ज और उससे अधिक रेंज के रडार की मदद से रिपोर्ट बनाई गई।

36 दिनों तक तीन हिस्सों में तैयार हुई रिपोर्ट

ज्ञानवापी में सर्वे के बाद ASI ने तीन हिस्सों में रिपोर्ट तैयार की। पहली कॉपी ऊपरी हिस्सों में दिखने वाली आकृतियों की है, जिसमें स्थलीय बनावट, काल और समय आदि का डिटेल है। दूसरी कॉपी में जमीन के अंदर की GPR सर्वे की डिटेल को शामिल किया है। इसमें तरंगों के जरिए ग्राफ बनाया और उसके नीचे मौजूद अवशेषों का एक्स-रे किया गया। उसकी रिपोर्ट डिजिटल और ग्राफिक्स में तैयार की गई है।

तीसरी कॉपी में वीडियो-फोटोग्राफी को स्थान के साथ मार्क किया है। ज्ञानवापी में तीन स्तर पर तैयार रिपोर्ट को दिनों के अनुसार, PPT स्लाइड में तैयार किया गया है और उस दिन की प्रगति को अलग से उल्लिखित भी किया है।