कोरोना से बचे रहना है, तो एक्सरसाइज करते रहना है जरूरी

दुनियाभर में कोरोना के दूसरी लहर ने तबाही मचा रखी है। कुछ देशों में तो बहुत ही बुरे हालात हैं। जिसमें से भारत भी एक है। बीते 24 घंटे में ही करीब 1.85 लाख नए मामले सामने आए हैं। दूसरी तरफ, एक रिसर्च में सामने आया है कि कोरोना का अटैक आलसी लोगों पर ज्यादा होता है और मौत की संभावना भी उन्हीं में सबसे ज्यादा होती है। इसलिए फिजिकल एक्टिविटीज़ को आज सबसे जरूरी माना जा है। योग, व्यायाम, रस्सी कूदना, सीढ़ी चढ़ना, साइक्लिंग जैसी जिस भी एक्टिविटीज़ में आप कंफर्टेबल हैं उसे समय निकालकर जरूर करें।

50 हजार लोगों पर की गई रिसर्च

ब्रिटिश जर्नल ऑफ स्पोर्ट्स मेडिसिन की इस रिसर्च में करीब 50,000 लोगों को शामिल किया गया। रिपोर्ट के मुताबिक, व्यायाम की कमी वाले मरीज़ों में गंभीर लक्षण और मृत्यु का खतरा अधिक होता है। शोधकर्ताओं का कहना है कि जो लोग फिजिकली एक्टिव नहीं थे उन्हें अस्पताल में दाखिले की नौबत के साथ अतिरिक्त देखभाल की जरूरत है।

क्या कहती है रिसर्च?

रिसर्च में यह निष्कर्ष निकला है कि कोरोना सिर्फ ध्रूमपान, डायबिटीज़, मोटापा या हाई ब्लड प्रेशर के पेशेंट्स को ही अपना शिकार नहीं बनाता बल्कि कमजोर इम्युनिटी वालों के साथ आलसी लोग भी इसमें शामिल हैं।

ये रहीं फाइंडिंग्स

– 15 परसेंट ने खुद को निष्क्रिय (प्रति सप्ताह शारीरिक गतिविधि के 0.10 मिनट) होने की जानकारी दी।

80 परसेंट के करीब लोगों ने कुछ गतिविधि (11.49 मिनट/सप्ताह) की सूचना दी।

– 07 परसेंट लोगों ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य दिशानिर्देशों के अनुसार खुद को फिट बताया।

– 02 गुना से ज्यादा अस्पताल मे भर्ती होने की संभावना दिखी ऐसे युवकों में जो शारीरिक रूप से मोटे थे।

– 73 परसेंट आधिक थी ऐसे शारीरिक रूप से अनफिट लोगों के गहन देखभाल की संभावना

– 2.5 गुना ज्यादा थी इस तरह के युवकों में संक्रमण के कारण मरने की संभावना

ऐसे हुई रिसर्च

यह देखने के लिए कि क्या व्यायाम की कमी से गंभीर संक्रमण, अस्पताल में भर्ती होने, आईसीयू में प्रवेश करने और मृत्यु की संभावना बढ़ जाती है। शोधकर्ताओं ने जनवरी और अक्टूबर 2020 के बीच कोरोना से संक्रमित संयुक्त राज्य में 48,440 व्यस्कों की जानकारी को इसमें शमिल किया। रोगियों की औसत आयु 47 थी और पांच में से तीन महिलाएं थी। मोटापे के लिए दहलीज से ठीक ऊपर, उनका मास-बॉडी इंडेक्स 31 था। लगभग आधे में कोई बीमारी नहीं थी, जैसे की मधुमेह, पुराने फेफड़ों की स्थिति, हृदय या गुर्दे की बीमारी या कैंसर। लगभग 20 प्रतिशत युवक इनमें से किसी एक से ग्रसित थे। 30 प्रतिशत से ज्यादा लोग दो बीमारी से ग्रसित थे। सभी रोगियों ने आउट पेशेंट क्लीनिक में मार्च 2018 और मार्च 2020 के बीच कम से कम तीन बार नियमित शारीरिक गतिविधि के अपने स्तर की रिपोर्ट की थी।