पुलिस पेपर पढ़वाने के लिए 20 लाख में हुई डील:रिसॉर्ट मालिक बोला-फिक्स डेट पर पेपर नहीं मिला था; 35 कमरों में रोके थे 800 अभ्यर्थी

UP पुलिस पेपर लीक मामले में गुरुग्राम के नेचरवैली रिसॉर्ट के मालिक सतीश धनकड़ ने कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। उसने मेरठ STF को बताया कि दिल्ली पुलिस के हेड कॉन्स्टेबल विक्रम पहल को पेपर आउट कराना था। उसे पेपर पढ़वाने के लिए एक बड़े मैदान की जरूरत थी।

उसने ही मेरे रिसॉर्ट में पेपर आउट कराने का ऑफर दिया। 20 लाख रुपए में हमारी डील फाइनल हुई थी। 15 फरवरी को पेपर नहीं पहुंच पाया, तो प्लानिंग बढ़ानी पड़ी। इसके बाद 700-800 परीक्षार्थियों को 2 मंजिला बिल्डिंग के 35 कमरों में रातभर रोका था। फिर 16 फरवरी को पेपर मिला और सभी परीक्षार्थियों को एक साथ पढ़वाया गया।

नेचरवैली रिसॉर्ट आउटर में है, इसमें बड़ा मैदान है..इसलिए इसे चुना
मेरठ STF के ASP ब्रजेश कुमार सिंह के अनुसार, सतीश पर 420 सहित तमाम धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। वह ढाड़ा गुरुग्राम गांव का रहने वाला है। सतीश मानेसर में अपना रिसॉर्ट नेचरवैली के नाम से चलाता है। रिसॉर्ट में बड़ा मैदान हैं। जहां पॉमट्री भी लगे हैं।

इसलिए सामने से आसानी से कुछ दिखता नहीं है। रिसॉर्ट के पीछे बनी बिल्डिंग में 35 से ज्यादा कमरे हैं। रिसॉर्ट में अमूमन लोगों का आना-जाना कम होता है। सतीश और दिल्ली पुलिस के हेड कॉन्स्टेबल विक्रम पहल में पहले से दोस्ती है। कई बार विक्रम उसके रिसॉर्ट में पहले भी आ चुका है।

अक्सर आना-जाना होता था। विक्रम ने ही उसे ऑफर दिया कि मुझे यूपी पुलिस भर्ती का पेपर पढ़वाकर आउट कराना है। काफी कैंडिडेट एक साथ बैठकर पेपर पढ़ेंगे। इसके लिए बड़ा पार्क चाहिए। इस काम के लिए मुझे तुम्हारा रिसॉर्ट चाहिए।

पेपर आउट के दिन खाली रखना था रिसॉर्ट
सतीश ने बताया कि विक्रम ने उसे पेपर पढ़वाने के लिए 20 लाख रुपए का ऑफर दिया। ये रकम रिसॉर्ट का किराया और यह बात लीक न करने के आधार पर तय हुई थी। इसका कुछ पैसा मुझे एडवांस भी मिला था। डील के बाद अक्सर विक्रम रिसॉर्ट आने लगा।

उसने कहा था कि जब पेपर पढ़वाएंगे, उस वक्त रिसॉर्ट पूरी तरह खाली रखना होगा। एक दिन विक्रम के 3 लोग दाऊद, अनुराग और गुनिया मेरे रिसॉर्ट पर आए। गुनिया जो सुरा कलोई झज्जर का रहने वाला है और सायना ट्रैवल्स में काम करता है। उसको मैं पहले से जानता था।

इन तीनों ने बताया कि विक्रम ने भेजा है। हम यूपी पुलिस भर्ती का पेपर आउट कराने में लगे हैं। आपके रिसॉर्ट में काफी जगह है। 700-800 अभ्यर्थी आसानी से बैठ सकते हैं। हम लोगों को पेपर आउट कराकर इस रिसॉर्ट में अभ्यर्थियों को पेपर और उसके उत्तर पढ़ाने हैं। गुनिया ने मुझे एडवांस के तौर पर कुछ पैसे भी दिए थे।

