2006 मुंबई ट्रेन ब्लास्ट के मास्टरमाइंड की पाकिस्तान में मौत:लश्कर-ए-तैयबा का इंटेलिजेंस चीफ था आजम चीमा, 26/11 हमलों में भी शामिल था

पाकिस्तान में आतंकी आजम चीमा की मौत हो गई है। सूत्रों के मुताबिक, 70 साल के चीमा को फैसलाबाद में दिल का दौरा पड़ा। वो लश्कर के खुफिया विंग का प्रमुख था।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, चीमा 2006 मुंबई ट्रेन ब्लास्ट का मास्टरमाइंड था। वो 26/11 हमलों में भी शामिल था।

11 जुलाई 2006 को मुंबई के वेस्टर्न सबअर्बन इलाके की ट्रेनों के सात कोचों में सिलसिलेवार धमाके हुए थे। इसमें 189 पैसेंजरों की मौत हो गई थी और 824 लोग घायल हो गए थे। ब्लास्ट शाम छह बजकर 24 मिनट से लेकर 6 बजकर 35 मिनट के बीच हुए। यह वो वक्त था, जब मुंबई की लोकल ट्रेनों में लाखों पैसेंजर काम के बाद घर लौटते हैं।

26/11 हमले में आतंकियों और पुलिस के बीच तीन दिन तक चली थी मुठभेड़
2008 में मुंबई में आतंकी हमला हुआ था। इसे 10 आतंकियों ने मिलकर अंजाम दिया था। हमले में 166 लोगों की मौत हुई थी। मरने वालों में अमेरिका और ब्रिटेन के नागरिक भी शामिल थे।

पानी के रास्ते आए थे आतंकी
26 नवंबर 2008 की रात पाकिस्तान के आतंकी संगठन लश्कर के 10 आतंकवादी कोलाबा के समुद्री तट से एक नाव के जरिए भारत में घुसे थे। वो पूरी तरह से हथियारों से लैस थे। यहां से ये सभी आतंकवादी दो-दो के ग्रुप में बंटकर अलग-अलग दिशाओं में बढ़ गए थे। इनमें से दो आतंकियों ने दक्षिणी मुंबई के कोलाबा में स्थित लियोपोल्ड कैफे को निशाना बनाया था, दो आतंकियों ने नरीमन हाउस, तो वहीं बाकी आतंकी दो-दो की टोली में छत्रपति शिवाजी टर्मिनस, होटल ट्राइडेंट ओबेरॉय और ताज होटल की तरफ बढ़े थे।

NSG कमांडो भेजे गए थे
आतंकियों ने निहत्थे और बेकसूर लोगों पर ताबड़तोड़ फायरिंग और धमाके शुरू कर दिए थे। इसके बाद केंद्र की तरफ से इनसे निपटने के लिए 200 एनएसजी कमांडो भेजे गए थे। सेना के भी 50 कमांडो इस ऑपरेशन में शामिल थे। इसके अलावा सेना की पांच टुकड़ियों को भी वहां भेजा गया था।

लश्कर-ए-तैयबा के मेंबर अब्दुल सलाम भुट्टावी की भी मौत हो चुकी है
2008 में मुंबई में हुए आतंकी हमलों की प्लानिंग में शामिल अब्दुल सलाम भुट्टावी की पाकिस्तान की जेल में हार्ट अटैक से मौत हो गई। वो पंजाब प्रांत के शेखपुरा जेल में टेरर फंडिंग के मामले में सजा काट रहा था। 2020 में उसे लश्कर-ए-तैयबा के सरगना हाफिज सईद के बहनोई अब्दुल रहमान मक्की के साथ साढ़े 16 साल कैद की सजा सुनाई गई थी। भारत की इंटेलिजेंस एजेंसियों ने भी भुट्टावी की मौत की पुष्टि की थी।

2011 में अमेरिका के ट्रेजरी विभाग ने भी भुट्टावी पर आतंकी हमलों के लिए फंड जुटाने और आतंकियों की भर्ती करने के आरोप लगाते हुए उस पर पाबंदियां लगा दी थीं। ट्रेजरी विभाग ने कहा था- भुट्टावी ने अपने भाषणों और फतवे जारी कर आतंकियों को मुंबई पर हमले के लिए तैयार किया था। 2011 में भुट्टावी ने खुद 20 सालों तक आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के लिए काम करने की बात कबूल की थी।