आंध्र सरकार सुप्रीम कोर्ट में बोली-चंद्रबाबू की जमानत रद्द हो:दावा- चंद्रबाबू के परिवार ने सत्ता में आने पर अधिकारियों को देख लेने की धमकी दी

आंध्र प्रदेश सरकार ने सोमवार (26 फरवरी) को सुप्रीम कोर्ट से कहा कि TDP प्रमुख एन चंद्रबाबू नायडू को दी गई जमानत रद्द की जाए। सरकार का दावा है कि चंद्रबाबू के परिवार के सदस्यों ने जांच में बाधा डालने के लिए लोक सेवकों को डराने वाले बयान दिए हैं। चंद्रबाबू, कौशल विकास निगम घोटाले में में आरोपी हैं।

सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस बेला एम त्रिवेदी और जस्टिस पंकज मिथल की बेंच को सरकार ने बताया कि नायडू परिवार के सदस्यों ने सार्वजनिक बयान दिया है कि वे सत्ता में आने पर अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे।

सुप्रीम कोर्ट, नायडू को जमानत देने के आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट के 20 नवंबर 2023 के आदेश के खिलाफ राज्य सरकार की याचिका पर सुनवाई कर रही थी।

बेंच ने नायडू के वकील से 14 दिन के अंदर जवाब दाखिल करने कहा है। साथ ही मामले की अगली सुनवाई तीन हफ्ते बाद यानी 18 मार्च करने का निर्देश दिया।

चंद्रबाबू के बेटे नारा लोकेश ने इंटरव्यू में दी धमकी
आंध्र प्रदेश सरकार के वकील मुकुल रोहतगी ने बताया कि कोर्ट में ऐसे दस्तावेज जमा किए गए हैं, जिनमें चंद्रबाबू के बेटे नारा लोकेश के बयानों की कॉपी है। वे सीधे-सीधे जांच अधिकारियों को धमका रहे हैं। चुनाव से ठीक पहले ऐसे धमकी भरे बयान देने वालों को जमानत का लाभ या आजादी नहीं दी जा सकती। हालांकि, इसके बाद नायडू के वकील हरीश साल्वे ने कहा कि वे इस पर जवाब दाखिल करेंगे।

सुप्रीम कोर्ट ने 28 नवंबर 2023 को नायडू से जवाब मांगा था
पिछले साल 28 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने आंध्र हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ राज्य की याचिका पर नायडू से जवाब मांगा था। तब सुप्रीम कोर्ट ने 73 साल के TDP नेता की जमानत शर्तों में ढील देते हुए, उन्हें सुनवाई की अगली तारीख 8 दिसंबर 2023 तक सार्वजनिक रैलियों और बैठकों में भाग लेने की परमिशन दे दी थी।

हालांकि, कोर्ट ने कहा था कि सार्वजनिक बयान न देने और केस के बारे में मीडिया से बात न करने समेत जमानत की बाकी शर्तें भी उन पर लागू रहेंगी।

मामले में अब तक क्या हुआ…

  • 20 नवंबर को हाईकोर्ट ने इस मामले में 31 अक्टूबर को दी गई नायडू की चार हफ्ते की मेडिकल बेल को रेग्युलर बेल में बदल दिया था। पूर्व CM को उनकी उम्र संबंधी बीमारियों के जोखिम को आधार मानकर जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया था।
  • हाईकोर्ट के फैसले को रद्द करने के निर्देश की मांग करते हुए आंध्र प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अपील करते हुए कहा है कि नायडू एक प्रभावशाली व्यक्ति हैं। उन्होंने यह सुनिश्चित किया है कि एक सरकारी कर्मचारी सहित उनके दो प्रमुख सहयोगी पहले ही देश से भाग चुके हैं।
  • नायडू को 2015 में मुख्यमंत्री रहते हुए आंध्र प्रदेश राज्य कौशल विकास निगम से धन का दुरुपयोग करने के आरोप में पिछले साल 9 सितंबर को गिरफ्तार किया गया था। नायडू पर आरोप है कि इससे राज्य के खजाने को 371 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ था।