15 फरवरी को रिसॉर्ट में पहुंचे कैंडिडेट
15 फरवरी को गुनिया अपनी ट्रैवल्स की बसों में कैंडिडेट को लेकर रिसॉर्ट आया। गुनिया के थोड़ी देर बाद विक्रम पहल के गांव जींद से महेंद्र शर्मा भी आ गया। उस दिन लगभग 700-800 कैंडिडेट रिसॉर्ट में थे।

रिसॉर्ट में ही विक्रम ने अपने साथी अनुराग, दाउद, महेन्द्र शर्मा, गुनिया और दूसरे लोगों के साथ मीटिंग की। सभी से कहा कि रिसॉर्ट में शोरगुल नहीं करना है।

पहले दिन नहीं मिल पाया पेपर, बढ़ानी पड़ी प्लानिंग
15 फरवरी को ही पेपर कैंडिडेट्स को पढ़वाना था। मगर उस दिन किसी कारण से भर्ती पेपर आ ही नहीं पाया। इसके बाद सभी कैंडिडेट्स को रिसॉर्ट में ही रुकवाया गया। यहीं उनके खाने, ठहरने की व्यवस्था की गई। दूसरे दिन 16 फरवरी की सुबह विक्रम, अनुराग, दाऊद अपनी गाड़ी से कहीं गए।

दोपहर 11 बजे तक लौटे। उनके हाथ में 18 फरवरी को सेकेंड शिफ्ट में होने वाला पेपर और आंसर-की थी। उनके साथ 6-7 लोग और भी अपनी गाड़ियों से रिसॉर्ट में आए। इसमें ढाकला, झज्जर निवासी मोनू शर्मा, विक्रम दहिया शामिल थे।

रवि, अभिषेक के कॉन्टैक्ट में था विक्रम
पेपर, आंसर-की आने के बाद इन सभी लोगों ने सारे कैंडिडेट्स को यहीं रिसॉर्ट के गार्डन में बैठाकर पेपर पढ़वाना, आंसर बताना शुरू कर दिया। विक्रम लगातार अभिषेक कुमार शुक्ला जो प्रयागराज का रहने वाला है और रवि अत्री निवासी गौतमबुद्धनगर के संपर्क में था। उनके साथ विक्रम की लगातार पेपर आउट कराने को लेकर बातचीत हो रही थी। अभिषेक शुक्ला उसी कंपनी में काम करता है, जिस कंपनी में यूपी पुलिस भर्ती परीक्षा का प्रश्न-पत्र छप रहा था।

2 मंजिला इमारत के 35 कमरों में रोके थे 800 अभ्यर्थी
सतीश के रिसॉर्ट के लॉन में कैंडिडेट्स को पेपर पढ़वाने के लिए बैठाया गया था। पेपर हल करवाते समय कुछ लोग उनकी मदद करते भी देखे गए हैं। लॉन के पीछे 35 कमरों के 2 मंजिला इमारत में 700-800 परीक्षार्थियों को रोकने की व्यवस्था की गई थी। ये सारा अरेजमेंट सतीश धनकड़ ने ही किया था।

अब तक मेरठ STF ने 12 आरोपी पकड़े
मेरठ STF यूनिट लगातार पुलिस भर्ती पेपर लीक कांड में आरोपियों की धरपकड़ कर रही है। 5 मार्च को टीम ने मेरठ निवासी 6 आरोपियों दीप उर्फ दीपक, बिटटू, प्रवीण, रोहित उर्फ ललित, नवीन कुमार, साहिल को अरेस्ट कर जेल भेजा।

12 मार्च को जींद हरियाणा निवासी महेंद्र और 14 मार्च को अभिषेक कुमार शुक्ला निवासी प्रयागराज, शिवम निवासी मिर्जापुर, रोहित कुमार पांडेय निवासी भदोही को अरेस्ट किया। 15 मार्च को पेपर आउट कराने वाले गिरोह के डॉ. शुभम मंडल निवासी पटना को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया। अब 22 मार्च को रिसॉर्ट मालिक सतीश धनकड़ किया गया है।

