20 मार्च को कांग्रेस की कमल नाथ सरकार को मध्यप्रदेश की सत्ता से बेदखल हुए एक साल पूरा हो गया। 15 साल बाद जनता ने प्रदेश की कमान कांग्रेस को सौंपी थी, लेकिन कांग्रेस अपने नेताओं की अपेक्षाओं पर ही खरी नहीं उतरी। कांग्रेस के प्रमुख नेताओं ने उपेक्षा से दुखी होकर पार्टी से विदा ली थी।
कमल नाथ सरकार को गिराने में ज्योतिरादित्य सिंधिया की प्रमुख भूमिका रही
बेंगलुर के रिसोर्ट में जमा हुए कांग्रेस के बागी नेताओं ने भाजपा में अपना भविष्य सुरक्षित समझा और इस्तीफा दे दिया। इससे भाजपा को सरकार बनाने का मौका मिला। इस घटनाक्रम में राज्यसभा सदस्य और पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की प्रमुख भूमिका रही।
भाजपा ने दी स्थायी सरकार
शिवराज सिंह चौहान द्वारा सत्ता की कमान संभालने के बाद भाजपा ने प्रदेश में स्थायी सरकार दी। उपचुनाव और कांग्रेस से आए नेताओं के पार्टी में समायोजन जैसे मामलों को सफलतापूर्वक और बिना विवाद हल किया। सरकार और संगठन के बेहतर तालमेल से प्रदेश में अब बहुमत वाली सरकार है।
ऐसे गिरी थी कमल नाथ सरकार
2018 के विधानसभा चुनाव के दौरान ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस की ओर से प्रमुख चेहरों में से एक थे। 230 सदस्यों वाली विधानसभा में 114 विधायकों के साथ कांग्रेस सबसे बड़ा दल रहा। भाजपा को 109 सीट मिली थी। बसपा के दो, सपा के एक और निर्दलीय चार विधायकों के समर्थन से कांग्रेस ने सरकार बनाई। सत्ता में आने के बाद सिंधिया की उपेक्षा शुरू हुई।
सिंधिया और कमल नाथ के रिश्तों में आई गांठ, कांग्रेस के 22 विधायकों ने दिया इस्तीफा
अतिथि विद्वानों के नियमितिकरण पर सिंधिया ने सड़क पर उतरने की बात कही तो कमल नाथ ने चुनौतीपूर्ण स्वर में कहा था कि उतर जाओ। यहीं से रिश्तों में आई गांठ सार्वजनिक हुई। इसके बाद कांग्रेस के 22 विधायकों ने इस्तीफा दिया और बेंगलुर का एक रिसोर्ट मध्य प्रदेश की राजनीति का मुख्य केंद्र बन गया।
विधायकों को मनाने की हुई असफल कोशिश, कमल नाथ ने दिया इस्तीफा
विधायकों को मनाने की असफल कोशिश हुई। सदन में बहुमत साबित करने की नौबत आई। विधायकों की संख्या कम होने के चलते इसके पहले ही कमल नाथ ने इस्तीफा दे दिया।
शिवराज ने संभाली कमान, उपचुनाव में शिवराज के नेतृत्व में भरोसा जताया
कांग्रेस की सत्ता से विदाई के बाद शिवराज सिंह चौहान ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली और बाद में 28 सीटों पर हुए उपचुनाव में 19 सीटें जीतकर भाजपा की पूर्ण बहुमत वाली सरकार बनाई। उपचुनाव में कांग्रेस को नौ सीटों पर ही संतोष करना पड़ा। उपचुनाव में कांग्रेस के बिकाऊ संबंधी नारे का असर नहीं हुआ और लोगों ने शिवराज के नेतृत्व में भरोसा जताया।
मौजूदा दलीय स्थिति
भाजपा 126
कांग्रेस 96
निर्दलीय 04
बसपा 02
समाजवादी पार्टी 01
रिक्त 01
लोकतांत्रिक इतिहास में 20 मार्च का दिन संविधान के हत्यारों को समर्पित
प्रदेश के लोकतांत्रिक इतिहास में 20 मार्च का दिन संविधान के हत्यारों को समर्पित माना जाएगा। कालेधन का उपयोग कर लोकतंत्र का चीरहरण किया गया था। जो कुछ हुआ, वह समूची जनता को उद्वेलित करने वाला है। केके मिश्रा, महामंत्री (मीडिया), प्रदेश कांग्रेस कमल नाथ सरकार का कार्यकाल रावण राज की तरह दमनकारी और अत्याचारी रहा। 20 मार्च को लंका जली और इसी दिन से रामभक्तों ने सेवा करने का संकल्प लिया-रामेश्वर शर्मा, विधायक, भाजपा।