नव्या का बिजनेस, सोशल वर्क और एग्रीकल्चर में इंटरेस्ट:कहा- फिल्मों में दूर-दूर तक दिलचस्पी नहीं, महिलाओं के मुद्दे उठाना सबसे बड़ा लक्ष्य

बिग बी की नातिन नव्या नवेली नंदा का फिल्मों में कोई इंटरेस्ट नहीं है। नव्या ने कहा उनका मन पिता के बिजनेस में ज्यादा लगता है। नव्या ने कहा कि उन्हें महिला सशक्तिकरण के लिए काम करना पसंद है।

नव्या ने कहा कि वो ग्रामीण इलाकों में घूम-घूम कर किसानों से मिलती हैं, उनकी आवश्यकताओं पर बात करती हैं। नव्या ने अपनी नानी जया बच्चन के बारे में भी बात की। नव्या ने कहा कि नानी जया दिल से बोलती हैं, उनके अंदर कोई छल-कपट नहीं है।

सवाल- आप इतनी स्ट्रॉन्ग फिल्मी बैकग्राउंड से हैं। इसके बावजूद अभी तक फिल्मों में क्यों नहीं आईं?
जवाब- मैं दिल्ली की एक बिजनेस फैमिली से हूं। मेरे पापा सहित चार पीढ़ियां फैमिली बिजनेस को संभालती आ रही हैं। मैं हमेशा से बिजनेस वाले माहौल में पली-बढ़ी हूं। पापा घर पर आते थे तो स्टॉक और बिजनेस पर बातें करते थे। मुझे उसमें काफी इंटरेस्ट आता था। मेरी कंपनी एस्कॉर्ट, ट्रैक्टर्स बनाती है।

मुझे बचपन से ट्रैक्टर्स में काफी इंटरेस्ट था। आज मैं सोशल मीडिया के जरिए महिला सशक्तिकरण के लिए काम कर रही हूं और आगे भी करती रहूंगी। मुझे कभी फिल्मों या इसकी मेकिंग में दिलचस्पी नहीं रही है।

सवाल- आपके भाई फिल्मों में डेब्यू कर चुके हैं, आपको कभी ऑफर भी नहीं आया?
जवाब-
 भाई को तो बचपन से एक्टर बनना था। हम लोग बहुत खुश हैं कि उसे फिल्मों में मौका मिल गया है। भगवान करें कि वो और आगे जाए। मैं पिछले चार साल से बिजनेस देख रही हूं। मेरा खुद का एक NGO प्रोजेक्ट नवेली है। मैं हर दिन उसकी ग्रोथ के लिए काम कर रही हूं। सबको पता है कि मेरा फिल्मों में इंटरेस्ट नहीं है, शायद इसलिए ऑफर भी नहीं आते हैं।

सवाल- अपने NGO प्रोजेक्ट नवेली के बारे में बताइए?
जवाब- प्रोजेक्ट नवेली की शुरुआत मैंने 4 चार साल पहले कोविड के वक्त की थी। इसके तहत सबसे पहले हमने महिलाओं को माहवारी के वक्त में जो दिक्कतें आती थीं, उस पर काम किया। उस वक्त उनकी हाइजीन कैसी होनी चाहिए, उसे लेकर चर्चा की थी। अभी हम एजुकेशन, लीगल अवेयरनेस और एंटरप्रेन्योरशिप पर भी बात कर रहे हैं। हम महिलाओं को फ्री लीगल काउंसलिंग देते हैं। अगर वो घर पर बैठ कर बिजनेस करना चाहती हैं तो हम उन्हें रिसोर्सेज प्रोवाइड करते हैं।

सवाल- प्रोजेक्ट नवेली का हिस्सा ‘निमाया’ क्या है?
जवाब- निमाया प्रोजेक्ट एजुकेशन पर बेस्ड है। आज के वक्त में AI हमारी नौकरियां ले रहा है। हम इसे कैसे हरा सकते हैं। निमाया के जरिए हम सीखते हैं कि हमारे अंदर जो स्किल्स हैं, उन्हें वर्कप्लेस पर कैसे यूटिलाइज कर सकते हैं।

