ज्ञानवापी तहखाने में पूजा रोकने को लेकर आज सुनवाई:इलाहाबाद हाईकोर्ट में मुस्लिम पक्ष ने दी याचिका; 6 फरवरी को दोनों पक्षों में 2.30 घंटे हुई बहस

वाराणसी के ज्ञानवापी स्थित व्यास तहखाने में पूजा-पाठ पर रोक लगाने वाली मुस्लिम पक्ष की याचिका पर आज (सोमवार) इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई होगी। सुबह 10 बजे से जस्टिस रोहित रंजन अग्रवाल की सिंगल बेंच फ्रेश केस के तौर पर इस केस पर सुनवाई करेंगे।

यूपी सरकार को भी इसी मामले में आज अपना जवाब दाखिल करना है। अंजुमन इंतेजामिया की अपील पर न्यायाधीश ने हिंदू और मुस्लिम दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं की दलीलें सुन ली हैं। इस मसले पर 6 फरवरी को भी 2.30 घंटे तक सुनवाई और बहस भी हुई थी।

सुप्रीम कोर्ट के इनकार के बाद हाईकोर्ट में दाखिल की गई है याचिका

वाराणसी की जिला अदालत ने 31 जनवरी को ज्ञानवापी के व्यास तहखाने में व्यास परिवार को पूजा-पाठ का अधिकार दिया था। प्रशासन को पूजा कराने की व्यवस्था करने का आदेश दिया। उसी दिन शाम को मुस्लिम पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट में पूजा पर रोक लगाने वाली याचिका ऑनलाइन दायर कर दी गई थी। लेकिन उसी रात जिला प्रशासन ने पूजा-पाठ शुरू करा दिया। अगले दिन सुप्रीम कोर्ट ने तत्काल सुनवाई से इनकार करते हुए मुस्लिम पक्ष को पहले हाईकोर्ट जाने का सुझाव दिया था।

2 फरवरी को मुस्लिम पक्ष पहुंचा था हाईकोर्ट

2 फरवरी को मुस्लिम पक्ष ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर तहखाने में तत्काल पूजा पर रोक लगाने की मांग की थी। हालांकि हाईकोर्ट ने तत्काल पूजा रोकने से इनकार करते हुए मामले की अगली सुनवाई 6 फरवरी को तय की। 6 फरवरी को मामले पर सुनवाई की गई और दोनों पक्षों की दलीलें भी सुनी गई थीं।

मुस्लिम पक्ष ने अपनी दलील में क्या कहा था

6 फरवरी को सुनवाई में मुस्लिम पक्ष यानी अंजुमन इंतजामिया के वकील मुमताज अहमद ने कहा था कि व्यास तहखाना मस्जिद का हिस्सा है। यह वक्फ बोर्ड की संपत्ति है। इसलिए पूजा-पाठ की अनुमति नहीं दी जा सकती। वहीं, वाराणसी कोर्ट के फैसले के बाद मुस्लिम पक्ष के वकील मेराजुद्दीन ने कहा कि फैसला न्याय संगत नहीं है।

हिंदू पक्ष ने क्या दलीलें दी हैं

सुनवाई शुरू होते ही मंदिर पक्ष से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए अधिवक्ता हरिशंकर जैन और कोर्ट में उपस्थित अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने पक्ष रखा। उन्होंने जिला जज के आदेश को सही बताया। कहा कि वादी का व्यासजी के तहखाने में भौतिक कब्जा रहा है।

प्रशासनिक अधिकारियों और वादी की ओर से 28 नवंबर 2014 को चाबी से ताला खोलकर तल गृह से जितेंद्र नाथ व्यास की मौजूदगी में सामान निकाला गया। 5 नवंबर 2016 को रामचरितमानस पाठ का सामान रखा गया। एक चाभी व्यास और दूसरी प्रशासन के पास रहती थी। हालांकि यह बात ट्रायल कोर्ट की पत्रावली पर नहीं है लेकिन रामायण पाठ किया गया था।

17 जनवरी को तहखाने का जिम्मा DM को सौंपा
वाराणसी कोर्ट ने 17 जनवरी को तहखाने का जिम्मा DM वाराणसी को सौंप दिया था। कोर्ट के आदेश पर DM ने मुस्लिम पक्ष से तहखाने की चाबी ले ली थी। DM की मौजूदगी में 7 दिन बाद यानी 24 जनवरी को तहखाने का ताला खोला गया था।