ओपेक और सहयोगी देशों ने उन पांच राष्ट्रों में कच्चे तेल के उत्पादन को बढ़ाने पर सहमति व्यक्त की है, जिन पर पूर्व में इस संबंध में रोक लगाई गई थी। बता दें कि कुछ दिनों पहले यूएई ने उत्पादन बढ़ाने की मांग की थी, जिसके बाद पेट्रोलियम निर्यातक देशों के संगठन में विवाद पैदा हो गया था। इसके बाद समूह की होने वाली बैठक को टाल दिया गया था।
रविवार को एक बयान में कहा गया कि इराक, कुवैत, रूस, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) अपना उत्पादन बढ़ाएंगे। इस संबंध में सऊदी अरब के ऊर्जा मंत्री प्रिंस अब्दुलअजीज बिन सलमान ने कहा कि जो चीज हमें एक मंच पर लाती है वह मीडिया की कल्पना से परे हैं।
कई बिंदुओं पर हमारे विचार अलग हो सकते हैं, लेकिन हम फिर भी एक हैं। उन्होंने इस बारे में विस्तार से बताने से इन्कार कर दिया कि उनके बीच आम सहमति कैसे बनी। बता दें कि कच्चे तेल के दामों में हो रही लगातार बढ़ोतरी के चलते भारत ओपेक देशों से उत्पादन बढ़ाने की मांग करता रहा है।
ऑनलाइन बैठक के बाद संयुक्त अरब अमीरात के ऊर्जा मंत्री सुहैल-अल-मजरूई ने पत्रकारों को (पूण सहमति) बनने की जानकारी दी थी। हालांकि, उन्होंने तुरंत कुछ नहीं बताया। बाद में ओपेक के बयान में पांच देशों का उत्पादन स्तर बढ़ाने पर सहमति की जानकारी दी गयी। पहले इसी महीने उत्पादन को लेकर बातचीत टूट गई थी, क्योंकि यूएई अपना खुद का उत्पादन स्तर बढ़ाना चाहता था। इस वजह से यूएई और सऊदी अरब के बीच तनाव बढ़ गया था। अल मजरूई ने कहा, ‘यूएई इस समूह के प्रति प्रतिबद्ध है और हमेशा उसके साथ काम करेगा। हम बाजार संतुलन और सबकी मदद के लिए बेहतर प्रयास करेंगे।’
उल्लेखनीय है कि कोरोना वायरस महामारी के बीच वाहन ईंधन और जेट ईंधन की मांग घटने से कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट आई थी। अब दुनिया के कई देशों में टीकाकरण की रफ्तार बढ़ने से मांग में सुधार हुआ है। बेंचमार्क ब्रेंट कच्चा तेल शुक्रवार को 73 डॉलर प्रति बैरल पर के भाव पर चल रहा था।