सवाल- इतने सारे काम के बीच पॉडकास्ट भी कर रही हैं, मैनेज कैसे करती हैं?
जवाब- मैं अभी यंग हूं, मुझे काम करने में मजा आता है। जहां तक बात पॉडकास्ट की है, वो मैं अपनी मम्मी और नानी के साथ ही करती हूं। वो मुझे किसी काम की तरह नहीं लगता। मैं यह करना एन्जॉय करती हूं, इसलिए थकान भी नहीं होती है।

सवाल- पॉडकास्ट शुरू करने का आइडिया कैसे आया?
जवाब- कोविड के वक्त मैं, मां और नानी साथ बैठ कर देश-दुनिया की बातें करते थे। बातचीत का मुद्दा ज्यादातर सामाजिक ही रहता था। हम लोगों ने सोचा कि क्यों न इसे पब्लिक किया जाए। हम चाहते थे कि हमारी बातचीत से समाज को कुछ जानने और समझने को मिले। इसी को देखते हुए हमने पॉडकास्ट शुरू किया।

सवाल- आपकी नानी जया बच्चन के अंदाज को लोग बहुत पसंद करते हैं, नाना अमिताभ बच्चन को पॉडकास्ट में बुलाने का इरादा है?
जवाब- नानी इस पॉडकास्ट की सुपरस्टार हैं। उनके अंदर कोई बनावटीपन नहीं है। वे बिल्कुल अनफिल्टर्ड हैं, इसलिए जो दिल में है, वही जुबान पर भी रहता है। बाकी हमारे पॉडकास्ट में डिस्कशन सिर्फ महिला सशक्तिकरण को ही लेकर होता है। यहां सिर्फ वुमन सेंट्रिक बातें होती हैं। हम इस पॉडकास्ट में कोई स्क्रिप्ट फॉलो नहीं करते हैं। सारी बातें अंदर से निकलती हैं।

सवाल- आपकी हिंदी बहुत अच्छी है, अमूमन आज कल के जनरेशन वालों की इतनी शुद्ध हिंदी नहीं होती।
जवाब– बहुत सारे लोग मुझे यह बात कहते हैं। मुझे हिंदी बोलना बहुत पसंद है। मैं भले ही विदेश से पढ़ कर आई हूं, लेकिन मेरे अंदर की भारतीयता किसी से कम नहीं है। मेरे जनरेशन के लोग ज्यादातर अंग्रेजी में ही बात करते हैं। मुझे लगता है कि हमें हिंदी में बात करनी चाहिए ताकि ज्यादा लोगों तक अपनी बात रख सकें।

सवाल- आपके पेरेंट्स देश की सबसे बड़ी ट्रैक्टर बनाने वाली कंपनी चलाते हैं, आप इसमें किस तरह इन्वॉल्व हैं?
जवाब-
 हम हर महीने देश के अलग-अलग हिस्सों में जाकर डीलर्स से मुलाकात करते हैं। इन डीलर्स के जरिए ही हमारे ट्रैक्टर्स बिकते हैं। वहां जाकर हम जानने की कोशिश करते हैं कि हमारे किसानों को किन-किन चीज की जरूरत है। उनकी जरूरतों के हिसाब से प्रोडक्ट तैयार करते हैं। पिछले महीने हमारी टीम अहमदाबाद गई थी। अगले महीने हम भोपाल और इंदौर भी जाने वाले हैं।

सवाल- किसान आपसे किस तरह की डिमांड करते हैं?
जवाब- अलग-अलग राज्यों से अलग-अलग डिमांड आती रहती है। पंजाब के किसान आलू की खेती ज्यादा करते हैं, उन्हें इसकी खेती के लिए बड़े ट्रैक्टर्स की जरूरत पड़ती है। हम कोशिश में रहते हैं कि जरूरत के हिसाब से अपने ट्रैक्टर्स को ज्यादा मजबूत और इफेक्टिव कैसे बनाया जाए।

सवाल- खाली टाइम में क्या करती हैं?
जवाब- घूमना-फिरना, किताबें पढ़ना, खाना बनाना और पियानो बजाना मुझे काफी पसंद है। मुझे अलग-अलग जगहों के फूड में बड़ा इंटरेस्ट है। इसे एक्सप्लोर करना बहुत अच्छा लगता है।