काशी में राजभर-ठाकुरों के बीच मारपीट, जांच SIT करेगी:DGP से मिले अरविंद राजभर, कमिश्नर ने थानेदार को मीटिंग से निकाला

वाराणसी में खेत में गाय घुसने को लेकर राजभर और ठाकुर बिरादरी के लोगों के बीच हुई मारपीट ने सियासी रंग ले लिया। लखनऊ में मंत्री ओपी राजभर के बेटे अरविंद ने DGP से मामले की शिकायत की।

इसके बाद, पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल ने शुक्रवार रात क्राइम मीटिंग में राजभर और क्षत्रियों के बीच हुई मारपीट मामले में लापरवाही बरतने पर चौबेपुर थाना प्रभारी रविकांत मलिक को लाइन हाजिर कर दिया। सूत्रों ने बताया कि उन्हें क्राइम मीटिंग से बाहर निकाल दिया।

मारपीट के छोटे से विवाद के लिए SIT गठित करनी पड़ गई। इसमें 4 IPS हैं। राजातालाब में तैनात इंस्पेक्टर अजीत कुमार वर्मा को चौबेपुर थाना प्रभारी बनाया है।

चौबेपुर थाने के छितौना गांव में 5 जुलाई को खेत में गाय घुसने को लेकर दो पक्षों में विवाद हो गया। एक ठाकुर, दूसरा राजभर था। हुआ यूं कि संजय सिंह के खेत में छुट्‌टा गाय घुस गई। एक बार संजय सिंह ने गाय को भगाया तो गाय राजभर बिरादरी के लोगों के खेत में घुस गई। खेत छोटू राजभर, भोले राजभर, गुलाम राजभर और सुरेंद्र राजभर का था। उन्होंने गाय को दोबारा संजय सिंह के खेत में कर दिया। इसी बात को लेकर दोनों पक्षों में विवाद हो गया। देखते ही देखते मारपीट शुरू हो गई।

आरोप है कि अनुराग सिंह, संजय सिंह पर दूसरे पक्ष ने तलवार से हमला बोल दिया। फिर दोनों पक्षों के लोग आमने-सामने आ गए। एक-दूसरे पर लाठी-डंडे बरसाए। पुलिस के सामने ही जीप से खींचकर संजय सिंह और उनके परिवार के अन्य सदस्यों को पीटा। पुलिस घायलों को लेकर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र गई तो वहां भी संजय सिंह पर हमला कर दिया।

दोनों पक्ष से घायल हुए लोगों को ट्रॉमा सेंटर में इलाज के लिए भर्ती कराया गया। मंत्री अनिल राजभर घायलों से मिलने ट्रॉमा सेंटर पहुंचे। इस मामले में 6 जुलाई को चौबेपुर थाने में ज्वाला प्रसाद राजभर की तहरीर पर संजय सिंह, अनुराग सिंह और अमित सिंह और एक अज्ञात के खिलाफ हत्या के प्रयास सहित अन्य आरोपों में मुकदमा दर्ज किया गया। अनुराग सिंह और अमित सिंह को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है।

जबकि, संजय सिंह के भाई दिगपाल सिंह की तरफ से दी गई तहरीर पर कोई सुनवाई नहीं हुई। संजय सिंह और उनके परिवार के अन्य सदस्यों को पुलिस जीप से उतारकर पीटा। करणी सेना के जिलाध्यक्ष आलोक सिंह समर्थकों के साथ घायल संजय सिंह से मिले। केस दर्ज कराने थाने पहुंचे।

करणी सेना के जिलाध्यक्ष आलोक सिंह ने आरोप लगाया कि मंत्री के दबाव के चलते पुलिस संजय सिंह पर हमला करने वालों के खिलाफ केस दर्ज नहीं कर रही। करणी सेना के लोग 7 जुलाई की शाम तक केस दर्ज कराने के लिए थाने में डटे रहे।

फिर, 8 जुलाई को संजय सिंह के भाई दिगपाल सिंह की तहरीर पर पुलिस ने छह नामजद और एक अज्ञात पर मुकदमा दर्ज किया। आरोपियों में भोला राजभर, राम गुलाम राजभर, सुरेंद्र राजभर, राजेंद्र राजभर, रामाश्रय, महेंद्र राजभर और एक अज्ञात हैं।

मंत्री राजभर के बेटे ने DGP से मुलाकात की

मंत्री ओपी राजभर के बेटे अरविंद राजभर ने इस मामले को लेकर DGP राजीव कृष्ण से मुलाकात की। मामले में निष्पक्ष जांच और दोषियों पर कार्रवाई की बात कही। फिर DGP के संज्ञान के बाद वाराणसी में एक्शन हुआ। क्राइम कंट्रोल नहीं कर पाने में कमिश्नर मोहित अग्रवाल ने चोलापुर थाना प्रभारी राकेश कुमार गौतम को लाइन हाजिर कर दिया।

केस की जांच के लिए SIT गठित की

अपर पुलिस आयुक्त कानून व व्यवस्था शिवहरि मीना की अध्यक्षता में गठित SIT में डीसीपी वरुणा प्रमोद कुमार, डीसीपी क्राइम सरवणन टी., एडीसीपी वरुणा नीतू कादयान, एसीपी कैंट नितिन तनेजा शामिल हैं। प्रभारी निरीक्षक चौबेपुर विवेचक हैं।

राजनेताओं की एंट्री ने जातीय एंगल दिया

राजनेताओं की एंट्री के बाद मामले ने जातीय रंग ले लिया। एक तरफ मंत्री अनिल राजभर और उनके समर्थक तो दूसरी तरफ भाजपाई ब्लॉक प्रमुख अभिषेक सिंह चंचल, को ऑपरेटिव के चेयरमैन राकेश सिंह अलगू, जिला उपाध्यक्ष जितेंद्र सिंह समेत अन्य सवर्ण नेता हैं।

राजभर के बेटे अरविंद राजभर ने डीजीपी से मुलाकात कर इसकी सरगर्मी और बढ़ा दी। सपा का प्रतिनिधिमंडल भी छितौना गांव पहुंचा। पूरे मामले की एक रिपोर्ट बनाकर पूर्व CM अखिलेश यादव को भेज दी।