40 लाख अभ्यर्थियों ने दिया था पेपर
दरअसल, यूपी पुलिस भर्ती परीक्षा 17-18 फरवरी को हुई थी। इसमें करीब 40 लाख अभ्यर्थी शामिल हुए थे। पेपर लीक की बात सामने आने के बाद राज्यभर में प्रदर्शन हुए। CM योगी ने भर्ती परीक्षा रद्द कर दी। इसके साथ ही सरकार ने 6 महीने में फिर से परीक्षा कराने का फैसला किया।

पुलिस पेपर लीक की जांच STF को सौंपी गई। STF की जांच में पता चला है कि अहमदाबाद में पेपर छपे। इसके बाद यूपी भेजने के लिए पेपर सील्ड बॉक्स में अहमदाबाद की ट्रांसपोर्ट कंपनी में भेजे गए। यहीं से कर्मचारियों ने पेपर लीक कर दिया। इन कर्मचारियों ने सील्ड बॉक्स को तोड़ने के लिए पटना से स्पेशलिस्ट को बुलाया।

बॉक्स तोड़ने के बाद पेपर निकालकर फोटो खींचे और नकल माफिया को भेज दिया। पुलिस भर्ती पेपर लीक केस में 178 FIR दर्ज कराई गई है। इनमें से 15 STF ने दर्ज कराई है। अब तक 396 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है।

गिरोह के मुख्य आरोपी रवि अत्री और राजीव नयन मिश्रा की तलाश जारी है, जो आरोपी अब तक जेल गए हैं। उनकी संपत्ति की भी जांच की जा रही है। इन सभी पर गैंगस्टर की कार्रवाई भी की जाएगी।

  • यूपी पुलिस भर्ती पेपर की छपाई अहमदाबाद की प्रिंटिंग प्रेस में हुई। छपे पेपर यूपी भेजने के लिए ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (TCI ) को ठेका दिया गया। TCI में काम करने वाले शिवम गिरि और रोहित पांडे नकल माफिया से मिल गए। पहले TCI में काम कर चुका प्रयागराज का अभिषेक भी नकल माफिया गैंग में था। अभिषेक ने शिवम और रोहित से संपर्क किया और पेपर आउट कराने के बदले उन्हें पैसे देने का ऑफर दिया।
  • 2 फरवरी को TCI कंपनी के दोनों कर्मचारियों शिवम और रोहित ने अभिषेक को फोन करके बताया कि पेपर प्रिंट होकर ट्रांसपोर्ट कंपनी में आ चुके हैं। दोनों ने सील्ड पेपर बॉक्स के फोटो खींचकर अभिषेक को भेजे। इसके बाद अभिषेक, पटना के डॉक्टर शुभम मंडल और अन्य लोगों के साथ 5 फरवरी को अहमदाबाद पहुंचा।
  • डॉक्टर शुभम मंडल और TCI के दोनों कर्मचारी ट्रांसपोर्ट कंपनी के गोदाम में अंदर गए, जहां पेपर रखे हुए थे। कर्मचारी एक बॉक्स को उठाकर ऐसी जगह पर ले गए, जहां CCTV कैमरा की कवरेज नहीं थी। उन्होंने उस बॉक्स को पीछे की तरफ से तोड़ा, क्योंकि आगे की तरफ सील लगी हुई थी। इसके बाद 18 फरवरी को होने वाले पेपर के 2 सेट निकाले। मोबाइल से उनकी फोटो खींच ली। इसी तरह 8 फरवरी को भी एक बॉक्स तोड़ा गया और पेपर का फोटो खींचा गया।
  • इस काम के बदले शिवम को 3 लाख और रोहित को ढाई लाख रुपए दिए गए। कुछ पैसे बाद में देने की बात भी तय हुई। अब STF ने रोहित पांडेय निवासी मिर्जापुर, शिवम गिरि निवासी भदोही और अभिषेक शुक्ला निवासी प्रयागराज को गिरफ्तार कर लिया है। उनके मोबाइल से पेपर के फोटो बरामद हुए हैं। इसके अलावा पटना के डॉक्टर शुभम मंडल को भी पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया है।