हरियाणा में भाजपा-जजपा गठबंधन टूटा, ऐलान बाकी:CM खट्टर ने इस्तीफा दिया, आज दोपहर तीसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ले सकते हैं

लोकसभा चुनाव से पहले हरियाणा में भाजपा और जननायक जनता पार्टी (जजपा) का गठबंधन टूट गया है। बस ऐलान बाकी है।

मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कैबिनेट समेत इस्तीफा दे दिया है। सूत्रों के मुताबिक, खट्टर आज दोपहर 1:30 बजे फिर से हरियाणा के मुख्यमंत्री की शपथ लेंगे।

गठबंधन टूटने की वजह सीट शेयरिंग है। बताया जा रहा है कि जजपा हरियाणा में 1 से 2 लोकसभा सीटें मांग रही थी, जबकि भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व और राज्य संगठन सभी 10 सीटों पर खुद लड़ने के पक्ष में है। हालात को देखते हुए भाजपा ने पर्यवेक्षक के तौर पर अर्जुन मुंडा और तरुण चुघ को चंडीगढ़ भेजा है।

गठबंधन टूटने के बावजूद भाजपा के पास बहुमत

हरियाणा में जजपा से गठबंधन टूटा लेकिन बहुमत भाजपा के ही पास है। हरियाणा में 90 विधानसभा सीटें हैं। जिसमें से भाजपा के पास खुद के 41 MLA, 6 निर्दलीय और एक हलोपा विधायक का समर्थन है यानी भाजपा के पास 48 विधायक हैं। बहुमत के लिए 46 सीटें चाहिए।

हरियाणा में गठबंधन टूटने से पहले और बाद की स्थिति

1. जजपा से गठबंधन टूटने का संकेत कैसे मिला?
डिप्टी CM दुष्यंत चौटाला सोमवार को दिल्ली में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्‌डा से मिले। उन्होंने मीडिया से कोई बात नहीं की। हालांकि पहले वे हर बार मीटिंग के बाद मीडिया से बात जरूर करते थे। चौटाला-नड्‌डा की मुलाकात के बाद भाजपा की ओर से भी गठबंधन को लेकर किसी भी नेता के द्वारा कोई बयान नहीं दिया गया।

2. क्या भाजपा सरकार गिरने का खतरा है?

हरियाणा में 90 विधानसभा सीटें हैं। इनमें 41 भाजपा, 30 कांग्रेस, 10 जजपा, 1 इनेलो, 1 हलोपा और 7 निर्दलीय हैं। बहुमत के लिए 46 सीटें चाहिए। अभी भाजपा-जजपा की गठबंधन की सरकार भाजपा के 41, जजपा के 10 और एक निर्दलीय रणजीत चौटाला सरकार में है। अगर जजपा गठबंधन तोड़ देती है तो भाजपा के पास 41, 7 निर्दलीय और एक हलोपा विधायक का समर्थन है। ऐसे में भाजपा के पास बहुमत के 46 के आंकड़े से 3 ज्यादा सीटें बन रही हैं।